मुख्यमंत्री की केन्द्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात; राजस्थान की बिजली कंपनियों की माली हालत सुधारने और अन्य जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए केन्द्रीय मदद का आग्रह

जयपुर, 20 जनवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने मंगलवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्तमंत्री श्री अरूण जेटली से मुलाकात कर राजस्थान की बिजली कम्पनियों की माली हालत सुधारने और महत्वाकांक्षी भामाशाह योजना के साथ अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए केंद्रीय सहायता उपलब्ध करवाने का आग्रह किया।

मुलाकात के समय केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्री पीयूष गोयल, केंद्रीय वित्त सचिव श्री राजीव महर्षि, राज्य के मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन, प्रमुख वित्त सचिव श्री पी.एस. मेहरा, प्रमुख ऊर्जा सचिव श्री संजय मल्होत्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।

बैठक में मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने केंद्रीय वित्तमंत्री को राजस्थान की बिजली कम्पनियों की माली हालत की विस्तार से जानकारी दी और बताया कि पिछली सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण बिजली कम्पनियों का कुल घाटा 77 हजार 543 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

उन्होंने बताया कि उनके पिछले कार्यकाल के दौरान बिजली की छीजत का प्रतिशत 41 से घटकर 27 प्रतिशत हो गया था, लेकिन पिछली सरकार के कार्यकाल में छीजत में वृद्धि हुई साथ ही लागत वसूली भी राष्ट्रीय औसत से काफी कम रही है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में ऊर्जा की विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से जहां एक ओर बिजली का उत्पादन बढ़ाना चाहती है वहीं दूसरी और बिजली वितरण प्रबंधन में सुधार कर छीजत में कमी और बिजली की चोरी आदि रोकने का इरादा रखती है, लेकिन ऊर्जा क्षेत्रा में विभिन्न सुधारों और महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों को लागू करने के साथ ही बिजली कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए केन्द्रीय मदद अत्यंत जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि केन्द्रीय बजट से पूर्व हुए विचार विमर्श के दौरान राज्य सरकार ने अपनी चिंताओं से केन्द्रीय वित्त मंत्री को अवगत करवाया है तथा प्रदेश को विभिन्न क्षेत्रों में केन्द्र से अधिकाधिक धनराशि मुहैया करवाने के साथ ही कई सुझाव भी दिए हैं।

बैठक के सार्थक परिणाम निकलेंगे: श्री पीयूष गोयल
बैठक के बाद केन्द्रीय उर्जा राज्यमंत्री श्री पीयूष गोयल ने बताया कि प्रधानमंत्री की देश में चैबीसों घंटे बिजली दिए जाने की भावना के अनुरूप राजस्थान में भी ऊर्जा के क्षेत्रा में सुधार के मुख्यमंत्री के प्रयास सफल होंगे। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय वित्त मंत्री के साथ हुई उनकी, मुख्यमंत्री एवं अधिकारियों की बैठक के सार्थक परिणाम निकलने की उम्मीद है।

श्री गोयल ने बताया कि राजस्थान में पिछली सरकार के खराब वित्तीय एवं विद्युत प्रबंधन के कारण राज्य की कंपनियों को पांच वर्षों में 55 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का घाटा उठाना पड़ा है, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। पिछले वित्तीय वर्ष में भी बिजली वितरण कंपनियों को देश में सबसे अधिक 12 से 15 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार राजस्थान को हर संभव मदद करने में कोई कसर बाकी नही रखेगी।