राजस्थान से लगी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़ी समस्याओं, सीमा विकास एवं सैनिक कल्याण पर की चर्चा
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने बुधवार को नई दिल्ली में रक्षा मंत्री श्री मनोहर पार्रीकर से भेंट कर राजस्थान से लगी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़ी सुरक्षा एवं सीमा क्षेत्रा विकास, सैनिक कल्याण, सैनिक स्कूल आदि विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
श्रीमती राजे ने सीमावर्ती बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर आदि जिलों में सीमा सड़क संगठन द्वारा संधारित 3765 कि.मी. सड़कों का जिक्र करते हुए बताया कि इन सड़कों का कुछ हिस्सा जर्जर हो चुका है। विशेषकर अनूपगढ़-सूरतगढ़ रोड की स्थिति बहुत खराब है। उन्होंने इन जिलों में करीब 634 कि.मी. लम्बी 25 सड़कों की मरम्मत करवाने का आग्रह किया और कहा कि यदि ऐसा संभव न हो तो राज्य सरकार के सार्वजनिक निर्माण विभाग को इनकी मरम्मत के लिए करीब 352 करोड़ रुपये अतिरिक्त स्वीकृति प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ने श्रीगंगानगर जिले में प्रस्तावित आर्मी विमानन पट्टी को सेवाओं सम्बन्धी प्रस्ताव का स्वागत करते हुए आग्रह किया कि भारतीय सेना अपने सामाजिक सरोकारों एवं दायित्व के अन्तर्गत सीमावर्ती जिलों में स्कूल, चिकित्सालय एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं के विकास कार्यों को प्राथमिकता से हाथ में लेवे। उन्होंने रक्षा मंत्री से राज्य के झुझुनूं एवं अलवर में स्वीकृत सैनिक स्कूलों को अगले शिक्षा सत्रा से प्रारंभ करवाने का अनुरोध भी किया।
श्रीमती राजे ने बताया कि रक्षा क्षेत्रा से जुड़े उत्पादों के लिए राजस्थान एक आदर्श राज्य है। राज्य के नीमराना, जापानी जोन खुशखेड़ा आदि में बड़े स्तर पर इलेक्ट्रोनिक पुर्जाें का निर्माण हो रहा है। इसी तर्ज पर देश की रक्षा प्रणाली की मजबूती के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा राजकीय उपक्रमों के माध्यम से रक्षा सम्बन्धी कल पुर्जों का उत्पादन करने के लिए राजस्थान में निवेश के लिए पहल की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने डी.आर.डी.ओ. के माध्यम से राज्य में शोधपरक गतिविधियों के विस्तार पर भी गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री को बताया कि राजस्थान के कई जिलों के जांबाज सिपाही देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे है और देश के लिए कुर्बानी देने में भी अग्रणी हैं। उन्होंने राज्य में सैनिकों के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। साथ ही आग्रह किया कि राज्य को सैनिकों की विधवाओं की सहायता, सैनिक विश्राम गृहों के विस्तार एवं सैनिकों कल्याण से जुड़े अन्य कार्यो के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करवाई जाए।
नई दिल्ली/जयपुर, 13 मई 2015
