दूरगामी सोच के निर्णय बढ़ायेंगे विकास की गति

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दूरगामी सोच को ध्यान में रखते हुए लिए गये ठोस निर्णयों एवं उनकी समयबद्ध क्रियान्विति से प्रदेश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के साथ साथ कौशल विकास, पर्यटन, नगरीय विकास, ऊर्जा, उद्योग, कृषि एवं खनन सहित अन्य क्षेत्रों को फोकस में रखकर आगे बढ़ रही है।

श्रीमती राजे सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के कान्फ्रेंस हाॅल में मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद् की दूसरी बैठक के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रही थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल 10 अगस्त को हुई परिषद् की पहली बैठक के दौरान प्रदेश के विकास का रोड-मेप तैयार करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण सुझाव आये थे। उन सुझावों को कार्यरूप में परिणत करने के लिए एक साल में कई कदम उठाये गये हैं। खासकर शिक्षा एवं स्वास्थ्य, निवेश के लिए उपयुक्त माहौल, पर्यटन विकास, श्रम क्षेत्र में सुधार, सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार के साथ कौशल विकास आदि के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनावश्यक कानूनों का बोझ कम करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण पहल करते हुए 247 अप्रासंगिक कानूनों को खत्म करने से संबंधित बिल को मंजूरी दी है।

नई नीतियों पर बल

श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य सरकार ने खनन, सौर ऊर्जा एवं पर्यटन के क्षेत्र में नई नीतियां बनाई हैं। बिजली कम्पनियों के वित्तीय सशक्तीकरण का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर हमें गहनता से विचार कर आगे बढ़ना होगा। आधारभूत ढांचे के विकास में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) को बढ़ावा दिया जा रहा है। सड़क निर्माण, शिक्षा के स्तर में सुधार एवं गांवों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए निजी सहभागिता को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

नियमित होगी परिषद् की बैठक

श्रीमती राजे ने कहा कि अब मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद् की बैठक निश्चित समयावधि पर आयोजित होगी। उद्घाटन सत्र में पिछली बैठक में आये सुझावों के आधार पर किये गये निर्णयों की क्रियान्विति पर आयोजना सचिव श्री अखिल अरोरा ने प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि सलाहकार परिषद् की बैठक एवं कार्यकारी समिति की बैठक में कुल 121 अनुशंसाएं आई थीं जिनमें से 60 क्रियान्वित हो चुकी हैं जबकि 61 अनुशंसाओं को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, टेलीमेडिसिन एवं कौशल उन्नयन के लिए एमओयू हो चुके हैं। सोलर पाॅलिसी, रिप्स-2014 जारी की जा चुकी हैं। फोर वाॅटर कन्सेप्ट में 102 माइक्रो इरीगेशन टैंक एवं 188 चैक डेम्स पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जनआवास योजना एवं एग्रो प्रोसेसिंग पाॅलिसी को अन्तिम रूप दिया जा रहा है। कौशल उन्नयन के लिए सिंगापुर की आईटीईईएस सहित टोयटा, सैमसंग, केयर्न, केटरपिलर जैसी नामी-गिरामी कम्पनियों के साथ करार किये गये हैं।

भावी योजनाओं पर प्रस्तुतीकरण

मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद् की पिछली बैठक में विभिन्न उपसमूहों की अनुशंसाओं, उनकी क्रियान्विति तथा भावी योजनाओं पर नगरीय विकास, सार्वजनिक निर्माण विभाग, ऊर्जा, जलसंसाधन, शि़क्षा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम एवं नियोजन, कृषि एवं पशुपालन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं उद्योग विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं सचिवों ने प्रस्तुतीकरण दिया। भामाशाह योजना, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, रिसर्जेंट राजस्थान एवं अन्नपूर्णा भण्डार योजना पर भी प्रस्तुतीकरण दिये गये।

मुख्य सचिव श्री सी.एस.राजन ने कान्फ्रेंस की शुरुआत में सभी का स्वागत करते हुए रूपरेखा प्रस्तुत की। इस अवसर पर राज्य मंत्रिपरिषद् के सदस्य, मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद् के सदस्य तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

भामाशाह योजना का लाइव डेमो देखा

मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री कार्यालय में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा लगाये गये विशेष काउन्टरों पर भामाशाह योजना का लाइव डेमो देखा एवं इसके बारे में चर्चा की। श्रीमती राजे ने वहां लगाये गये भामाशाह योजना के नामांकन काउन्टर, डेटा मिलान काउन्टर, नकद हस्तांतरण काउन्टर एवं गैर नकद हस्तांतरण काउन्टर पर जाकर उनकी कार्यप्रणाली देखी एवं उसके बारे में जानकारी ली।

जयपुर, 14 सितम्बर 2015