प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पीपीपी मोड पर संचालित होंगे

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को पीपीपी मोड पर संचालित करने एवं वन रक्षकों की ग्रेड-पे में बढ़ोतरी करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।

संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि राज्य में चिकित्सा अधिकारी एवं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सम्बद्ध उप स्वास्थ्य केन्द्रों को पीपीपी मोड पर संचालित करने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में प्रदेश के 2082 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में से ऐसे 90 केन्द्रों को पीपीपी मोड पर संचालित किया जायेगा, जहां वर्तमान में स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप स्टाफ एवं सुविधायें उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से दी जा रही निःशुल्क दवा, निःशुल्क जांच, टीेकाकरण, 104 एवं 108 एम्बूलेंस सहित अन्य सुविधायें पीपीपी मोड पर संचालित किये जाने वाले केन्द्रों पर यथावत जारी रहेंगी। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के संचालनकर्ता को चिकित्सकों, पैरामेडिकल एवं अन्य स्टाफ के अतिरिक्त फ्री ओपीडी, 6 बैड की आईपीडी, 24 घन्टे आपातकालीन सेवा, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, प्रेग्नेंसी पंजीकरण, 4 बार एएनसी, सामान्य प्रसव हेतु लेबर रूम, रेफरल, टीकाकरण सहित अन्य सुविधायें देनी होगी। यहां पूर्व की भांति मरीजों को निःशुल्क उपचार मिलेगा। पीपीपी मोड पर संचालन खुली निविदा के माध्यम से किया जायेगा।

वनरक्षकों की ग्रेड-पे में वृद्धि

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन), नियम 2008 में संशोधन कर वनरक्षकों की ग्रेड-पे 1900 से बढ़ाकर 2000 रूपये करने की मंजूरी भी कैबिनेट ने दी है। इससे 3 हजार 967 वनरक्षक लाभान्वित होंगे और राज्य सरकार पर प्रतिवर्ष करीब 450 लाख रूपये का वित्तीय भार आयेगा।

पेंशनर्स को जीवित प्रमाण-पत्र के लिये बैंक नहीं जाना होगा

श्री राठौड़ ने बताया कि राज्य के पेंशनर्स को अब जीवित होने का प्रमाण-पत्र देने के लिये बैंक में नहीं जाना पड़ेगा। पेंशनर्स के लिये आधार कार्ड पर आधारित डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने की सुविधा लागू की जा रही है। इसके लिये निजी कम्प्यूटर, ई-मित्र, सामुदायिक सेवा केन्द्र या मोबाईल पर आधार कार्ड से बायोमेट्रिक डिवाइस डिजिटल जीवित प्रमाण-पत्र बैंक शाखा को प्राप्त हो जायेगा।

पुनर्गठन से फिरेंगे आरटीडीसी के दिन

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिये राजस्थान पर्यटन विकास निगम का पुनर्गठन किया जायेगा। इससे निगम में वर्तमान में कार्यरत कार्मिकों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि निगम की 75 परिसम्पत्तियां हैं जिन्हे तीन श्रेणियों में विभाजित किया जायेगा। पहली श्रेणी में वे परिसम्पत्तियां हैं जो बनने के बाद संचालित ही नहीं हुई है और जिनके संचालन की सम्भावना शून्य है। उन्हें नियमानुसार पारदर्शितापूर्वक नीलाम किया जायेगा। दूसरी श्रेणी की परिसम्पत्तियों को लीज पर अथवा पीपीपी मोड पर संचालित किया जायेगा तथा शेष परिसम्पत्तियों को प्रतिस्पद्र्धा के आधार पर आधुनिकीकरण कर संचालित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि निगम वर्तमान में 125 करोड़ रूपये के घाटे में है। इसकी 75 परिसम्पत्तियों में से 27 बन्द हैं। केवल 44 परिसम्पत्तियां ही संचालित हैं। इनमें भी केवल 12 ही लाभ में चल रही हैं।

तेजाब की बिक्री का रखना होगा रिकार्ड

श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में राजस्थान विष आधिपत्य एवं विक्रय नियम 2015 लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके अनुसार मानवीय बीमारी के इलाज, घरेलू, कृषि या व्यावसायिक उद्देश्य के लिये काम आने वाले विष तथा तेजाब के विक्रय एवं संग्रहण को प्रभावी ढंग से विनियमित किया जा सकेगा। इन नियमों के अन्तर्गत 0 से 2 पीएच मान के एसिड और 11.5 से 14 पीएच मान के एल्केलाइन की बिक्री को विनियमित किया जायेगा। विक्रेता को इनकी बिक्री के लिये एक लाॅगबुक रखनी होगी जिसमें एसिड क्रय करने वाले व्यक्ति की जानकारी, एसिड की मात्रा एवं क्रय करने के उद्देश्य का रिकार्ड रखना होगा। क्रेता को एसिड खरीदने के लिये अपने फोटो पहचान-पत्र की प्रति देनी होगी। बैठक में एसिड हमले के पीडि़त को 3 लाख रूपये तक मुआवजा एवं इलाज की समस्त सुविधायें मुफ्त देने का निर्णय भी लिया गया।

प्रोबेशनर ट्रेनी के फिक्स वेतन में बढ़ोतरी

श्री राठौड़ ने बताया कि राज्य के प्रोबेशनर ट्रेनी के फिक्स वेतनमान में 1 जुलाई,2015 से 10 प्रतिशत वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले 1 सितम्बर,2014 से फिक्स वेतनमान में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। इस निर्णय से राज्य के करीब एक लाख प्रोबेशनर ट्रेनी लाभान्वित होंगे।

विधानसभा में निजी सचिव पद के पदोन्नति नियम में संशोधन

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि शासन सचिवालय की तरह राजस्थान विधानसभा सचिवालय में अतिरिक्त निजी सचिव से निजी सचिव के पद पर पदोन्नति की योग्यता में एकरूपता लाने के लिये राजस्थान विधानसभा सचिवालय (भर्ती एवं सेवा की शर्तें) नियम 1992 में संशोधन का निर्णय लिया गया है। अब यह पदोन्नति 100 प्रतिशत मेरिट कम सीनियरिटी के आधार पर की जायेगी।

महिन्द्रा सेज में घरेलू औद्योगिक क्षेत्र की भूमि बढ़ाई

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि महिन्द्रा वल्र्ड सिटी जयपुर लि. की सामाजिक आधारभूत संरचना की 1000 एकड़ भूमि को घटाकर 446 एकड़ भूमि किया गया है। इससे घरेलू औद्योगिक क्षेत्र के लिये 500 एकड़ भूमि के बजाय अब 1000 एकड़ भूमि उपलब्ध होगी। इस निर्णय से राज्य में ज्यादा निवेश आकर्षित होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

जयपुर, 16 जून 2015