राज्य में पहली बार मंत्रिमण्डल ने की अपने निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई, जिसमें वर्ष 2014 एवं 2015 में मंत्रिमण्डल की बैठकों में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। मंत्रिमण्डल की बैठक में पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक के 1148 पदों पर शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने एवं स्थानीय निकाय चुनाव में शैक्षिणक अर्हता का समावेशन करने के निर्णय का अनुमोदन किया गया।

संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने पत्रकारों को मंत्रिमण्डल में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मंत्रिमण्डल ने स्वयं अपने निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होेंने बताया कि वर्ष 2014 में मंत्रिमण्डल की बैठकों में 173 निर्णय लिए गए, जिनमें से 162 का क्रियान्वयन हो चुका है और 11 प्रगतिरत हैं। इसी प्रकार वर्ष 2015 में हुई बैठकों में 148 निर्णय लिए गए, जिनमें से 89 क्रियान्वित हो चुके हैं और 59 प्रगतिरत हैं। उन्होंने बताया कि आज हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में मुख्यमंत्री ने एक-एक निर्णय की समीक्षा करते हुए प्रगतिरत निर्णयों की समयबद्ध क्रियान्वति पर बल दिया।

एनटीटी के 1148 पदों पर भर्ती शीघ्र

श्री राठौड़ ने बताया कि राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक (एनटीटी) के 1148 पदों के लिए पूर्व में स्थगित परीक्षा की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होगी इससे इन पदों पर शीघ्र नियुक्ति हो जाएगी।

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2013 में खान एवं भूविज्ञान विभाग द्वारा खनिज संरक्षण बल के लिए आयोजित कांस्टेबल लिखित परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को शारीरिक दक्षता परीक्षा के बाद आरएसी की 14वीं बटालियन में समायोजित किया जाएगा। आगामी माह से यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

स्थानीय निकाय चुनाव में शैक्षणिक अर्हता का समावेशन

श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 21 में संशोधन के लिए राजस्थान नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश, 2015 का अनुमोदन किया गया। संशोधन के तहत स्थानीय निकायों के सदस्य निर्वाचित होने के सम्बन्ध में शैक्षणिक अर्हता का प्रावधान किया गया है। इसके तहत नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। उन्हें राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड या इसके समकक्ष अन्य बोर्ड का दसवीं उत्तीर्ण का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा। इसके अलावा उन्हें घर में शौचालय होने का शपथ-पत्र भी देना होगा।

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि पंचायत राज संस्थाओं के पिछले चुनाव में जिला परिषद् के दसवीं पास या इससे अधिक योग्यता वाले सदस्य 33 प्रतिशत थे जो इस चुनाव में बढ़कर 70 प्रतिशत हो गए। इसी प्रकार पंचायत समिति सदस्य 18 प्रतिशत थे, जो बढ़कर 54 प्रतिशत हो गए। सरपंचों के चुनाव में आठवीं पास या इससे अधिक योग्यता वाले 23 प्रतिशत थे जो बढ़कर 48 प्रतिशत तक पहुंच गए। इसी को देखते हुए स्थानीय निकाय चुनाव में भी शैक्षणिक योग्यता निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है।

श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में वर्ष 1999 से पूर्व कृषि भूमि पर बसी आवासीय बस्तियों को आवासीय भूखण्ड का पट्टा देने के लिए पूर्व में निर्धारित कट आॅफ डेट 30 सितम्बर, 2012 को बढ़ाकर 31 मई, 2013 करने का निर्णय लिया गया, इससे करीब सवा लाख परिवार लाभान्वित होंगे। इन्हें प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान देय छूट का लाभ दिया जाएगा।

राज्य की 61 ग्राम पंचायतें राजस्व वाद से मुक्त

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि राज्य में 18 मई से 20 जुलाई तक राजस्व मामलों के निस्तारण के लिए आयोजित न्याय आपके द्वार अभियान में 20.37 लाख से अधिक मामले निस्तारित किए गए। इससे करीब 30 लाख परिवार लाभान्वित हुए हैं। राज्य की 61 ग्राम पंचायतें अभियान के दौरान राजस्व वाद मुक्त हो गई हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान में मात्र डेढ़ माह में ही 3.99 लाख राजस्व मुकदमों का निस्तारण किया गया जबकि वर्ष 2014 में उपखण्ड मजिस्ट्रेट एवं सहायक कलेक्टर कोर्ट में केवल 92 हजार राजस्व मुकदमों का निस्तारण हुआ। अभियान के दौरान राजस्व अभिलेख में दुरुस्ती के 5 लाख से अधिक, खाता विभाजन के करीब 82 हजार, नामांतरकरण के करीब सवा छह लाख, राजस्व नकल के 5 लाख 62 हजार और गैर खातेदारी से खातेदारी के करीब 13 हजार मामलों का निस्तारण किया गया।

जयपुर, 21 जुलाई 2015