गौवंश की रक्षा के लिए पॉलीथीन का प्रयोग बंद हो

भरतपुर के जड़खौर गौधाम में सुमेरू महामहोत्सव

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि जहां गाय सुरक्षित नहीं रहती, वहां के लोग कलंकित होते हैं। इसलिए गौवंश की रक्षा के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश में पॉलीथीन के उपयोग पर लगे प्रतिबंध की अनुपालना होनी चाहिए। आम लोगों का अपने विवेक से घरों और बाजारों में पॉलीथीन प्रतिबंध सुनिश्चित करना भी गौभक्ति है।

श्रीमती राजे शनिवार को भरतपुर जिले के डीग स्थित जड़खौर गौधाम में आयोजित सुमेरू महामहोत्सव में संत-समाज की उपस्थिति में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि दूरदराज क्षेत्र में गौशाला संचालित कर 60 हजार से अधिक गौवंश की देखभाल करने वाला यह धाम अनूठा है। इस क्षेत्र में गौ-संरक्षण का इतना बड़ा काम हो रहा है, जिसके लिए क्षेत्रवासी, श्रद्धालु तथा संत समाज साधुवाद के पात्र हैं।

गौशालाओं में सुविधाओं के लिए 50 करोड़ रुपए का अनुदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौवंश की देखभाल और संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साथ-साथ आम लोगों की भागीदारी बहुत आवश्यक है। देश में पहली बार गौ-पालन के लिए राजस्थान में नया मंत्रालय बनाया गया है तथा विभिन्न गौशालाओं में आधारभूत सुविधाओं के लिए 50 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। गौशालाओं में मौजूद गौवंश की टैगिंग की गई है। छोटी और बीमार गायों तथा नंदी के लिए अलग-अलग सुविधाएं विकसित की जा रही हैं तथा सभी गौशालाओं के लिए अनुदान की समय-सीमा 3 महीने से बढ़ाकर 6 महीने कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़़ने पर विभिन्न संसाधनों के माध्यम से इस सीमा को और बढ़ाया जा सकता है।

प्रदेशभर में बनाए संत-महात्माओं के पैनोरमा

मुख्यमंत्री ने कहा कि संत-महात्माओं और महापुरूषों के जीवन और उनके इतिहास के बारे में नई पीढ़ी को रूबरू कराने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने राजस्थान के लगभग हर जिले में पैनोरमा स्थापित किए हैं। चार वर्षों में मंदिरों के जीर्णोद्धार और विकास के लिए 550 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। पश्चिमी राजस्थान के गोगामेड़ी से लेकर पूर्व में ब्रज चौरासी तक धर्मस्थलों और मंदिरों पर श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विकास किया है। उन्होंने श्री खाटूश्याम जी मंदिर, श्री नाथद्धारा, पीपाजी महाराज मंदिरों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार यहां सुविधाओं के विकास पर फोकस कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए संतों का आशीर्वाद जरूरी है।

चार वर्ष में भरतपुर में हुए 6 हजार 600 करोड़ रुपए खर्च

श्रीमती राजे ने कहा कि भरतपुर के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, बिहारी मंदिर, गंगा मंदिर एवं विमल कुंड के विकास के लिए 8 करोड़ से अधिक खर्च किए जाएंगे। ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा तथा सप्तकोसी परिक्रमा मार्गों पर भी श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि केवल भरतपुर जिले में राज्य सरकार ने लगभग 6 हजार 600 करोड़ रुपए बीते चार वर्ष में खर्च किए हैं। नदबई, नगर और कामां में सरकारी कॉलेज खोलने की बजट घोषणा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि एक ही जिले में एक साथ तीन नए कॉलेज खोले जा रहे हैं।

साधु-संतों ने की मुख्यमंत्री की तारीफ

इससे पहले कथावाचक श्री गुरूशरणानंद जी महाराज ने मुख्यमंत्री द्वारा मंच पर संतों का वंदन करने के बाद संत समाज के साथ सोफे पर न बैठकर नीचे आसन पर बैठने पर तारीफ की। उन्होंने कहा कि राजस्थान का सौभाग्य है कि यहां ऐसी भक्तिभाव वाली नेता मुख्यमंत्री हैं। साध्वी प्रीति ने श्रीमती राजे की धर्मपरायणता की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की ऐसी भावना के कारण इन पर हमेशा साधु-संतों का अशीवाद बना रहता है और इनको विजय मिलती है।

मुख्यमंत्री ने गौशाला परिसर में स्थित श्रीनाथ जी की प्रतिमा के दर्शन किए। उन्होंने विधिवत गौ पूजन किया और धाम में प्रसाद ग्रहण किया। गौधाम से लौटते समय श्रीमती राजे ने सेऊ गांव के सरंपच श्री रामदयाल के निवास पर रूककर ग्रामीणों से मुलाकात की। स्थानीय लोगों ने चुनरी ओढ़ाकर एवं तलवार भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

इस अवसर पर पर्यटन राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णेंद्र कौर दीपा, सासंद श्री बहादुर सिंह कोली, विधायक श्रीमती अनिता सिंह, श्री बच्चू सिंह सहित अनेक पीठों से आए पीठाधीश्वर संत और बड़ी संख्या में श्रद्धालु तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।

भरतपुर/जयपुर, 24 फरवरी 2018