पेयजल योजनाओं को सेवाकर से छूट के लिए स्पष्टीकरण जारी करे केन्द्र

केन्द्रीय वित्त मंत्री को लिखा पत्र

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली को पत्र लिखकर केन्द्रीय कर अधिकारियों द्वारा राजस्थान में जलदाय विभाग के ठेकेदारों को पेयजल आपूर्ति योजनाओं के कार्यों के लिए सेवा कर नोटिस जारी करने पर आपत्ति जताई है।

श्रीमती राजे ने शनिवार को लिखे अपने पत्र में केन्द्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि प्रदेश के कई जिलों में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए ठेकेदारों द्वारा बोरिंग, कुंए बनाने तथा पेयजल आपूर्ति लाइन आदि के कार्य किए जाते हैं, जो सेवा कर से छूट प्राप्त हैं। इसके बावजूद जोधपुर स्थित केन्द्रीय कर आयुक्त के अधिकारियों ने झून्झुंनु, सीकर, बीकानेर आदि जिलों के ठेकेदारों को उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए सेवा कर भुगतान के लिए नोटिस जारी किए हैं। कर अधिकारियों ने जलदाय विभाग के स्थानीय अधिकारियों से भी ऐसे ठेकेदारों और उनके द्वारा किए किए कार्यों की सूचियां मांगी हैं।

मुख्यमंत्री ने लिखा कि जनता को पेयजल उपलब्ध कराने जैसी राज्य सरकार की अतिआवश्यक सेवा पर कर लगाने से प्रदेश को एक बड़ी राशि केन्द्र सरकार को कर के रूप में चुकानी पड़ेगी, जिसका असर प्रदेश के वित्तीय प्रबंधन पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस विषय में केन्द्रीय कर अधिकारियों ने ठेकेदारों को नोटिस देते समय न केवल इस तथ्य की उपेक्षा की, अपितु जलदाय विभाग के अधिकारियों से कोई चर्चा भी नहीं की गई।

श्रीमती राजे ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि पेयजल के लिए बोरिंग और ट्यूबवैल आदि बनाने के कार्यों को सेवा कर के दायरे से बाहर रखने के विषय में केन्द्र सरकार जल्द से जल्द अधिसूचना के माध्यम से उचित स्पष्टीकरण जारी करे।

जयपुर, 23 जुलाई 2016