ब्रिक्स देश स्मार्ट सिटीज् के विकास के लिए आपसी सहयोग करें

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि ब्रिक्स के सदस्य देश स्मार्ट सिटीज् के विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में एक दूसरे के व्यापक अनुभवों का लाभ ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि चीन के शंघाई, रूस के सेंट पीटर्सबर्ग तथा मास्को, दक्षिण अफ्रीका के कैपटाउन एवं जोहनसबर्ग तथा ब्राजील के साओ पाउलो एवं रियो डी जेनेरियो में शहरी विकास, पर्यटन तथा हैरिटेज संरक्षण के क्षेत्र में हुए नवाचारों को हम यहां की परिस्थितियों के अनुरूप अपना सकते है। इन देशों के सहयोग से राजस्थान में भी आधारभूत ढ़ांचे के विकास को गति मिल सकती है।

श्रीमती राजे शुक्रवार को होटल जयमहल पैलेस में आयोजित ब्रिक्स स्मार्ट सिटी कान्फ्रेन्स में मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच भौगोलिक दूरी और कईं तरह की विभिन्नताओं के बावजूद इनमें समानताएं भी हैं। इन सभी का क्षेत्रफल ज्यादा है यहां प्राकृतिक एवं मानव संसाधन भी भरपूर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में जनसंख्या बढ़ने के साथ कई तरह की चुनौतियां भी बढ़ रही है। इससे शहरी आधारभूत ढ़ांचे पर दबाव बढ़ा है। शहरी विकास की सबसे अहम् जरूरत सभी को अर्फोडेबल आवास उपलब्ध कराना है। भविष्य के शहरों में हमें तकनीक आधारित सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी। उन्होंने कहा कि जब हम स्मार्ट सिटी की बात करते है तो हमें एक खूबसूरत, साफ और व्यवस्थित शहर दिखाई देता है जहां यातायात व्यवस्था सुचारू तथा लोगों का जीवन सुव्यवस्थित हो। स्मार्ट सिटी के साथ-साथ लोगों को भी स्मार्ट व स्किल्ड बनना होगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में हमने युवाओं में कौशल विकास के लिए स्किल डवलपमेंट कार्यक्रम चलाया है। जिसमें युवाओं को विश्व स्तर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को नामी कम्पनियों के साथ जोड़कर स्किल डवलपमेंट ट्रेनिंग सेन्टर के रूप में विकसित कर रहे है।

श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान में जयपुर, अजमेर, उदयपुर और कोटा को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित कर रहे है। जयपुर शहर स्मार्ट सिटी बनने की ओर अग्रसर है। हमने स्मार्ट लाइटिंग, आईटी आधारित सेवाएं, ई-मित्र कियोस्क, पार्किंग प्रबंधन, वाई-फाई कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई है। जयपुर दक्षिण एशिया की पहली लाइट हाउस सिटी घोषित किया गया है। यूनेस्को ने जयपुर को सिटी आॅफ क्राफ्ट्स मनोनित किया है। वल्र्ड क्राफ्ट्स काउन्सिल ने भी जयपुर को क्राफ्ट सिटी घोषित किया है। उन्होंने कहा कि जयपुर तो देश के उन शहरों में शामिल है जो अपने आरम्भिक दौर में ही नियोजित शहर के रूप में बसाए गए थे।

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताईं कि ऐसे आयोजनों से ब्रिक्स देश साथ बैठकर आपसी सहयोग के मुद्दों पर चर्चा करेंगे, अनुभवों को साझा करेंगे और समस्याओं का समाधान सुझायेंगे, जिससे शहरी विकास और लोगों के जीवन स्तर में सुधार आयेगा। श्रीमती राजे ने दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रीयल काॅरिडोर के विकास तथा इसके मद्देनजर राजस्थान में स्मार्ट शहरों के विकास की संभावनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि हम इसका अधिक से अधिक लाभ उठाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

इससे पहले विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आलोक डिमरी ने ब्रिक्स देशों में परस्पर सहयोग तथा नागरिकों को एक-दूसरे के करीब लाने के लिए भारत सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि इस साल अक्टूबर माह में गोवा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसी कड़ी में देश के विभिन्न शहरों में ऐसे कई आयोजिन किए जा रहे है, जिससे आपसी सहयोग और समझ विकसित होगी।

मुख्यमंत्री ने उद्घाटन सत्र के बाद ब्रिक्स देशों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की तथा उनसे आपसी संवाद और सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया।

सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा और दाण्डिक न्याय विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलपति डाॅ. भूपेन्द्र सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया। आॅब्जर्वर रिसर्च फाउण्डेशन के वाइस प्रेसिडेंट डाॅ. समीर सरन ने संचालन किया। विदेश मंत्रालय, आॅब्जर्वर रिसर्च फाउण्डेशन तथा सरदार पटेल पुलिस सुरक्षा और दाण्डिक न्याय विश्वविद्यालय, जोधपुर की ओर से आयोजित इस काॅन्फ्रेंस में ब्रिक्स देशों के रिसर्च स्काॅलर, नीति विश्लेषक, विशेषज्ञ आदि भाग ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इन सभी से संवाद कर आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की।

जयपुर, 19 अगस्त 2016