कम समय में ही आए सिंगापुर यात्रा के सुखद परिणाम; मुख्यमंत्री की प्रो-एक्टिव सोच से प्रभावित-सिंगापुर के विदेश मंत्री
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे तथा सिंगापुर के विदेश मामलात एवं विधि मंत्री श्री के. षणमुगम की मौजूदगी में बुधवार को एसएमएस कन्वेंशन सेंटर में राजस्थान सरकार तथा सिंगापुर काॅपरेशन एन्टरप्राइज के बीच राज्य में वाटर मैनेजमेंट प्रोग्राम के लिए ग्रांट एग्रीमेंट पर साझा हस्ताक्षर हुए। राज्य सरकार की ओर से जलदाय विभाग के शासन सचिव श्री दिनेश कुमार तथा सिंगापुर काॅपरेशन एन्टरप्राइज की ओर से सीईओ श्री काँग वाय मुन ने हस्ताक्षर किए।
इस एग्रीमेंट के तहत राज्य में पेयजल प्रबंधन एवं अपशिष्ट जल को रिसाइकल कर उसे उपयोग लायक बनाने के लिए प्रदेश को सिंगापुर की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा। इसके अन्तर्गत 18 माह तक राज्य के जलदाय विभाग के 100 कार्मिकों की क्षमता संवर्धन के लिए सिंगापुर के टेमसेक फाउंडेशन के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे। इसके तहत जयपुर में पहली वर्कशाॅप की आज से शुरूआत हो गई है। इस कार्यक्रम में सिंगापुर की भागीदारी 4 लाख 20 हजार 508 सिंगापुर डाॅलर की होगी जबकि राज्य का जलदाय विभाग इसके लिए 2 लाख 71 हजार 536 सिंगापुर डाॅलर का अंशदान देगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर माह में हुई उनकी सिंगापुर यात्रा के काफी कम समय में ही सुखद और सार्थक परिणाम सामने आये हैं। एक बडे़ औद्योगिक प्रतिनिधिमण्डल का राजस्थान आना इस बात का परिचायक है कि हमें अपने मिशन में सफलता मिली है। सिंगापुर यात्रा के दौरान जल प्रबंधन, स्किल डवलपमेंट, अरबन प्लानिंग जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई थी और मैं कई विचारों के साथ लौटी थी। अब इसके उत्साहजनक परिणाम निकले हैं। आईटीई एजूकेशन सर्विसेज और ’गार्डन्स बाय द बे’ के बारे में काफी चर्चा हो चुकी है भविष्य में इसके बेहतर परिणाम सामने आयेंगे। अब सिंगापुर काॅपरेशन एन्टरप्राइज के साथ जल प्रबंधन के क्षेत्र में करार हो रहा है। भविष्य में आॅटोमोबाइल्स, इंजीनियरिंग और पीपीपी माॅडल पर कई साझा परियोजनाएं आने की उम्मीद है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नवम्बर में होने वाले रिसर्जेंट राजस्थान के लिए सिंगापुर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा और इसका प्रदेश की जनता को लाभ मिलेगा।
सिंगापुर के विदेश मामलात मंत्री श्री के. षणमुगम ने श्रीमती राजे के विजन और दृढ़ निश्चय की सराहना करते हुए कहा कि वे प्रदेश को आगे ले जाने की मुख्यमंत्री की प्रो-एक्टिव एप्रोच से काफी प्रभावित है।उन्होंने कहा कि सिंगापुर छोटा देश है और वहां मानवीय संसाधन की कमी है। ऐसे में राजस्थान जैसे राज्य के साथ मिलकर कौशल विकास, जल प्रबंधन, अरबन गवर्नेन्स, हाॅस्पिटैलिटी के क्षेत्र में भागीदारी दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
मुख्य सचिव श्री सीएस राजन ने निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किये गये सुधारों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सिंगापुर की विशेषज्ञता से हमें काफी कुछ सीखने को मिला है। सिंगापुर के प्रतिनिधिमण्डल में शामिल कम्पनियों असेंड्स, जूरोंग कंसल्टेंट्स, एसएमआरटी, ग्लोबल स्कूल फाण्उडेशन, स्नोमैन लाॅजिस्टिक्स, वाईसीएच गु्रप तथा हाईफ्लक्स के प्रतिनिधियों ने राज्य में निवेश को लेकर उत्सुकता प्रकट करते हुए अपनी कम्पनियों के बारे में जानकारी दी।
इससे पहले आईटीई एजूकेशन सर्विसेज तथा ‘गार्डन्स बाय द बे‘ की ओर से रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त श्री लिम थ्वान कुआन, राज्य की जलदाय मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी, उद्योग मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा सिंगापुर से आये प्रतिनिधि मण्डल के सदस्य उपस्थित थे।
जयपुर, 25 फरवरी।