मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की समीक्षा की

जयपुर, 4 जनवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने गांवों के एकीकृत विकास के लिए एक रोड़ मैप तैयार करने के निर्देश दिए, जिससे कि गांवों में विकास की दृष्टि से क्रांतिकारी परिवर्तन लाये जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए पांच प्राथमिकताओं पर सम्बन्धित विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करंे।

श्रीमती राजे, शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए विचार प्रकट कर रही थी। उन्होंने कहा कि ग्राम विकास के लिए पांच प्राथमिकताओं पर कार्य योजना बनाई जाए जिसके तहत स्वच्छता एवं शौचालय निर्माण, जल निकासी के साथ सड़क, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, ऊर्जा एवं आधाभूत सुविधाएं जैसे स्कूल/चिकित्सा को शामिल किया जाए।

उन्होंने ग्राम विकास की दृष्टि से जन भागीदारी से जुड़ी योजनाओं, मिड-डे मील तथा जल ग्रहण विकास के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मेवात, डांग तथा मगरा क्षेत्र के समुचित विकास के लिए कार्य किया जाए जिससे की इन क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिल सकें।

श्रीमती राजे ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की विभिन्न योजनाओं, 60 दिन की कार्य योजना तथा आगामी पांच वर्षों के लिए तय किए जाने वाले लक्ष्यों का प्रस्तुतीकरण देखा तथा अधिकारियों से उन पर विस्तृत विचार विमर्श किया।

मुख्यमंत्री ने मिड-डे मील की गुणवत्ता में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खाना बनाने के लिए गांवों में महिला स्वयं सहायता समूहों, सेवाभावी लोगों तथा इस कार्य से जुड़ी निजी संस्थाओं की मदद लेने की सम्भावनाओं पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि जनहित को देखते हुए श्मशानों, कब्रिस्तानों में चार दीवारी निर्माण किया जाए, आजीविका मिशन के तहत पुश्तैनी कार्यों जैसे – कारपेन्टर, हेयर ड्रेसर, प्लम्बर जैसे अन्य कई अन्य परम्परागत  कार्यों से जुड़े लोगांे को प्रशिक्षण देने एवं किट उपलब्ध करवाकर उन्हें आजीविका से जोड़ने के अवसर प्रदान किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में जन सहभागिता से परिसम्पत्ति निर्माण कार्य करवाने, तालाबों के किनारे निर्मल घाट योजना को पुनः शुरू करने, गांवों में स्थानीय आवश्यकताओं के तहत महत्वपूर्ण और अतिमहत्वपूर्ण कार्यों को चिन्हित कर कार्य योजना बनाने, जल ग्रहण विकास कार्यों से रोजगार सृजन जैसे कार्य हाथ में लेने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मनरेगा योजना के लिए जनप्रतिनिधियों, गैर सरकारी संस्थाओं अधिकारियों आदि के साथ अलग से चर्चा करने के लिए एक सत्र बुलाने के निर्देश दिए ताकि योजना के सभी पक्षों पर गहन विचार विमर्श से बेहतर क्रियान्वयन हो सके।

श्रीमती राजे ने ग्रामीण विकास, मनरेगा, जलग्रहण विकास, मिड-डे-मील (दोपहर का भोजन), आजीविका कौशल विकास परियोजनाओं सहित पंचायतीराज व्यवस्था से जुड़ी योजनाओं तथा भविष्य की योजनाओं की समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देश दिए।

ग्रामीण विकास विभाग की ओर से 60 दिवसीय कार्य योजना में 5 हजार नए स्वयं सहायता समूहों का गठन तथा उन्हें आजीविका कौशल विकास की गतिविधियों से जोड़ने, राजस्थान राज्य आजीविका विकास निगम के सहयोग से 10 हजार ग्रामीण बीपीएल युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने, 30 हजार ग्रामीण आवास विहीन परिवारों को आवास स्वीकृति प्रदान करने सहित अन्य कार्य चिन्हित किये गये हैं। विभाग की ओर से पांच वर्षीय कार्य योजना में प्रत्येक गांव व शहर का मास्टर प्लान बनाकर विकास की पंचवर्षीय योजना बनाकर क्रियान्विति, सुशासन के विभिन्न उपायों, 70 हजार स्वयं सहायता समूहों के गठन, 3400 सामुदायिक विकास संगठनों के गठन तथा उन्हें साख सुविधाओं से जोड़ने, ग्रामीण आवास के तहत सभी बीपीएल आवास विहीन परिवारों को आश्रय स्थल प्रदान करने सहित अन्य बिन्दु चिन्हित किए गए हैं।

इसी प्रकार पंचायती राज विभाग ने अपनी 60 दिवसीय कार्य योजना में एक हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण, निर्मल भारत अभियान के अन्तर्गत 250 गावों को खुले में शौच से मुक्त करने, पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण, 283 नए पंचायत भवन निर्माण, 200 विद्यालयों में किचन शेड निर्माण तथा 10 हजार विद्यालयों को खाने के बर्तन उपलब्ध कराने, 200 जल ग्रहण विकास समितियों के गठन सहित अन्य कार्य चिन्हित किए हैं। विभाग की ओर से पांच वर्षीय कार्य योजना में 2 हजार ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त करने, 12 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण, 29 हजार विद्यालयों में किचन शैड निर्माण, पंचायत समिति और पंचायतों के पुनर्गठन के लिए आयोग गठित करने के बिन्दु चिन्हित किए गए हैं।

बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया, मुख्य सचिव श्री राजीव महर्षि, अति. मुख्य सचिव (इन्फ्रा) श्री सी.एस. राजन, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री सुभाष गर्ग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री श्रीमत पांडेय, पंचायतीराज विभाग की आयुक्त एवं शासन सचिव श्रीमती अपर्णा अरोरा, आयुक्त नरेगा श्री सिद्धार्थ महाजन सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।