राजकोष में सिर्फ 50 करोड़ रूपये बताना सरासर गलत पर्याप्त पैसा है सरकार के खजाने में
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार के राजकोष में सिर्फ 50 करोड़ रूपये बताना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार के खजाने में पर्याप्त पैसा है। जबकि पूर्ववर्ती सरकार के समय पांच साल में से तीन साल में चालू खाते में नकद शेष ऋणात्मक रहा। अच्छा होता प्रतिपक्ष आधा सच बताने के साथ-साथ अपनी सरकार के इन तीन सालों की स्थिति भी बता देता।
श्रीमती राजे ने कहा कि राजकोष के दो भाग होते है। एक भाग की बात को प्रतिपक्ष ने कह दी लेकिन यह नहीं बताया कि दूसरे भाग में राजकोष में कितना पैसा है। राजकोष में रिजर्व बैंक के चालू खाते के शेष के साथ-साथ रोकड़ शेष निवेश लेखे की राशि भी शामिल होती है। चालू खाते के मद में 31 मार्च, 2015 को 50.86 करोड़ रूपये की शेष राशि के अतिरिक्त 7628.5 करोड़ रूपये की रोकड़ शेष निवेश राशि भी उपलब्ध है। इस संबंध में रिजर्व बैंक के पास अंतिम शेष राशि का वर्षवार निम्नानुसार विवरण प्रस्तुत किया-
| क्र | वर्ष | रोकड़ शेष (करोड़ रूपये में) |
|---|---|---|
| 1. | 2009-10 | (-) 357.47 |
| 2. | 2010-11 | (-) 971.16 |
| 3. | 2011-12 | 38.65 |
| 4. | 2012-13 | 265.28 |
| 5. | 2013-14 | (-) 510.14 |
जयपुर, 14 मार्च 2016
