कदम मिलाकर चलना होगा
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने सोमवार को राज्य विधानसभा में बजट 2016-17 पर हुई बहस का जवाब देने के दौरान प्रतिपक्ष से विकास के सफर में सहयोग मांगा और कहा कि वे भी प्रदेश की तरक्की के लिए कदम से कदम मिलाकर चलें। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता की कुछ पंक्तियों के साथ अपनी बात समाप्त कीः-
उजियारे में, अंधकार में,
कल कहार में, बीच धार में,
घोर घृणा में, पूत प्यार में,
क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में,
जीवन के शत-शत आकर्षक,
अरमानों को ढलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा,
कदम मिलाकर चलना होगा।
जयपुर 14 मार्च 2016
