संस्कृति और धर्म का संयुक्त उत्सव-लोहड़ी
जयपुर, 12 जनवरी। सभी प्रदेशवासियों को लोहड़ी की शुभकामनाएं! लोहड़ी हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव धर्मिता की प्रतीक है। सूर्य के उत्तरायण होने से पहले विराट एवं सार्वजनिक यज्ञ के तौर पर लोहड़ी की अग्नि जलाई जाती है। लोहड़ी नई ऊर्जा और संकल्पों का उत्सव भी है।
नई फसल के आगमन के उपलक्ष में तिल, ज्वार, मक्का आदि के दानों की आहुति देकर रेवड़ी, खील, गजक और मूंगफली आदि खाते हुए परिवार और रिश्तेदारों के साथ मनाया जाने वाला मन्नतों और सौगातों का यह त्योहार भारत की उल्लास पूर्ण संस्कृति को अभिव्यक्त करता है।
आइए! इस अवसर पर पुरानी मान्यताओं और रीति रिवाजों की अहमियत समझते हुए समाज में समरसता और सौहार्द कायम करने का संकल्प लें और क्षेत्रीयवाद की संकीर्णताओं से परे रह कर देश की उन्नति और सुख समृद्धि की कामना करें।