कृषि एवं कृषकों के समग्र विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध

जयपुर, 10 जून। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि एवं पशुपालन का अहम योगदान है। राज्य सरकार कृषि एवं कृषकों के समग्र विकास के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि किसानों ने अथक परिश्रम कर विषम परिस्थितियों में भी कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।

श्रीमती राजे मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जिला प्रमुखों, किसानों एवं जनजातीय क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व बैठक को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि कृषकों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिये राज्य सरकार प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का भू-भाग क्षेत्रफल की दृष्टि से 10 प्रतिशत है, जबकि यहां जल की उपलब्धता केवल 1 प्रतिशत है। जल की महत्ता को देखते हुए हमने पिछले कार्यकाल में बूंद-बूंद सिंचाई के लिए राज्य मद से 20 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान दिया और इस कार्य को एक मिशन के रूप में लिया था, इसी का परिणाम है कि आज राजस्थान सिंचाई जल के कुशलतम उपयोग में अग्रणी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कृषि एवं उद्यानिकी के प्रशिक्षण एवं तकनीक के प्रयोग के लिए किसानों के समूह को इजराइल भेजा। इससे किसानों में कृषि, पशुपालन एवं संरक्षित खेती के प्रति रूझान बढ़ा है। आज किसान दिन-प्रतिदिन नई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं।

जैतून तेल की रिफाइनरी इसी साल
श्रीमती राजे ने कहा कि फसल विविधीकरण के तहत प्रदेश में जैतून एवं खजूर उत्पादन का अच्छा प्रयोग हुआ है। जैतून के तेल की रिफाइनरी इसी वर्ष बीकानेर में स्थापित हो जाएगी। जैतून की विश्वस्तरीय नर्सरी भी जयपुर में तैयार कर ली गई है, जिसके माध्यम से किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान पर तीन लाख पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे।

राजकीय कृषि फार्म पर सोलर पम्प का अभिनव प्रयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर जिले ढीढोल में इजराइली सहयोग से सब्जियों एवं फूलों की खेती के लिए एक्सीलेंस सेंटर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने राजकीय कृषि फार्मों पर सोलर पम्प सेट स्थापित करने का अभिनव प्रयोग किया है। इसके अलावा किसानों की सुविधा के लिए जिला मुख्यालयों पर किसान भवनों का निर्माण किया गया है। कृषि मंडियों में किसान कलेवा योजना के तहत किसानों को 5 रुपए में भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है।

कृषि में होगा अधिसंरचनात्मक सुधार
श्रीमती राजे ने कहा कि मृदा का स्वास्थ्य संवर्धन, प्रमाणित बीज उत्पादन व उपयोग को बढ़ावा, जल का संरक्षण एवं कुशलतम उपयोग तथा कृषि में अधिसंरचनात्मक सुधार राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इस दृष्टि से बजट प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बनाया गया है। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों से कहा कि आपके अनुभव एवं समझ के आधार पर जो कल्याणकारी सुझाव मिले हैं वे सरकार का मार्गदर्शन करेंगे और इनसे कृषि एवं पशुपालन में राज्य विशेष उपलब्धि हासिल करेगा।

बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया, जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री नन्दलाल मीणा, कृषि मंत्री श्री प्रभूलाल सैनी, ऊर्जा मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव व अन्य अधिकारी उपस्थित थे। प्रमुख शासन सचिव (वित्त) श्री सुभाष गर्ग ने सभी का आभार ज्ञापित किया।