अतिवृष्टि प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाना सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि अतिवृष्टि प्रभावित लोगों तक तुरंत राहत एवं मदद पहुंचाना इस वक्त राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि राहत एवं बचाव में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाए और कोई भी सूचना मिलने पर राहत के लिए तुरंत कार्यवाही की जाए।

मुख्यमंत्री सिरोही, जालोर तथा पाली जिलों सहित प्रदेश में आपदा प्रबंधन एवं बाढ़ नियंत्रण के लिए किए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों की बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, नेशनल डिजास्टर रेस्पोंस फोर्स (एनडीआरएफ) एवं राज्य डिजास्टर रिसपोंस फोर्स (एसडीआरएफ) के साथ मिलकर समन्वित प्रयास करे ताकि भारी बारिश से उत्पन्न होने वाले हालात में जान-माल का नुकसान रोका जा सके। उन्होंने जिला कलक्टरों से अब तक किए गए रेसक्यू ऑपरेशन, कार्यरत टीमों, सूचना तंत्र, बचाए गए लोगों, बांधों एवं तालाबों की स्थिति सहित भारी बारिश से पैदा हुए हालातों से निपटने के लिए किए गए उपायों की जानकारी ली।

श्रीमती राजे ने जोधपुर संभागीय आयुक्त श्री रतन लाहोटी को निर्देश दिए कि राहत एवं बचाव कार्यों तथा परिस्थितियों को सामान्य करने के लिए सम्भाग में जहां भी आवश्यकता हो वहां वरिष्ठ तथा प्रशासनिक अधिकारियों को तुरंत भेजा जाए। उन्होंने सिरोही, जालोर तथा पाली जिला कलक्टरों को मृत मवेशियों का निस्तारण शीघ्रता से करवाने के निर्देश भी दिए ताकि किसी प्रकार की महामारी फैलने की आशंका पैदा नहीं हो।

मुख्यमंत्री ने तीनों जिलों में अब तक किए गए अतिवृष्टि राहत तथा बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा सेना की सराहना की। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी, विद्युत तथा सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिवों को निर्देश दिए कि अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में पूरी सजगता एवं सक्रियता से आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहें।

जयपुर, 26 जुलाई 2017