मुख्यमंत्री ने सड़कों के उन्नयन और एयर टैक्सी की महत्वाकांक्षी योजनाओं की समीक्षा

नई दिल्ली, 21 मई। मुख्यमंत्री श्रीेमती वसुंधरा राजे ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रदेश की बीस हजार कि.मी. लम्बी सड़कों के उन्नयन की महत्वाकांक्षी योजना और राज्य में एयर-टैक्सी शुरू करने की प्रस्तावित योजना की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में विषय विशेषज्ञों के सुझाव सुने और पाॅवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन भी देखा।

नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में मुख्यमंत्री श्रीमती राजे की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में राज्य की सड़कों के समग्र विकास पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। बैठक में राज्य के सार्वजनिक निर्माण मंत्राी श्री युनूस खान और योजना आयोग एवं भारत सरकार के सलाहकार, विषय विशेषज्ञ एवं अधिकारीगण विशेषकर पी.पी.पी.माॅडल के विशेषज्ञ माने जाने वाले श्री गजेन्द्र हल्दिया, योजना आयोग में वरिष्ठ सलाहकार डाॅ. पी.के.आनंद के साथ ही राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (इंफ्रास्ट्रक्चर) श्री सी.एस.राजन, अतिरिक्त मुख्य सचिव (जी.ए.डी) श्री राकेश श्रीवास्तव और पर्यटन विभाग की आयुक्त श्रीमती गायत्राी राठौड़ तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।

बैठक में मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश की बीस हजार कि.मी. लम्बी सड़कों के उन्नयन की महत्वाकांक्षी योजना को समयबद्ध ढंग से पूरा करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप माॅडल को आधार बनाकर भारत सरकार और योजना आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य योजना बनाई जाए।

उन्होंने सड़कों के विकास के लिए अब तक हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे और अधिक गति प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन, धार्मिक और हेरिटेज की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों के लिए ईको ट्यूरिज्म और पड़ोसी राज्यों से बेहतर सड़क सम्पर्क को प्राथमिकता देने पर भी जोर दिया।

बैठक के बाद राजस्थान के सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री युनूस खान ने बताया कि क्षेत्राफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान में सड़कों का नेटवर्क बहुत व्यापक है और प्रदेश में विश्व के 177 देशों से भी लम्बी सड़कों का जाल बिछा हुआ है, लेकिन अभी भी दूरदराज की सड़कों को जिलों और संभाग की सड़कों के साथ ही स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे से जोड़ने और मौजूदा सड़कों के उन्नयन का काफी काम किया जाना है।

इसी दृष्टि से मुख्यमंत्राी ने प्रदेश की 20 हजार कि.मी. सड़कों का आगामी पांच वर्षो में उन्नयन और आवश्यकतानुसार नई संपर्क सड़कों के निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना को हाथ में लेने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि इस योजना का क्रियान्वयन पी.पी.पी. माॅडल पर किया जाएगा और मौजूदा सड़कों को कम से कम 7 से 10 मीटर चैड़ा करने का लक्ष्य रखा गया है।

पी.पी.पी. माॅडल के विशेषज्ञ वरिष्ठतम अधिकारी श्री गजेन्द्र हल्दिया ने बैठक के बाद बताया कि योजना आयोग आधारभूत संरचना के विकास के लिए राज्यों को समय-समय पर अपनी सलाह देता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की मुख्यमंत्राी श्रीमती वसंुधरा राजे का विकास के प्रति विजन बेजोड़ है और उम्मीद है कि प्रदेश में पी.पी.पी. माॅडल के तहत 20 हजार कि.मी. लम्बी सड़कों का निर्माण एवं उन्नयन के कार्य को सफलता मिलेगी तथा ये सड़कंे विश्वस्तरीय गुणवत्ता की कसौटी पर भी खरी उतरेगी।

उन्होंने बताया कि इतनी बड़ी परियोजना के लिए राज्य अपने स्तर पर आर्थिक स्रोत की पूर्ति नहीं कर सकता है, इसलिए पी.पी.पी. माॅडल के तहत बनने वाली सड़कों के लिए केन्द्र सरकार से 20 प्रतिशत सहायता प्रदान किए जाने का प्रावधान रखा गया है, जिसका लाभ राजस्थान को भी मिलेगा।

एयर चार्टर सर्विस योजना शीघ्र प्रांरभ होगी
प्रदेश में एयर टैक्सी शुरू करने की समीक्षा बैठक के बाद राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्राी श्रीमती राजे की मंशा के अनुरूप राज्य में एयर चार्टर टैक्सी सर्विस योजना शीघ्र प्रारंभ होगी।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के पास वर्तमान में दो स्टेट एयर क्राफ्ट्स है जो मुख्य रूप से वी.आई.पी. के लिए सेवाएं देते हैं। अब राज्य सरकार की मंशा है कि प्रदेश में बेहतर एयर कनेक्टिविटी के साथ ही पर्यटन, हेरिटेज एवं व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए इन विमानों को पर्यटकों और अन्य लोगो की विशेष बुकिंग पर सेवाएं उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 26 जिलों में हवाई पट्टियाॅं मौजूद है जिन पर बड़े विमान भी उतारे जा सकते हैं।

श्री श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य में वायु सेवाओं से अछूते क्षेत्रों एवं दूरदराज के विश्वस्तरीय पर्यटन, धार्मिक, ऐतिहासिक एवं हैरिटेज की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों को जहां एयर टैक्सी की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ मिलेगा वहीं पर्यटकों, व्यवसायियों एवं अन्य लोगों को प्रदेश में किफायती दर पर वायु परिवहन सेवा उपलब्ध हो सकेगी।

उन्होंने बताया कि इस सेवा को संचालित करने के लिए ग्राउंड हैंडलिंग का कार्य राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आर.टी.डी.सी.) करेगा तथा एयरटैक्सी सेवाओं की बुकिंग का काम सिविल एविएशन विभाग द्वारा किया जाएगा। साथ ही सात प्लस दो सवारी वाले विमान का किराया 70 हजार रूपये प्रति घंटा तथा पांच प्लस दो सवारी वाले एयरक्राफ्ट का किराया 50 हजार रूपये प्रति घंटा की दर से होगा।