राजस्थान की धरा पर्यटन की पर्याय

जयपुर, 12 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि अपनी समृद्ध कला, संस्कृति एवं ऐतिहासिक धरोहरों के लिए विश्व प्रसिद्ध राजस्थान की धरा पर्यटन का पर्याय है। राज्य सरकार इनका संरक्षण करते हुए प्रदेश को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर आकर्षण का नया केन्द्र बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है।

श्रीमती राजे शुक्रवार को यहां होटल मेरियट में फेडरेशन आॅफ होटल्स एण्ड रेस्टोरेन्ट्स एसोसिएशन आॅफ इण्डिया (एफएचआरएआई) के 49वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि पिछले छः माह में राजस्थान में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में पिछले वर्ष के मुकाबले दस प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य के महत्वपूर्ण पुरास्मारकों, ऐतिहासिक किलों एवं अन्य धरोहरों के संरक्षण का कार्य हाथ में लिया है। इसके तहत 100 करोड़ रुपये की लागत से 9 नए पर्यटन प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। इसके तहत ऐतिहासिक स्थलों के विकास के साथ-साथ इनके आस-पास पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जयपुर में आमेर के किले को एक जीवन्त स्मारक के रूप में विकसित कर रहे है जो आने वाले दिनों में पर्यटकों को रोमांचकारी अनुभव करायेगा।

श्रीमती राजे ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन एवं आध्यात्मिक पर्यटन के विकास की प्रचुर सम्भावनाएं है। इस क्षेत्र में रोजगार, कौशल विकास एवं आजीविका के अवसरों का सृजन करना सरकार की प्राथमिकता है। राज्य सरकार प्राकृतिक पर्यटन के साथ-साथ हैण्डीक्राफ्ट, मेलों-उत्सवों के आयोजन और पर्यटन स्थलों पर रात्रिकालीन पर्यटन की सुविधाएं भी विकसित करना चाहती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मजबूत आधारभूत ढ़ांचे का होना बहुत जरूरी है। आधारभूत ढ़ांचा सुदृढ़ होने पर निवेश और राजस्व में वृद्धि के साथ ही पर्यटन को नई ऊचाईयो पर ले जाया जा सकेगा। राज्य सरकार ने इस दिशा में विशेष पहल करते हुए प्रदेश में पीपीपी के आधार पर बीस हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है।

श्रीमती राजे ने कहा कि सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा एयर कनेक्टिविटी में सुधार के लिए भी प्रयास कर रही है। पर्यटन के क्षेत्र में दिल्ली-जयपुर-आगरा का गोल्डन ट्रायंगल के रूप में प्रसिद्ध है, बावजूद इसके यह अफसोस का विषय है कि आज जयपुर से आगरा के बीच एयर कनेक्टिविटी नहीं है। झीलों की नगरी उदयपुर शाही शादियों के एक बड़े केन्द्र के रूप में उभरा है, फिर भी जयपुर से उदयपुर के बीच भी एयर कनेक्टिविटी नहीं है। राज्य में सात साल पहले हवाई सम्पर्क की जो स्थितियां थी वे आज बदल गई हैं।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने एफएचआरएआई की ओर से लगाई गई हाॅस्पिटेलिटी एक्सपो का शुभारम्भ किया। उन्होंने प्रदर्शनी में लगाई गई विभिन्न स्टाॅलों का अवलोकन किया और वहां प्रदर्शित उत्पादों में गहरी रूचि दर्शाई।

समारोह को सम्बोधित करते हुए कर्नाटक के उच्च शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री श्री आर.वी. देशपाण्डे ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान का विशिष्ट स्थान है। उन्होंने प्रदेश पर्यटन विकास के लिए मुख्यमंत्री श्रीमती राजे के विजन और कार्यशैली की प्रशंसा की।

इस अवसर पर कर्नाटक सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन श्री अरविन्द जाधव, राज्य के प्रमुख शासन सचिव पर्यटन श्री शैलेन्द्र अग्रवाल, एफएचआरएआई के अध्यक्ष श्री एस.एम.शेरवानी, यस बैंक के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ श्री राणा कपूर सहित देशभर से आए हुए होटल एवं रेस्टोरेन्ट व्यवसायी व पर्यटन उद्योग से जुड़े विशिष्ट लोग उपस्थित थे।