बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिये ख्याति प्राप्त निजी चिकित्सा संस्थाओं का सहयोग लें

जयपुर, 12 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने प्रदेश के चिकित्सालयों में व्यापक सुधार के लिये निजी क्षेत्र में कार्यरत ख्याति प्राप्त चिकित्सा संस्थाओं के सहयोग से जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने के प्रयास करने के निर्देश दिये हैं।

श्रीमती राजे शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में चिकित्सा शिक्षा तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की आगामी 5 वर्ष की कार्य योजना के संबंध में समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रस्तावित 7 नये मेडिकल काॅलेजों में सुपर स्पेश्लियटी केन्द्रों के विकास में भी निजी क्षेत्र के अग्रणी चिकित्सालयों का सहयोग लेने को कहा। उन्होंने प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिये आगामी 5 वर्षों में प्रदेश में सरकारी व निजी क्षेत्र में चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या 25 तक करने की आवश्यकता जताई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी एवं पिछड़े जिलों पर विशेष फोकस करते हुए इनमें स्वास्थ्य सेवाओं को और प्रभावी बनायें। उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में आई.टी. का अधिकतम उपयोग करने, अस्पतालों में मेडिकल रिलीफ सोसायटी को सुदृढ़ बनाकर पीपीपी मोड पर आधुनिक जांच उपकरणों की उपलब्धता की कार्ययोजना बनाने, सफाई अभियान को सतत रूप से चलाने तथा स्वच्छता के लिये नवीन तकनीक का उपयोग करने पर जोर दिया।

श्रीमती राजे ने नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाॅफ के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की गुणवत्ता में सुधार के साथ ही माॅलन्यूट्रीशन ट्रेनिंग सेंटर में व्यापक सुविधायें विकसित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ कार्य करने वाले चिकित्सा अधिकारियों एवं चिकित्सा कर्मियों को समय-समय पर विभिन्न स्तर पर पुरस्कृत किया जाये।

बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री जे.सी.महान्ति, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री दीपक उप्रेती, आयोजना विभाग के शासन सचिव श्री अखिल अरोरा, वित्त विभाग के विशिष्ट शासन सचिव श्री एस.सी.दिनकर, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. राजाबाबू पंवार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक श्री नवीन जैन एवं अतिरिक्त निदेशक श्री नीरज के.पवन सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।