राजस्थान को बनाएंगे जैविक राज्य

किसानों के साथ बजट पूर्व बैठक

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राजस्थान को शीघ्र ही जैविक राज्य बनाया जाएगा। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को प्रत्येक जिले में कम से कम एक ब्लाॅक में रसायनिक खाद एवं कीटनाशक रहित खेती करने की योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सबसे अधिक मेहनत राज्य के किसानों को करनी होगी।

मुख्यमंत्री ने किसानों से इस प्रयास में सहयोग देने की अपील करते हुए कहा कि जैविक खेती समय की मांग है और राज्य सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य में जैविक फसलों के प्रमाणीकरण के लिए संस्था भी स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को अपनी फसल पर बाजार में अधिक मूल्य मिल सकेगा। उन्होंने पाॅली हाउस में नीमाटोड की समस्या के अध्ययन और उसके समाधान के लिए राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों में शोध करवाने के निर्देश दिए।

श्रीमती राजे शुक्रवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघ के पदाधिकारियों एवं जनजाति क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने कहा कि रसायनिक तत्वों के उपयोग से न केवल धरती की उर्वरा शक्ति खत्म हो रही है बल्कि बड़ी संख्या में आमजन कैंसर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के ग्रसित हो रहे हैं। ऐसे में किसानों को जैविक खेती पर फोकस करना चाहिए जिससे लोगों का स्वास्थ्य सुधरेगा और उनको फसल उत्पादों के बेहतर मूल्य मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के उन्नत किसानों को देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर जैविक खेती की बेहतरीन पद्धतियां सीखने और उनका राज्यभर में प्रचार-प्रसार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में कृषि विभाग किसानों का सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि खेती में रसायनों की जगह जैविक उत्पादों का उपयोग करने में पानी भी कम लगेगा।

बैठक में पारम्परिक खेती के साथ-साथ नई तकनीक एवं प्रयोग करने, कृषि उत्पादों के लिए बाजार की उपलब्धता सुनिश्चित करने, कृषि के लिए जल प्रबंधन, किसानों के को-आॅपरेटिव के माध्यम से फसल उत्पाद प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने, पशुपालन पर फोकस करने, कृषि में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, नये कृषि शिक्षा पाठ्यक्रम तथा संस्थान बनाने, खेती में नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने एवं फसलों को नीलगाय व आवारा पशुओं से बचाने जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए गए।

इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी, जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री नंदलाल मीणा, जल संसाधन मंत्री डाॅ. रामप्रताप, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल, ऊर्जा राज्य मंत्री श्री पुष्पेन्द्र सिंह, राजस्व राज्य मंत्री श्री अमराराम, गोपालन राज्य मंत्री श्री ओटाराम देवासी, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री पी.एस. मेहरा, विभिन्न जिलों के प्रगतिशील किसान, विभिन्न दुग्ध उत्पादक संघों के पदाधिकारी तथा जनजाति क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 5 फरवरी 2016