जैन समाज सरकार पर विश्वास रखे, विचलित न हों

समाज की भावना का आदर करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार : मुनि श्री तरुण सागर

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि धार्मिक स्थल जन-जन की आस्था और विश्वास के केंद्र होते हैं। राज्य सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी, जिनसे धार्मिक आस्था के केंद्रों को कोई नुकसान पहुंचे। उन्होंने कहा कि जैन समाज को सरकार पर विश्वास रखना चाहिए। पदमपुरा और बरखेड़ा के अपने तीर्थों की रक्षा को लेकर उन्हें विचलित होने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार जैन समाज की भावनाएं आहत नहीं होने देगी।

मुख्यमंत्री पर पूरा विश्वास जो कहती हैं वही करती हैं

इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री तरुण सागरजी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे बहुत ही विनम्र हैं और वे जो कहती हैं, वही करती हैं। जैन समाज को मुख्यमंत्री पर पूरा विश्वास है। उन्होंने कहा कि राजस्थान जैसे बडे़ राज्य का संचालन करना आसान कार्य नहीं है, लेकिन श्रीमती राजे पूरे धैर्य और कुशलता से सभी को साथ लेकर प्रदेश को आगे बढ़ा रही हैं।

नहीं करें जुलूस और प्रदर्शन

जैन मुनि श्री तरूण सागर जी ने सभी जैन समाज के लोगों से कहा कि वे अपने तीर्थ क्षेत्र को लेकर किए जाने वाले जुलूस या प्रदर्शन को वापस लें और समाज की भावना का आदर करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करें। मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता पर जैन समाज की ओर से उनका आभार व्यक्त किया गया।

श्रीमती राजे शुक्रवार को जैन मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज के मुख्यमंत्री निवास पर आगमन के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि इतने बडे़ संत के चरण मेरे निवास पर पडे़ हैं और उनकी चरण-वंदना का सुअवसर मुझे मिला है। उन्होंने कहा कि मीठा हर कोई बोलता है, लेकिन क्रांतिकारी मुनि तरुण सागर जी अपने कड़वे प्रवचनों के माध्यम से देश और समाज को नई दिशा दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वरीय कृपा और संतों का मार्गदर्शन मुझे हमेशा मिला है। उन्होंने कहा कि तीर्थों पर मेरा अटूट विश्वास है और मैं हमेशा इनके आगे शीश झुकाती हूं। ऐसे में किसी भी धर्म के आस्था स्थल का अहित हम कभी नहीं सोच सकते।

मुनिश्री ने पिच्छिका लगाकर मुख्यमंत्री को दिया आशीर्वाद

इससे पहले मुख्यमंत्री ने अपने निवास के प्रवेशद्वार पर मुनिश्री की अगवानी की और पाद प्रक्षालन कर वंदना की। मुनिश्री ने मुख्यमंत्री के सिर पर पिच्छिका रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया और कहा कि वे राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने के संकल्प में हमेशा सफल हों। मुनिश्री को विदा करने के लिए श्रीमती राजे मुख्यद्वार तक गईं।

जयपुर, 22 दिसम्बर 2017