मुख्यमंत्री ने रखा याद, रघुनाथी को मिला गैस उपहार

दृश्य- एक। दिनांक 16 फरवरी, 2014। कार्यक्रम ‘सरकार आपके द्वार‘। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे सवाई माधोपुर जिले के ग्राम फरिया में अचानक श्री मुरारी गुर्जर के घर पहुंचती है। जहां मुरारी की पत्नी रघुनाथी दो अन्य महिलाओं के साथ धुंआ उगलते मिट्टी के चुल्हे पर बाजरे की रोटियां सेक रही है। पूरा परिवार अपने बीच मुख्यमंत्री को अचानक पाकर बहुत खुश होता है। परिवार के सब लोग मुख्यमंत्री से मनुहार करते है कि वे उनकी मेहमान नवाजी स्वीकार करें और रूखा – सूखा भोजन जो भी उनके घर में बन रहा है, खाएं। मुख्यमंत्री उनके आग्रह को स्वीकार करती है और चूल्हे के पास बैठकर धुएं भरे वातावरण में चटनी के साथ बाजरे की रोटी खाती है। मुख्यमंत्री धुंए के बीच खांसते हुए खाना बना रही उन महिलाओं की पीड़ा को समझती है। जिनके खाना बनाते वक्त धुंए के मारे आंसू भी आ रहे होते हैं।

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दृश्य- दो। दिनांक 15 मई, 2016। कार्यक्रम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना। आज खण्डार तहसील के फरिया गांव की रघुनाथी की रसोई में चूल्हा तो है पर मिट्टी का नहीं वह गैस के चूल्हे पर बाजरे की रोटियां बना रही है। यहां उल्लेख करना जरूरी होगा कि मुख्यमंत्री को ज्यों ही दाहोद (गुजरात) में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश की बीपीएल महिलाओं को गैस कनेक्शन वितरित करने के कार्यक्रम का निमंत्रण मिला तो उन्हें फरियां गांव की रघुनाथी याद आ गई। जिसकी रसोई में उन्होंने 16 फरवरी, 2014 को धुएं के बीच बैठकर खाना खाया था। निमंत्रण मिलते ही मुख्यमंत्री ने तय कर लिया कि वे इस अवसर पर रघुनाथी की रसोई को धुंआ रहित करेंगी और उसके घर में गैस कनेक्शन देंगी। मुख्यमंत्री ने दाहोद में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के शुभारम्भ होने के साथ ही रघुनाथी को फोन किया और उसे गैस कनेक्शन की बधाई दी। उधर मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सवाई माधोपुर जिला प्रशासन ने रघुनाथी के घर पर गैस का चूल्हा, सिलेण्डर और कनेक्शन के कागज उसके हाथ में सौंप दिये। रघुनाथी को यह कनेक्शन मुख्यमंत्री दाहोद (गुजरात) में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की लांचिग के मौके पर देना चाहती थी लेकिन उसके बेटे के बीमार होने के कारण वह वहां नहीं पहुंच सकी।

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श्रीमती राजे के इस तोहफे से अभिभूत रघुनाथी के पूरे घर में खुशी का माहौल है। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि मुख्यमंत्री दो साल से अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी उन्हें याद रखेगी।