प्रदेश को डेयरी क्षेत्र में अव्वल बनाएं

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि प्रदेश को डेयरी के क्षेत्र में अव्वल बनाने के लिए कार्य योजना तैयार की जाए। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर शीघ्र काम शुरू करें। उन्होंने कहा कि कमजोर मिल्क यूनियनों को आत्मनिर्भर बनाने, नस्ल सुधार तथा प्रदेश में डेयरी विकास के लिए राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी।

श्रीमती राजे बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर डेयरी विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए देश की सर्वश्रेष्ठ मिल्क यूनियनों का दौरा कर वहां प्रयोग लाई जा रही कार्य प्रणाली का अध्ययन करने तथा राजस्थान के अनुरूप उसे लागू करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में सबसे अधिक पशुधन होने के कारण डेयरी विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इस क्षेत्र में हम बेहतर तकनीक और मार्केटिंग के माध्यम से डेयरी उत्पादन को कई गुना बढ़़ा सकते हैं। इससे हमारे पशुपालक और किसान भाइयों की आय में काफी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि डेयरी विकास प्रदेश के किसानों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।

बैठक के दौरान श्रीमती राजे ने प्रदेश की विभिन्न मिल्क यूनियनों के जरिए हो रहे दुग्ध संकलन, प्रोक्योरमेंट, दुग्ध उत्पादों के विपणन सहित अन्य कार्यों की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि डेयरी प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। सरकार इसे प्रोत्साहित करने के लिए कोई कसर नहीं छोडे़ेगी।

इस अवसर पर सहकारिता एवं गोपालन मंत्री श्री अजय सिंह किलक, प्रमुख शासन सचिव कृषि श्रीमती नीलकमल दरबारी, प्रमुख शासन सचिव सहकारिता श्री अभय कुमार, शासन सचिव पशुपालन श्री अजिताभ शर्मा एवं आरसीडीएफ के सीएमडी श्री राजेश यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 20 दिसम्बर 2017