मानगढ़ में राष्ट्रीय संग्रहालय बनाने के लिए होंगे हर संभव प्रयास

मानगढ़ धाम पर आदिवासी शहीदों को श्रृंद्धाजलि

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने मानगढ़ धाम के योजनाबद्ध विकास तथा देश-विदेश में राष्ट्रीय पावन तीर्थ के रूप में इसकी ऐतिहासिक पहचान कायम करने का संकल्प दोहराया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान इस दिशा में अग्रणी भागीदारी निभायेगा।

श्रीमती राजे ने मंगलवार को बांसवाड़ा में आनंदपुरी के पास मानगढ़ धाम पर राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश राज्यों के गोविन्द गुरु के अनुयायियों व भगतों को संबोधित करते हुए यह प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने मानगढ़ धाम पर शहीद हुए आदिवासी भगतों को भावभीनी श्रृंद्धाजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि यह धाम नई ऊर्जा, भक्ति की शक्ति और प्रेरणा जगाने वाला धाम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्थल का सर्वसम्मत और ठोस विकास करने के लिए योजनाबद्ध एवं समयबद्ध प्रयास अमल में लाए जाएंगे। इसके लिए उन्होंने राजस्थान धरोहर एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत से कहा कि गुजरात व मध्यप्रदेश तथा राजस्थान के सभी संबंद्ध पक्षों से चर्चा कर सभी की भावनाओं के अनुरूप समन्वय व सहभागिता से बेहतर मास्टर प्लान बनायें, ताकि एक-दो वर्षों में इसका मूर्त रूप सामने आ सके।

श्रीमती राजे ने मानगढ़ धाम पर राष्ट्रीय संग्रहालय स्थापित करने के लिए प्रयासों का आश्वासन दिया और कहा कि इस बारे में प्रधानमंत्री, जिनकी इस धाम के प्रति गहरी रूचि है, से भी चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने मानगढ़ धाम पर सघन वृक्षारोपण की आवश्यकता जताई और कहा कि सभी लोग यहां व्यापक पौधारोपण करें तथा पांच वर्ष तक इनके सुरक्षित पल्लवन की जिम्मेदारी लें, ताकि यहां घना जंगल विकसित होकर छाया का सुकूनदायी अहसास हो सके।

मुख्यमंत्री ने मानगढ़ धाम पर बुनियादी जन सुविधाएं मुहैया करवाने के निर्देश दिए और इस दिशा में ठोस प्रयास का भरोसा दिलाया। उन्होंने मुख्य सड़क से मानगढ़ तक पांच किलोमीटर सड़क की चैड़ाई बढ़ाने की घोषणा की। इस बारे में उन्होंने मंच से ही केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गड़करी से फोन पर बात की।

श्रीमती राजे ने मागनढ़ धूणी को सुन्दर व बेहतर बनाने तथा धूणी में गोविन्द गुरु की मार्बल की सुन्दर व भव्य मूर्ति स्थापित करने की भी घोषणा की और साथ ही गोगामेड़ी तीर्थ की तर्ज पर चारदीवारी व संत्सग भवन के लिए एक करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाने की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के मेलों व उत्सवों को देश विदेश में प्रसिद्धि दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेणेश्वर धाम के व्यापक विकास को ध्यान में रखते हुए पहली बार राजस्व गांव घोषित किया गया है।

समारोह में केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री सुदर्शन भगत एवं केन्द्रीय जनजातीय मामलात राज्यमंत्री श्री मनसुखभाई वसावा ने आदिवासियों की शहादत को याद किया। जिले के प्रभारी मंत्री श्री जीतमल खांट ने मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक बनाने एवं इसके बहुउद्देश्यीय विकास के लिए प्रयासों में समर्पित भागीदारी पर बल दिया।

इस अवसर पर उदयपुर के सांसद श्री अर्जुनलाल मीणा, श्री फगन सिंह कुलस्ते, श्री भगवत शरण माथुर, श्री रामविचार नेताम, कार्यक्रम संयोजक एवं पूर्व विधायक श्री हेमराज मीणा आदि ने विचार व्यक्त करते हुए मानगढ़ धाम पर शहीदों की स्मृति में संग्रहालय निर्माण और देश विदेश में राष्ट्रीय पहचान दिलाने, सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण और परम्पराओं को अक्षुण बनाने की आवश्यकता जताई।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने मानगढ़ धाम पहुंच कर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर आदिवासी शहीदों को भावभीनी श्रृद्धांजलि दी। उन्होंने मानगढ़ धाम पर गोविन्द गुरु की प्रतिमा के दर्शन किए और परम्परागत धूणी पर दीप प्रज्ज्वलित कर आरती उतारी। उन्होंने धूणी में श्रीफल अर्पित किया तथा वहां मौजूद साधु संतों से आशीर्वाद लिया। श्रीमती राजे ने मानगढ़ धूणी के समीप रूद्राक्ष का पौधा लगाकर पौधारोपण कार्यक्रम की शुरूआत की।

बांसवाड़ा/जयपुर, 17 नवम्बर