मुख्यमंत्री का राजस्थान विनियोग विधेयक पर जवाब, सशक्त और आधुनिक राजस्थान की नींव रखने वाला बजट

जयपुर, 26 मार्च। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि प्रदेश का 2015-16 का बजट 21वीं सदी के आधुनिक राजस्थान की नींव रखने वाला, नौजवानों को रोजगार देने वाला, महिलाओं को स्वावलम्बी व किसानों को समृद्ध बनाने वाला, हताशा और निराशा को दूर कर आशा एवं विश्वास का संचार करने वाला बजट है। यह बजट एक सशक्त और स्वाभिमानी राजस्थान का निर्माण करेगा।

श्रीमती राजे ने गुरुवार को विधानसभा में राजस्थान विनियोग विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दे रही थीं। मुख्यमंत्री के जवाब के बाद विनियोग संख्या 3 विधेयक एवं वित्त विधेयक 2015 को सदन ने ध्वनि मत से पारित कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में विकास की मजबूत बुनियाद रखने के साथ हमने 2008 से 2013 के मध्य विकास के जो पहिये थम गये थे उनको रफ्तार देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाये हैं। साथ ही सामाजिक एवं आर्थिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में भी प्रयास शुरू कर दिये हैं। ताकि आने वाले समय में वांछित परिणाम प्राप्त किए जा सकें।

श्रीमती राजे ने कहा कि लोकतंत्र में जनता प्रतिपक्ष से भी कुछ अपेक्षाएं रखती हैं। अच्छा होता की प्रतिपक्ष बजट की सामान्य बहस में उपस्थित होकर सरकार को सकारात्मक सुझाव देने के साथ अपने क्षेत्र की बातें और विकास में अपना विजन सामने रखता।

सांसद-विधायक व अधिकारी-कर्मचारियों का आभार
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले राज्य में भयंकर ओलावृष्टि हुई, जिससे व्यापक नुकसान हुआ। संकट की इस घड़ी में किसानों का साथ देने के लिए मैं अधिकारी-कर्मचारियों का एक दिन का वेतन देने एवं विधायक-सांसदों के साथ भाजपा के सभी जिला प्रमुख व प्रधानों का आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने अपने एक माह का मानदेय देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि होने के बाद एक सप्ताह के भीतर ही हमने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये।

किसानों को दी अतिरिक्त राहत
श्रीमती राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने वर्ष 2007-08 में जो पैकेज बनाया था उसमें पिछली सरकार ने कोई बड़ा बदलाव नहीं किया, लेकिन हमने उसी पैकेज में अतिरिक्त राहत जोड़कर किसानों के दुख-दर्द को बांटने का प्रयास किया है परन्तु जिन लोगों को राजनीति करने की आदत है उनको कौन रोक सकता है।

प्राकृतिक आपदा में विधायक कोष से राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में किसानों को राहत पहुंचाने के लिए विधायक कोष में शिथिलता दी है। जिसके अन्तर्गत अब विधायक कोष से 20 लाख रुपये या इससे अधिक की राशि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में विधायक जमा करवा सकते हैं। इस राशि का उपयोग सरकार द्वारा घोषित पैकेज के अतिरिक्त उनके क्षेत्र में ही राहत कार्य में किया जायेगा। इस कोष में सांसद भी सांसद कोष से 50 लाख रुपये तक के राहत कार्य आपदा प्रभावित क्षेत्र में करवा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने राजस्थान विनियोग विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए ये घोषणाएं की

इन स्थानों पर खुलेंगे नए अपर जिला न्यायाधीश न्यायालय व मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण
लंबित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण हेतु पाली, बाड़मेर, नागौर, जोधपुर, आबूरोड़ जिला सिरोही, मेड़ता जिला नागौर, तिजारा जिला अलवर, निम्बाहेड़ा जिला चित्तौड़गढ़ एवं सागवाड़ा जिला डूंगरपुर में अपर जिला न्यायाधीश के न्यायालय खोले जायेंगे। साथ ही बाड़मेर, दौसा, धौलपुर, झालावाड़ तथा सवाई माधोपुर में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण खोले जाएंगे।

हैल्थ रूट स्कीम शुरू होगी
राज्य के जिन क्षेत्रों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध नहीं हैं, उन क्षेत्रों में आमजन को गुणवत्तायुक्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु हैल्थ रूट स्कीम लागू की जायेगी, जिसमें एक निश्चित समय, दिनांक एवं रूट पर वाहन जायेगा और रोगियों का संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर उपचार कर उनके मूल स्थान पर वाहन द्वारा वापिस छोड़ा जायेगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक चयनित जिले में प्रारंभ की जायेगी।

ऐतिहासिक धरोहरों की थ्री-डी मैंपिग
वर्ष 2015-16 में आमेर किले, हवामहल, उदयपुर के सिटी पैलेस तथा कुंभलगढ़ किले की थ्री-डी मैंपिग की जायेगी।

आयुर्वेद महाविद्यालय में दो नए पाठ्यक्रम शुरू होंगे
राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के संगठक आयुर्वेद महाविद्यालय में 2 नवीन विषयों पंचकर्म तथा स्त्राी एवं प्रसूती रोग में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जायेगा।

वन रक्षक के 500 नए पद सृजित
पिछले वर्र्षों में वन विभाग द्वारा वनों की देख-रेख एवं संरक्षण हेतु वर्क फोर्स की कमी महसूस की जा रही है। इसको देखते हुए वन विभाग में वन रक्षक के 500 नवीन पदों का सृजन किया जायेगा।

प्रदूषण नियंत्राण मण्डल के दो नए क्षेत्राीय कार्यालय खुलेंगे
अलवर जिले एवं जयपुर जिले में बढ़ते औद्योगिकीकरण एवं शहरीकरण के कारण तथा उद्यमियों की सुविधा और उन्हें प्रोत्साहित करने हेतु राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्राण मण्डल के दो नए क्षेत्राीय कार्यालय भिवाड़ी-जिला अलवर एवं जयपुर में खोले जाएंगे।

पुरानी सिंचाई परियोजनाओं का होगा जीर्णोद्धार
राज्य की पुरानी सिंचाई परियोजनाओं में लंबे समय से जीर्णोद्धार हेतु राशि का आंवटन नहीं होने के कारण आज वे काफी खराब स्थिति में हैं। इस कारण ऐसी पुरानी सिंचाई परियोजनाओं का पूर्ण लाभ राज्य के किसानों को नहीं मिल पा रहा है। इसी क्रम में यह घोषणा करती हूं कि भीलवाड़ा जिले के उम्मेद सागर, अरवड़ एवं नाहर सागर सिंचाई परियोजनाओं में बांधों के रख रखाव, सुदृढ़ीकरण एंव नहरों के जीर्णोद्धार तथा स्ट्रक्चर की मरम्मत के लिए वर्ष 2015-16 में 10 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। इन कार्यों को किये जाने से किसानों को, खासतौर पर अंतिम छोर पर स्थित किसानों को अधिक लाभ मिलेगा।

आबियाना शुल्क माफी एवं रियायत
राज्य में बेमौसम बारिश, तेज हवा व ओलावृष्टि से रबी की फसल यथा गेहूं, जौ, चना, सरसों, धनिया, ईसबगोल आदि में अत्यधिक खराबा होने से प्रदेश के किसानों को व्यापक नुकसान हुआ है। किसानों की इस मुश्किल की घड़ी में उन्हें राहत प्रदान करने के लिए 31 मार्च 2014 तक की बकाया आबयाना शुल्क राशि 30 जून 2015 तक एकमुश्त जमा कराये जाने पर ब्याज में शत-प्रतिशत छूट दी जायेगी। इसी तरह 01 जुलाई 2015 से 31 जुलाई 2015 तक बकाया राशि एकमुश्त जमा कराये जाने पर 75 प्रतिशत की, दिनांक 01 अगस्त 2015 से 31 अगस्त 2015 तक बकाया राशि एकमुश्त जमा कराये जाने पर 50 प्रतिशत की तथा 01 सितम्बर 2015 से 30 सितम्बर 2015 के मध्य बकाया राशि एक मुश्त जमा कराये जाने पर दण्डनीय दर या ब्याज राशि में 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी।

अनुसूचित क्षेत्रा के लिए नई खनन नीति शीघ्र
गत् बजट में अनुसूचित क्षेत्रा में एक नयी खनन नीति लाने की घोषणा की थी। इस नीति को तैयार कर लिया है और इसे आगामी वित्तीय वर्ष से लागू कर दिया जाएगा। इस नीति में निम्न प्रमुख प्रावधान

शामिल किए जाएंगे:-
– राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली के तहत राजकीय भूमि में चिन्हित प्लाट के एक तिहाई खनन पट्टे या क्वारी लाईसेंस स्थानीय अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को आवंटित किये जायेंगे और अगर किसी भी प्लाट पर एक से अधिक आवेदन प्राप्त हुए तो लाॅटरी के माध्यम से आवंटन किया जायेगा।
– अनुसूचित क्षेत्रों में खनिज बजरी के 50 हेक्टेयर क्षेत्रा के चिन्हित प्लाट को निविदा के माध्यम से आवंटित किया जायेगा, जिसमें उसी क्षेत्रा की पंजीकृत अनुसूचित जनजाति की सोसायटी द्वारा आवेदन करने पर उसे खनन पट्टा आवंटन में प्राथमिकता दी जायेगी ।

पोटाश तथा स्टील ग्रेड डोलोमाइट के खनन पट्टे नीलामी से
गत सरकार ने खनिज पोटाश तथा स्टील ग्रेड डोलोमाइट की खनन राजकीय उपक्रम के लिए आरक्षित कर रेस्ट्रिक्टिव नीति लागू की थी, जिससे उक्त खनिजों का एक भी खनन पट्टा अनुदान नहीं हुआ। खनन स्टील ग्रेड डोलामाईट के लगभग 250 मिलियन टन भण्डार जोधपुर, राजसमन्द, भीलवाड़ा एवं उदयपुर में उपलब्ध है। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर तथा चुरू आदि में खनिज पोटाश के 2 हजार 476 मिलियन टन भण्डार 500 से 750 मीटर की गहराई पर प्रमाणित है। अतः खनिज विकास एवं राजस्व को ध्यान में रखते हुए खनिज पोटाश के खनन पट्टें तथा राजकीय भूमि में खनिज स्टील ग्रेड डोलोमाइट के खनन पट्टे नीलामी के माध्यम से जारी किये जायेंगे।

आई.टी.आई. उत्तीर्ण छात्रों के लिए घोषणा
वर्तमान में आठवीं अथवा दसवीं पास करने के बाद बच्चे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में प्रवेश ले लेते हैं और वहां पर 2 साल के सफल प्रशिक्षण के बाद वो तकनीकी रूप से कार्य करने में सक्षम हो जाते हैं। ऐसे बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अर्थात् आठवीं पास बच्चे को दसवीं का प्र्रमाण पत्रा और दसवीं पास बच्चे को बारहवीं का प्रमाण पत्र प्रदान करने हेतु समानीकरण परीक्षा की व्यवस्था की जाएगी।

इस व्यवस्था के तहत आठवीं एवं दसवीं के बाद आई.टी.आई. में पढने वाले विद्यार्थियों को केवल हिन्दी एवं अंग्रेजी विषय की परीक्षा पास करने पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से क्रमशः 10वीं एवं 12वीं के प्रमाण पत्रा प्राप्त हो सकेंगे। इस व्यवस्था से आई.टी.आई. से पास करने वाले युवाओं के लिए रोजगार के अन्य विकल्प भी खुल सकेंगे तथा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा को भी नई दिशा मिलेगी।

नए आई.टी.आई. की घोषणा
रानी-जिला पाली तथा श्रीमाधोपुर-जिला सीकर में नए आई.टी.आई. खोले जायेंगे।

मंदिरों का होगा जीर्णोद्धार
इस वर्ष मंदिर श्री रूपनारायण जी, सेवन्त्राी – राजसमन्द, श्री बैणेश्वर धाम – डूंगरपुर, श्री गोटिया अम्बा महादेवजी – बांसवाड़ा , श्री मातृ कुण्डिया – चित्तौड़गढ, श्री चैथमाता मंदिर – सवाई माधोपुर, श्री बिहारी जी मंदिर – भरतपुर, श्री डिग्गी कल्याणजी – मालपुरा, श्री राजकलेश्र टोंक, तीर्थगुरू पुष्कर राज – अजमेर, बूढ़ा पुष्कर, श्री रामदेवरा – जैसलमेर, श्री केशवराय – केशवरायपाटन, श्री झरनेश्वर महादेव, श्री नागणेचा – बाड़मेर, श्री नागणेचा मंदिर – बीकानेर में जीर्णोद्धार और विकास कार्य किए जायेंगे। झुन्झुनूं जिले में स्थित हिन्दू एवं मुस्लिम समुदाय की आस्था के प्रतीक नरहर दरगाह के विकास एवं सौन्दर्यकरण भी कराया जाएगा।

कोयला ब्लाॅक आवंटन से सुचारू होगी बिजली आपूर्ति
राज्य सरकार के प्रयासों से उच्चतम न्यायालय द्वारा पूर्व में निरस्त किए गए पारसा ईस्ट और कांटे बेसिन कोयला ब्लाॅक पुनः राजस्थान को आवंटित कर दिया है। इसके अतिरिक्त एक नया पारसा कोयला ब्लाॅक भी आवंटित कर दिया है। इनके आवंटन से वर्तमान में चल रही 250 × 250 मेगावाट छबडा में स्थित दो इकाईयों एवं 600 × 600 मेगावाट की कालीसिंध में दो इकाईयों को कोयले की आपूर्ति सुचारू रूप से हो सकेगी । इसके अतिरिक्त भविष्य में आने वाली सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित 660 × 660 मेगावाट की छबडा में स्थित दो इकाइयां व 660 ×660 मेगावाट की सूरतगढ़ में स्थित दो इकाइयों के लिए भी कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित हो गई है।

सभी बिजली वितरण कम्पनियों का आॅडिट कराया जायेगा
बढ़ते घाटे के कारण वितरण कम्पनियों का आॅडिट करवाया जाना आवश्यक हो गया है। तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों का खर्च एवं राजस्व आॅडिट समयबद्ध रूप से करवाया जायेगा। इसमें पाये जाने वाली अनियमितताओं हेतु जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी । साथ ही अच्छा कार्य करने वाले कार्मिकों के लिए प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की जायेगी ।

विद्युत वितरण में हो रही छीजत को कम करने के लिए एक समग्र योजना बनाई जा रही हैं, जिसके तहत उपखण्डवार व फीडरवार एनर्जी आॅडिट लगातार की जाएगी एवं अधिक छीजत वाले क्षेत्रों में आवश्यक सुधार हेतु विशेष कदम उठाए जाएंगेे। छीजत कम करने के सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे। विद्युत चोरी के प्रकरणों में किसानों सेे वर्तमान में दो हजार रूपये प्रति हार्स पाॅवर कम्पाउन्डिंग चार्ज लिया जाता है। इसे कम करते हुए 10 एच.पी. तक के मोटर पर 2000 रूपए प्रति एच.पी. की जगह 1000 रूपए प्रति एच.पी. चार्ज लिया जायेगा एवं 10 एच.पी. से अधिक भार वाले मोटर पर प्रथम 10 एच.पी. पर 1000 रूपए प्रति एच.पी. तथा शेष एच.पी. पर 500 रूपये प्रति एच.पी. चार्ज लिए जाने की घोषणा की।

वीसीआर के प्रकरणों में नागरिक उत्तरदायिता विनियामक प्राधिकरण द्वारा निर्धारित की जाती है। विद्युत वितरण निगमों द्वारा इसे कम करने हेतु विनियामक आयोग को याचिका प्रस्तुत की जावेगी ताकि नागरिक उत्तरदायिता राशि में कमी लाई जा सके। इस व्यवस्था से वीसीआर के प्रकरणों में न केवल कमी आएगी बल्कि किसान स्वतः ही समय पर विद्युत बिल की राशि भी जमा कराएंगे ताकि अधिक से अधिक काश्तकारों को विद्युत आपूर्ति की जा सके।

कृषि कनेक्शन के मांग पत्रा जमा कराने की निर्धारित अवधि में छूट
कई किसान कारणवश कृषि कनेक्शन हेतु मांग राशि जमा नहीं कर पाये जिसके कारण उनकी पत्रावलियों को निरस्त कर दिया गया है। अप्रैल 2013 से पूर्व जारी मांग पत्रों की राशि जमा नहीं करने वाले किसानों को मांग राशि जमा कराने का एक अवसर पूर्व में दिया जा चुका है। ऐसे सभी कृषि आवेदकों के मांग पत्रा जो 1 अप्रैल, 2013 एवं इसके बाद जारी किये गये है और मांग पत्रा निर्धारित 90 दिन की अवधि में जमा न करने के कारण जिनकी पत्रावलियां निरस्त हो गयी है उन्हें दिनांक 15 मई, 2015 तक मांग पत्रा की राशि जमा कराने का एक और अवसर दिया जायेगा।

बूंद-बूंद, फव्वारा तथा डिग्गी सिंचाई योजना के अंतर्गत 31 अक्टूबर 2014 तक जमा आवेदनों को कनेक्शन देने की कार्यवाही चल रही है। 31 मार्च, 2015 तक प्राप्त ऐसे सभी आवेदकों को वित्तीय वर्ष 2015-16 में कनेक्शन जारी किए जायेंगे।

सर्राफा डीलर्स के लिए कम्पोजिशन राशि की दर घटाई
जेम्स व स्टोन तथा सर्राफा डीलर्स के लिए कम्पोजिशन राशि की दर को 0.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.75 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित किया था। इस उद्योग द्वारा की गई मांग को ध्यान में रखते हुए कम्पोजिशन की दर को 0.75 की दर से घटाकर 0.50 प्रतिशत करने की घोषणा की ।

नए राजकीय काॅलेज
मनोहरथाना-जिला झालावाड़, ओसियां-जिला जोधपुर, महुआ-जिला दौसा, सुमेरपुर-जिला पाली एवं खण्डार-जिला सवाई माधोपुर में नवीन राजकीय महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी। साथ ही जालौर राजकीय कन्या महाविद्यालय में भूगोल संकाय खोला जायेगा।

कर्मचारियों के लिए मेडिक्लेम दावा राशि बढ़ाई
दिनांक 1 जनवरी 2004 तथा उसके पश्चात नियुक्त राज्य कर्मियों हेतु जारी की जा रही मेडिक्लेम पाॅलिसी के अंतर्गत राज्य कर्मचारी एवं उसके परिवार के सदस्यों द्वारा राजकीय एवं अनुमोदित चिकित्सालयों में चिकित्सा प्राप्त करने पर वर्तमान में अधिकतम 2 लाख रुपये तक के दावों का पुनर्भरण किया जाता है। इस राशि को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की घोषणा की।

विधायकों की पेंशन बढ़ोतरी
एक अप्रेल 2012 से ऐसे प्रत्येक व्यक्ति को, जो राजस्थान विधानसभा सदस्य के रूप में, निरंतर या अन्यथा 5 वर्ष तक की किसी कालावधि के लिए रहा हो, की पेंशन 7500/- रुपये से बढ़ाकर 01 अपै्रल 2015 से 15,000/- रुपये प्रतिमाह होगी। इसके साथ ही सदस्यों को निर्वाचन क्षेत्रा भत्ते के रूप अपनी कालावधि में मिलने वाले 40,000 रूपए प्रतिमाह की राशि को बढ़ाकर 50,000 प्रतिमाह किया।