24 दिन में 11 लाख से अधिक राजस्व प्रकरण निस्तारित
राजस्व लोक अदालत: न्याय आपके द्वार-2016
मुख्यमंत्री की पहल ला रही रंग
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर राज्य सरकार द्वारा शुरू किये गये राजस्व लोक अदालत : न्याय आपके द्वार अभियान के परिणाम गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी उत्साहजनक आ रहे हैं। राज्य में 9 मई, 2016 से शुरू हुए इस अभियान में एक जून तक प्रदेश भर में लोक अदालत की भावना के अनुरूप 11 लाख 18 हजार से अधिक राजस्व संबंधी प्रकरणों का आपसी समझाइश से निस्तारण किया गया है।
अब तक 24 दिन में अभियान के दौरान 4238 कैम्प लगाकर वर्षों से लम्बित राजस्व प्रकरणों का निस्तारण कर राहत पहुंचाई गई है। इनमें राजस्व अभिलेख में दुरुस्ती के 2 लाख 78 हजार 670, खाता विभाजन के 29 हजार 978, खातेदारी अधिकार के 9 हजार 169, इजराय के 19 हजार 168, नामान्तरकरण के 2 लाख 56 हजार 195, राजस्व नकल के 3 लाख 51 हजार 502 सहित अन्य प्रकरण शामिल हैं। इस तरह प्रतिदिन औसतन 46 हजार से अधिक मामले सुलझ रहे हैं और राजस्व अदालतों पर लंबित मामलों का बोझ भी कम हो रहा है।
41 पंचायतें राजस्व वाद मुक्त
अभियान के दौरान 41 ग्राम पंचायतें राजस्व वाद मुक्त बन गई हैं। इनमें पाली जिले की 12, झालावाड़ की 11, चूरू की 4, टोंक की 3, भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर, करौली एवं चित्तौड़गढ़ की 2-2, जोधपुर, नागौर एवं अलवर की 1-1 ग्राम पंचायतें राजस्व वाद मुक्त हुई हैं। वर्ष 2015 के ’न्याय आपके द्वार’ अभियान की अवधि में 61 ग्राम पंचायतों को वाद मुक्त किया गया था। इस तरह अब तक 102 ग्राम पंचायतें वाद मुक्त की जा चुकी हैं।
रास्तों के 2 हजार 723 प्रकरण निस्तारित
अभियान में विशेष तौर पर रास्तों के विवादों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। इसके तहत अब तक चालू रास्तों के अभिलेख में अंकन, बंद रास्तों को खुलवाने, संकड़े रास्तों को चौड़े करवाने के 2 हजार 723 प्रकरण निस्तारित किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य के इतिहास में पहली बार गत वर्ष 18 मई से 30 जुलाई, 2015 तक राजस्व लोक अदालत अभियान चलाया गया था। इस दौरान 21 लाख 20 हजार से अधिक मामलों का निपटारा कर लोगों को भरपूर राहत पहुंचाई गई थी।
जयपुर, 02 जून 2016
