पर्यटकों एवं वाहनों की आवाजाही से वन्य जीवों को नुकसान न हो

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राष्ट्रीय उद्यानों एवं वन्य जीव अभयारण्यों में जाने वाले पर्यटक एवं वाहन नियम कानूनों की पूरी पालना करें एवं इस बात का पूरा ध्यान रखा जाये कि उनकी आवाजाही से वन्य जीवों को नुकसान नहीं पहुंचे एवं दुर्घटनाओं की आशंका नहीं हो।

श्रीमती राजे मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में वन विभाग एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि रणथम्भौर टाईगर रिजर्व में जाने वाले पर्यटकों को अन्दर प्रवेष करने से पहले पर्याप्त दिषा निर्देष दिये जायें ताकि वे पार्क के अन्दर ज्यादा शोरगुल मचाकर जंगली जानवरों को परेषान न करें । उन्होंने कहा कि पर्यटकों को अभयारण्य में ले जाने वाले वाहनों के चालकों एवं पर्यटक गाइड को पर्याप्त रूप से प्रषिक्षण दिया जाये। ऐसे लोगों को गाइड के रूप में चुना जाय जिन्हें वन्य जीवन में रूचि हो और वन्य जीवों के प्रति संवेदनषील हो।

मुख्यमंत्री ने अभयारण्यों में अतिक्रमण रोकने के लिये पर्याप्त उपाय करने तथा वन भूमि पर वृक्षारोपण के बाद जीवित पौधों की उचित देखभाल एवं पर्याप्त माॅनिटरिंग की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देष दिये।

अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण श्री ओ. पी. मीणा ने 2014-15 एवं 2015-16 में मुख्यमंत्री द्वारा की गई बजट घोषणाओं की प्रगति एवं आगे की कार्य योजना पर प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि चूरू जिला मुख्यालय पर नेचर पार्क के लिये 7 करोड़ रूपये के बजट का अतिरिक्त प्रावधान तथा धौलपुर में वन विहार विकसित करने के लिये एक करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। उदयपुर में बायोलाॅजिकल पार्क शुरू कर दिया गया है जबकि जयपुर एवं जोधपुर में पार्क का कार्य प्रगति पर है।

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वन-धन योजना के तहत 2015-16 के लिये 7 करोड 50 लाख का व्यय प्रस्तावित है। इसके अलावा बागदड़ा, उदयपुर में क्रोकोडाइल पार्क के लिये एक करोड़ रूपये स्वीकृत कर कार्य शुरू किया गया है।

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती अपर्णा अरोड़ा ने बोर्ड की उपलब्धियों पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुरूप सम्पूर्ण प्रकरण आॅनलाइन कर दिये गये हैं तथा पर्यावरणीय मंजूरी के लिये आवेदन फार्म को उद्योगों के अनुकूल भी बनाया गया है।

बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री राजकुमार रिणवां, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री पी.एस.मेहरा, आयोजना सचिव श्री अखिल अरोडा एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 2 जून 2015

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