व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने के लिए सभी विभाग समन्वय से कार्य करें

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं से जुड़े सभी विभाग समन्वय से कार्य करते हुए इन योजनाओं का वास्तविक लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि योजनाओं से स्वयं सहायता समूहों को भी जोड़ा जाए ताकि योजनाओं का लाभ उठाने वाले लोगों का दायरा बढे।

श्रीमती राजे शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के सचिव स्तर के अधिकारी हर माह जिलों में जाएं एवं कलेक्टर्स के साथ बैठकर योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछड़े जिलों में हर माह एक सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाए ताकि सामूहिक विवाह से जुड़ी योजनाओं का फायदा ज्यादा से ज्यादा विवाह योग्य लडकियों को मिल सकें। उन्होंने कहा कि बुनकरों एवं दस्तकारों को आजीविका योजनाओं से जोड़ा जाए ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सुधारी जा सकें।

श्रीमती राजे ने कहा कि जिला कलेक्टर संबंधित जिलों में निःशक्तजनों की सूची तैयार करें ताकि उन्हें ट्राई-साईकिल व अन्य जरूरी उपकरण उपलब्ध कराए जा सके। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक पिछड़े जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अस्पतालों में आने वाले मरीजों एवं उनके सहयोगियों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए जनसहयोग से व्यवस्था की जाए। इस कार्य में किसी ट्रस्ट का सहयोग लेने की सम्भावनाएं भी देखी जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टर्स रूचि लेकर जिलों में ज्यादा से ज्यादा टाॅयलेट बनवाएं ताकि ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त करने के लक्ष्य की प्राप्ति हो सके। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में कलेक्टर्स ने रूचि दिखाई है, वहां इस दिशा में तेजी से कार्य हुए हैं।

बैठक में ग्रामीण विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, टीएडी, लघु उद्योग एवं राजीविका से संबंधित अधिकारियों ने व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं की प्रगति के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री मुकेश शर्मा, प्रमुख शासन सचिव लघु उद्योग श्री राजीव स्वरूप, जनजाति विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री खेमराज, मुख्यमंत्री के सचिव श्री टी. रविकान्त, ग्रामीण विकास सचिव श्री राजीव सिंह ठाकुर, टीएडी आयुक्त श्री भवानी सिंह देथा एवं आरएसएलडीसी के प्रबन्ध निदेशक श्री गौरव गोयल मौजूद थे।

जयपुर, 16 अक्टूबर 2015