लघु उद्योग अर्थव्यवस्था की बैकबोन

इंडिया इंडस्ट्रियल फेयर-2018

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि सूक्ष्म एवं लघु उद्योग इकाइयां अर्थव्यवस्था की बैकबोन हैं। इनको बढ़ावा देने से देश की अर्थव्यवस्था सशक्त बन सकती है। इसी कारण हमारी सरकार इस क्षेत्र पर विशेष रूप से फोकस कर रही है। उन्होंने कहा कि इन्हीं छोटे-छोटे उद्योगों में बड़ी संख्या में रोजगार पैदा करने की क्षमता है।

श्रीमती राजे शनिवार को सीतापुरा स्थित जयपुर एग्जीबीशन एण्ड कन्वेंशन सेंटर में इंडिया इंडस्ट्रियल फेयर 2018 के एक विशेष सत्र को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश में लघु उद्योगों को एक नई दिशा मिली है। राजस्थान में भी सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई पॉलिसी लागू की गई है, जिसमें छोटे उद्यमियों को कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की विशेष छूट योजना लाएंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में चल रही जो एमएसएमई इकाइयां राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की विशेष छूट योजना का लाभ नहीं ले पाई थीं, उनके लिए सीमित समयावधि के लिए एक नई छूट योजना लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि एमएसएमई गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2014, राजस्थान स्टार्टअप पॉलिसी 2015 तथा राजस्थान सिक माइक्रो एण्ड स्मॉल एन्टरप्राइज स्कीम 2015 सहित कई योजनाएं लागू की गई हैं। उन्होंने बताया कि बीमार औद्योगिक इकाइयों के पुनरूद्धार के लिए रिप्स-2014 के तहत भूमि बेचान पर स्टाम्प ड्यूटी में 50 प्रतिशत तक की छूट दी गई है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में 500 वर्ग मीटर से बड़ी भूमि पर औद्योगिक प्रयोजन के लिए रूपान्तरण में टाउन प्लानर की अनुमति की बाध्यता को अब खत्म कर दिया गया है।

एमएसएमई पखवाड़ा आयोजित करने वाला राजस्थान पहला राज्य

श्रीमती राजे ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में निवेश के लिए प्रदेश में सकारात्मक माहौल तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई के क्षेत्र में जीएसटी से जुड़ी कई परेशानियों को हमने दूर करने का प्रयास किया है। आगे भी जो समस्याएं आएंगी, उन्हें दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी है कि राजस्थान पहला राज्य है, जिसने एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों की सहायता के लिए 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर, 2017 तक एमएसएमई पखवाड़ा आयोजित किया।

भामाशाह रोजगार सृजन योजना में बढ़ाया ब्याज अनुदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में रोजगार के सीमित अवसर होने के कारण आवश्यक है कि हमारा युवा स्वरोजगार की तरफ बढे़। इसके लिए हमने न केवल प्रदेश में दो कौशल विकास विश्वविद्यालय शुरू किए हैं, बल्कि युवाओं को स्वरोजगार की ओर बढ़ाने के लिए भामाशाह रोजगार सृजन योजना लागू की। हमने इस योजना में ऋण की सीमा दस लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए तथा ब्याज अनुदान 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया है।

मार्च तक आयोजित होंगी 8 बायर-सेलर मीट

श्रीमती राजे ने कहा कि एमएसएमई इकाइयों से जुडे़ उद्यमियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देने तथा उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में मार्च, 2018 तक 8 बायर-सेलर मीट तथा वेंडर डवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बेस्ट स्टार्ट अप के लिए 5 युवाओं ईशिता गुप्ता, योगेश अग्रवाल, शशि रंजन, सार्थक शर्मा एवं पूजा अग्रवाल को सम्मानित भी किया।

इससे पहले लघु उद्योग भारती के प्रदेशाध्यक्ष ताराचंद गोयल ने स्वागत संबोधन दिया। कार्यक्रम को भारत के सरकार के एमएसएमई विभाग के सचिव अरूण पाण्डा, इंडिया इंडस्ट्रियल फेयर के राष्ट्रीय संरक्षक अध्यक्ष ओपी मित्तल तथा लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र गुप्ता ने भी संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न जिलों से आए उद्यमियों द्वारा लगाई गई स्टॉल्स का भी अवलोकन किया। उन्होंने विभिन्न स्टॉल्स पर जाकर उद्यमियों से उनके उत्पादों के बारे में जानकारी ली और उनका उत्साहवर्द्धन किया। उन्होंने एक स्टॉल पर रूककर ब्लॉक प्रिंट की रजाई भी खरीदी।

इस अवसर पर सांसद रामचरण बोहरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव एमएसएमई राजीव स्वरूप, उद्योग आयुक्त कुंजीलाल मीणा सहित लघु उद्योग भारती के पदाधिकारी एवं समस्त जिलों से आए प्रतिभागी उपस्थित थे।

जयपुर, 6 जनवरी 2018