गोसेवा में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं

हिंगोनिया गौ-पुनर्वास केन्द्र

अधिकारियों को दिया चार दिन का अल्टीमेटम

बाद में वे खुद जाकर जानेंगी गायों का हाल

लापरवाही पर दो निलम्बित

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने हिंगोनिया गौ-पुनर्वास केन्द्र के वर्तमान हालातों पर सख्त नाराजगी जताई और कहा कि गायों की सेवा, स्वास्थ्य और उनकी देखभाल में किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने नगर निगम, पशुपालन विभाग और स्वायत्त शासन विभाग को साफ-साफ कहा कि वे स्वयं चार दिन बाद हिंगोनिया गौ-पुनर्वास केन्द्र का निरीक्षण करेंगी, इस अवधि में वहां के हालात सुधरने चाहिए अन्यथा जो भी दोषी होगा उसे किसी भी स्थिति में बक्शा नहीं जायेगा।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को स्वायत्त शासन मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत, पशुपालन मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी, मुख्य सचिव श्री ओपी मीणा, प्रमुख शासन सचिव स्वायत्त शासन डाॅ. मंजीत सिंह और जयपुर नगर निगम आयुक्त श्री हेमंत गेरा को हिंगोनिया केन्द्र पर भेजकर वहां की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। इन्होंने हिंगोनिया गौ-पुनर्वास केन्द्र जाकर वहां के हालात देखे और मुख्यमंत्री को दिल्ली रवाना होने से पहले वस्तुस्थिति से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने जयपुर एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर पर एक बैठक भी ली, जिसमें दोनों मंत्रियों, उक्त अधिकारियों के अलावा नगर निगम के महापौर श्री निर्मल नाहटा, संभागीय आयुक्त जयपुर श्री राजेश्वर सिंह, पशुपालन सचिव श्री कुंजीलाल मीणा भी उपस्थित थे।

इस बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों और अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की और नाराजगी जताते हुए कहा कि बीते दिनों गायों की देखभाल में हुई लापरवाही की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तथा गो-पुनर्वास केन्द्र की चार दिवस के अंदर व्यवस्था सुधारी जाए।

स्वायत्त शासन मंत्री श्री शेखावत ने मुख्यमंत्री को बताया कि हिंगोनिया गो-पुनर्वास केन्द्र में रिवाॅल्विंग फण्ड बनाने, गायों के बाड़ो की सफाई करने तथा चारे-पानी की विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। उन्होंने जयपुर नगर निगम ने हिंगोनिया गो-पुनर्वास केन्द्र के उपायुक्त श्री शेरसिंह लुहाड़िया और प्रभारी श्री आर.के. शर्मा को प्रथम दृष्टया लापरवाही का दोषी माना है। इसे मुख्यमंत्री ने गम्भीरता से लिया। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर उक्त दोनों कार्मिको को तुरन्त प्रभाव से निलंबित किया गया।

पशुपालन मंत्री प्रभुलाल सैनी ने वहां वार्ड नं. 3 के आईसीयू में विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की एक स्पेशल टीम लगाई है जो वहां आने वाली गायों का इलाज करेगी। श्री सैनी ने बताया कि 17 पशुचिकित्सक, 28 पशुधन सहायक, 2 रेडियो ग्राफर, एक लैब टेक्नीशियन और 7 पशुधन परिचर, एक जलधारी और चार सफाई कर्मचारी सहित 60 सदस्यों की टीम तैनात की है जो गायों के स्वास्थ्य पर निरन्तर निगरानी रखेगी। उन्होंने कहा कि एक वर्ष में 279 गायों के आॅपरेशन किए जा चुके हैं। अधिकांश उन गायों की मृत्यु हो रही है जो उपचार के लिए हिंगोनिया लाई जा रही हैं।

जयपुर, 6 अगस्त 2016