शहरी क्षेत्रों में मकानों-भूखण्डों के नियमन की राह होगी आसान

जनकल्याण के कई महत्त्वपूर्ण निर्णय

राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण एवं पं. दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन शिविरों के आयोजन, न्याय आपके द्वार अभियान का तीसरा चरण शुरू करने तथा 3 हजार 169 गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने सहित कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने मंत्रिमण्डल की बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी मीडिया को देते हुए बताया कि मंत्रिमण्डल ने मकान के पट्टे तथा नगरीय निकायों से जुड़ी आमजन की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए 10 मई से 10 जुलाई तक मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण योजना के तहत शिविरों के आयोजन को मंजूरी दी। इस योजना में कृषि एवं सिवायचक भूमि पर बसी कॉलोनियों का नियमन, स्टेट ग्रांट एक्ट के पट्टे जारी करने, खांचा भूमि का आवंटन, निकायों के द्वारा नीलाम अथवा आवंटित भूखण्डों के बढ़े हुए क्षेत्रफल का नियमन, नक्शों का अनुमोदन, 31 दिसम्बर 2015 से पूर्व 90 वर्ग मी. तक के भूखण्डों पर बिना सेटबैक के बने आवासों नियमन, भूखण्डों का पुनर्गठन एवं उप विभाजन तथा भवन निर्माण अनुमति, बकाया लीज व नगरीय विकास कर की ब्याज राशि में छूट देकर वसूली तथा सिवायचक भूमि के नगरीय निकायों को हस्तांतरण के कार्य किए जाएंगे।

शहरी जनकल्याण योजना में होंगे 23 तरह के काम

श्री राठौड़ ने बताया कि शहरी जनकल्याण योजना में सीलिंग अधिनियम एवं कस्टोडियन भूमि से प्रभावित योजनाओं में नियमन, आवासन मण्डल, पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन एवं नगरीय निकायों द्वारा अवाप्त भूमि में बने आवासों का नियमन, ईडब्ल्यूएस एवं एलआईजी तथा 60 वर्ग मी. से छोटे भूखण्डों व आवासों के नियमन जैसे 23 प्रकार के कार्य किए जाएंगे। इन शिविरों में गाड़िया लौहार व घुमन्तु जातियों को 50 वर्ग गज भूमि का निःशुल्क आवंटन का कार्य भी किया जाएगा। शिविरों के पश्चात भी इस प्रकार के कार्य नियमित और समयबद्ध रूप से किए जाएंगे जिसमें योजना में दी गई रियायतें जारी रहेंगी।

स्टेट ग्रांट एक्ट के पट्टों में राहत

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि व्यापक जनहित को देखते हुए इस योजना में पुरानी आवासीय कॉलोनियों के वर्षों से बकाया पट्टे प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए जारी किए जाएंगे। जिन खातेदारों ने शहरों के परिधि क्षेत्र में अपनी भूमि पर 500 वर्ग मीटर तक के निवास बना रखे हैं, उनका निःशुल्क नियमन किया जाएगा। जहां खातेदारों ने अपनी भूमि पर भूखण्ड काटे हैं लेकिन खातेदार की रूचि इन भूखण्डों का नियमन कराने में नहीं है तो वहां भी काबिज भूखण्डधारियों के नाम पंजीकृत या अपंजीकृत दस्तावेजों के आधार पर रियायती दर पर नियमन किया जाएगा। स्टेट ग्रांट एक्ट के अंतर्गत सामान्य वर्ग के लिए 1 जनवरी 1965 के बजाय 1 जनवरी 1990 तक के कब्जों तथा अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लिए 1 जनवरी 1985 के बजाय 1 जनवरी 1996 तक के कब्जों के पट्टे जारी किए जा सकेंगे। शिविरों में प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए नगरीय निकायों की शक्तियां एम्पावर्ड कमेटी को दी जा रही हैं। साथ ही जिन भूखण्डधारियों ने पहले नियमन शिविरों में पट्टा नहीं लिया है उन्हें एक मुश्त केवल 25 प्रतिशत प्रीमियम राशि अतिरिक्त देने पर पट्टे दिए जाएंगे। खांचा भूमि के आवंटन की अधिकतम सीमा बढ़ाकर 150 वर्ग गज कर दी गई है। लीज राशि एवं नगरीय विकास कर की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान करने पर ब्याज में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी।

दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन शिविर सितम्बर-2017 में

संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुरूप सितम्बर 2017 में विधानसभावार पं. दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में विशेष योग्यजनों को चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी करने के साथ ही ठीक हो सकने वाली विकलांगता दूर करने के लिए चिन्हित किया जाएगा। इन शिविरों में पंजीकृत विशेष योग्यजनों को ट्राई-साइकिल, मोटराइज्ड ट्राई-साइकिल, बैसाखी, श्रवण यंत्र आदि का वितरण किया जाएगा।

न्याय आपके द्वार अभियान 8 मई से

श्री राठौड़ ने बताया कि पिछले दो वर्ष की भांति इस वर्ष भी 8 मई से 30 जून तक राजस्व लोक अदालत-न्याय आपके द्वार अभियान चलाया जाएगा। इस बार अभियान के दौरान 10 अगस्त 2016 के परिपत्र के अनुसार रास्ते सम्बंधी प्रकरणों के समझाइश के आधार पर निस्तारण को वरीयता दी जाएगी। अभियान में भूमि विभाजन के प्रकरण, नामान्तरकरण, एक ही कुटुम्ब व सजरे के व्यक्तियों के अधिकारों की घोषणा व निषेधाज्ञा सम्बंधी प्रकरण, राजस्थान काश्तकारी अधिनियम-1955 की धारा 183 ए, बी, सी में दर्ज प्रकरणों के निस्तारण सहित नवीन राजस्व ग्राम के लिए प्रस्ताव तैयार करने के कार्य भी किए जाएंगे। प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर राजस्व लोक अदालत अभियान शिविर का आयोजन किया जाएगा जिनमें 15 अन्य विभागों की व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं के कार्य भी सम्पादित किए जाएंगे।

3 हजार 169 गांव बनेंगे स्मार्ट

श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में प्रदेश के 3 हजार 169 गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। इन गावों में शुद्ध पेयजल, जल निकासी प्रबंधन, सामुदायिक शौचालय, सार्वजनिक पार्क एवं खेल मैदान, ग्रामीण गौरव पथ एवं मुख्य मार्गों पर सोलर या एलईडी स्ट्रीट लाइट, नियमित सफाई व्यवस्था, दुग्ध उत्पादन केन्द्र, अन्न भंडार गृह, ई-लाइब्रेरी, अटल सेवा केन्द्र या गांव के प्रमुख स्थान पर वाई-फाई सुविधा, प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्र एवं पषु चिकित्सा केन्द्र जैसी कई सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

ग्रामीण पट्टा अभियान में 61 हजार 822 पट्टे वितरित

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि बैठक में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण पट्टा वितरण अभियान की समीक्षा की गई। अभियान के तहत 1755 ग्राम पंचायतों में शिविर लगाकर अब तक 61 हजार 822 पट्टे जारी किए गए हैं तथा प्रक्रियाधीन 93 हजार 284 पट्टे इसी सप्ताह जारी हो जाएंगे। आबादी विस्तार के लिए भूमि सेट अपार्ट सम्बंधी जिला कलक्टर की शक्तियां उपखण्ड अधिकारी को प्रत्यायोजित की गई हैं। जिन ग्राम पंचायतों मे आबादी विस्तार के लिए चारागाह के अतिरिक्त अन्य कोई राजकीय भूमि उपलब्ध नहीं है और चारागाह में पूर्व में ही आबादी बस चुकी है, वहां ऐसी भूमियों को ग्राम पंचायत को हस्तांतरित किया जाएगा। इसी प्रकार जिन ग्राम पंचायतों में आबादी विस्तार के लिए केवल वन विभाग की भूमि ही उपलब्ध है तथा इसमें भी आंशिक भूमि पर पूर्व में आबादी विकसित हो चुकी है, ऐसी भूमियों को ग्राम पंचायतों को आबादी भूमि के पट्टे जारी करने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इस अभियान में 10 लाख से अधिक ग्रामीणों को लाभान्वित किया जाएगा।

पदोन्नति के लिए अनुभव की सीमा घटाई

श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में राजस्थान विधि (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 1981 में संशोधन का अनुमोदन किया गया है। इसके तहत संयुक्त विधि परामर्शी के पद पर पदोन्नति के लिए उप विधि परामर्शी के पद पर 5 वर्ष के अनुभव को घटाकर 3 वर्ष और सेवा में सम्मिलित पद पर कुल 18 वर्ष की सेवा के अनुभव का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार उप विधि परामर्शी के पद पर पदोन्नति के लिए सहायक विधि परामर्शी के पद पर 5 वर्ष के अनुभव को घटाकर भी 3 वर्ष किया गया है। इस संशोधन से रिक्त पदों को पदोन्नति से भरने की कार्यवाही पूर्ण होगी।

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि बैठक में हैण्डपम्प से पीएनटी योजना में परिवर्तन के लिए टोंक जिले के ग्राम हरभावंता के लिए ग्रामीण जल योजना की कार्योत्तर स्वीकृति जारी करने का निर्णय लिया गया। यह योजना पूर्ववर्ती सरकार के अन्तिम 6 माह के कार्यकाल में स्वीकृत की गई थी। इसकी अनुमानित लागत 99.93 लाख रुपये थी। वर्तमान सरकार के पुनरीक्षण में यह योजना निरस्त कर दी गई थी लेकिन जनता की मांग एवं ग्रामवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस योजना को पुनः स्वीकृत कर कार्य पूर्ण कराया गया।

विप्र फाउण्डेशन को मानसरोवर में 1986 वर्ग मी. भूखण्ड आवंटन

श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में विप्र फाउण्डेशन संस्था को आवासन मण्डल की मानसरोवर योजना के सेक्टर-5 में 1986 वर्ग मीटर का भूखण्ड संस्थानिक की आरक्षित दर के 25 प्रतिशत पर आंवटित करने का निर्णय लिया गया। संस्था इस भूखण्ड पर अनुसंधान, कौशल विकास एवं सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण करेगी। बैठक में हरे कृष्णा मूवमेंट, जयपुर (ट्रस्ट) को मुकुंदरा विहार आवासीय योजना, कोटा में 8516 वर्गमीटर का भूखण्ड आरक्षित दर के 25 प्रतिशत पर आवंटित करने का निर्णय भी लिया गया। संस्था यहां कम्यूनिटी किचन, थियेटर फोर परफॉरमिंग आर्ट, नशामुक्ति केन्द्र, योगा हॉल, हैरिटेज एक्सपो, चरित्र निर्माण केन्द्र आदि का निर्माण करेगी। उक्त दोनों संस्थाएं उद्देश्य के अतिरिक्त कोई गतिविधि संचालित करेगी तो उनका आवंटन निरस्त किया जा सकेगा।

जयपुर, 3 मई 2017