पन्द्रह लाख युवाओं को रोजगार के लिए “आरमोल” का पुनर्गठन राजस्थान वन अधिनियम की धाराओं में संशोधन

जयपुर, 23 जनवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में गुरुवार को विधानसभा में आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में ‘राजस्थान मिशन आॅन लाइवलीहुड‘ (आरमोल) का पुनस्र्थापन कर 15 लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसर तैयार करने एवं राजस्थान वन अधिनियम, 1953 की धारा 26 व 33 में संशोधन करने के महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

उल्लेखनीय है कि श्रीमती राजे ने सुराज संकल्प यात्रा के दौरान इनकी घोषणा की थी और बाद में जारी पार्टी के संकल्प पत्रा में भी जनता को इन्हंे लागू करने का विश्वास दिलाया था। इसी क्रम में मंत्रिमण्डल ने ये महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।

मंत्रिमण्डल की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्राी श्री राजेन्द्र राठौड़ ने इन फैसलों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुरूप प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार के अवसर सुलभ कराने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में ‘आरमोल‘ का पुनर्गठन किया गया है। इसमें आठ विभाग आयोजना, विद्युत, कृषि एवं पशुपालन, पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास, उद्योग, तकनीकी शिक्षा, पर्यटन एवं नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव, 6 विषय विशेषज्ञ और औद्योगिक क्षेत्रा के 6 प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। यह कौशल, प्रशिक्षण एवं आजीविका के क्षेत्रा में राज्य की सर्वोच्च संस्था होगी। आरमोल के उपाध्यक्ष राजस्थान कौशल एवं आजीविका निगम (आएसएलडीसी) के अध्यक्ष होंगे।  इससे आजीविका के क्षेत्रा में नीति निर्माण एवं समन्वय के साथ क्रियान्वयन का बेहतर तालमेल सम्भव होगा।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2004 में ‘राजस्थान मिशन आॅन लाइवलीहुड‘ (आरमोल) का गठन किया था, लेकिन पिछली सरकार ने इसके स्थान पर नाममात्रा के लिए राजस्थान कौशल एवं आजीविका मिशन का गठन करते हुए उसके तहत एक परिषद भी बनाई, जिसकी एक भी बैठक नहीं हुई। इस वजह से आरमोल द्वारा प्रारम्भ आजीविका के अवसर निर्माण की मुहिम में व्यवधान आ गया था।

वन अधिनियम की धारा 26 एवं 33 में संशोधन
श्री राठौड़ ने बताया कि राजस्थान वन अधिनियम 1953 की धारा 26 में गत सरकार द्वारा वर्ष 2013 में संशोधन करते हुए वन उपज के संबंध में अपराध हेतु जुर्माना 25 हजार रुपए तक किया गया था। मंत्रिमण्डल की बैठक में निर्णय लिया गया है कि इस बिल में पुनः संशोधन के उपरान्त धारा 26 के तहत आरक्षित वन में कोई अतिक्रमण करता है, मवेशी चराता है, मवेशी को अतिक्रमण करने देता है, असावधानी से किसी वृक्ष की गिराई या कटाई करता है, जड़ से उखाड़ने, परिवर्तन या किसी इमारती लकड़ी को घसीटने से क्षति करता है, किसी वृक्ष या उसके भाग को गिराता, घेरता, छंटाई करता है, उखाड़ता है, छेदता है, जलाता है या उस पर से छाल उतारता है  या अन्य प्रकार से नष्ट करता है तो उस पर अब 500 रुपए तक का ही जुर्माना लगाया जाएगा।

इसी प्रकार राजस्थान वन अधिनियम, 1953 की धारा 33 के तहत रक्षित वन में वन उपज के संबंध में किए गए अपराध हेतु भी गत सरकार द्वारा संशोधन कर जुर्माना 25 हजार रुपए किया गया था। मंत्रिमण्डल की बैठक में इसमें भी संशोधन करते हुए अधिकतम जुर्माना राशि 500 रुपए करने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में पैसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी, उदयपुर विधेयक, 2013 का अनुमोदन किया गया, जिसे विधानसभा में लाया जाएगा।