योजना आयोग में बदलाव पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्रियों की बैठक देश के सुनहरे भविष्य के लिए सहकारी संघवाद का मार्ग ही विकल्प

जयपुर/नई दिल्ली, 07 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने आपसी सहयोग एवं समन्वय पर आधारित संघीय ढ़ांचे को देश के विकास का एक मात्रा विकल्प बताते हुए कहा है कि ‘सहकारी संघवाद’ की भावना को अपना कर और इसकी संकल्पना को मूर्तरूप देने के साथ ही एकजुटता के साथ काम करके ही हम राष्टं के मूल लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

श्रीमती राजे रविवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा योजना आयोग में बदलाव एवं पुननिर्माण के संबंध में विचार विमर्श के लिए बुलाई गई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में बोल रही थीं। श्रीमती राजे ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और उनका मंत्रिमण्डल ऐसा वातावरण तैयार करने का प्रयास कर रहेे हैं, जिसमें राज्य स्वतंत्रा और निर्भिक होकर बेहतर शासकीय संरचना के मुद्दे पर अपना पक्ष एवं अभिमत रख सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समय की रफ्तार को देखते हुए योजना आयोग जैसे संस्थानों में बदलाव एवं उनका पुर्नगठन करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रधानमंत्री का यह कदम सराहनीय एवं स्वागतयोग्य है। उन्होंने कहा कि राज्यों को योजनाओं के निर्धारण, धन के हस्तान्तरण एवं प्राथमिकताएं निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान की जानी चाहिए।

श्रीमती राजे ने कहा कि संविधान ने हमें केन्द्र एवं राज्यों के बीच संवाद स्थापित करने की काफी सहुलियतें एवं अवसर प्रदान किए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान की इस भावना के अनुरूप एक ऐसा मंच बनाया जाना चाहिए जहां केन्द्र-राज्यों के बीच एवं राज्यों के आपसी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से उठाने के साथ ही उनका सम्मानजनक हल भी ढूंढ़ा जा सके।

बैठक के दूसरे सत्रा में मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने राजस्थान में अपनाई गई सुधारों की प्रक्रिया पर अपने विचार रखे तथा बताया कि राजस्थान ने क्यों और कैसे सुधार एजेंडा को अपनाया तथा इसे सफल बनाया। उन्होंने विस्तार से इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि श्रम कानूनों में सुधार एवं परिवर्तन से राज्य में न केवल रोजगार के अवसर एवं वातावरण पैदा हुआ है, बल्कि यहां व्यवसाय करना अब काफी आसान हो गया है। उन्होंने बताया कि इन सुधारों के एजेंडा को आगे बढ़ाने से राज्य में न केवल रोजगार एवं श्रम की प्रतिष्ठा बढ़ी है, बल्कि इनसे भौतिक एवं सामाजिक संरचनाओं के निर्माण और गवर्नेस के अन्य क्षेत्रों में भी सफलता प्राप्त हुई है।

श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू किए जा रहे सुधार एजेंडा का उद्देश्य, सरकार एवं नागरिकों के बीच सम्बन्धों में बेहतरी के साथ-साथ सरकार एवं व्यवसायियों के बीच भी सम्बन्धों को मजबूत करना है।