
राजस्थान के कुशल युवाओं की कहानी

मेरे परिवार को मिला अब मिला सम्बल

राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम ने सवारी मेरी जिन्दगी

कौशल से हुई राह आसान

छिपे हुए हुनर को बाहर निकाल पायी

भविष्य में कार्यालय सहायक बनना चाहती हूं

नौकरी के बाद मेरे परिवार के मान सम्मान में हुई वृद्वि

अपने जिले में महिला शिक्षा के लिए काम करना चाहती हूं

कौशल प्रशिक्षण से हुई मेरे आत्मविश्वास में वृद्वि

मेरा कौषल

हुनर विकास से मिली पहचानः हौसलों को मिली उड़ान

निहालचंद के साधारण परिवार की सफलता की कहानी

भविष्य में स्वंय का लघु उद्योग स्थापित करना चाहती हूं

कौशल प्रशिक्षण ने दी रवि के करियर को नई दिशा

आशा के सपनों की शुरुआत हुई कौशल प्रशिक्षण से

कौशल प्रशिक्षण ने श्याम सुंदर को प्रदान किया आर्थिक सबंल

शैतान सिंह के घर की लौटी खुशियां, गांव के लोगों के लिए बना मिशाल
जैतारण के 24 वर्षीय शैतान सिंह आज आत्मविश्वास से लबरेज हैं। उन्होंने राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम से ऑफिस असिस्टेंट के कोर्स में रजिस्ट्रेशन करवाया।
कोर्स में रुचि और कड़ी मेहनत की बदौलत आज वह अन्नपूर्णा माईक्रो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में फील्ड क्रेडिट ऑफिसर के रूप में 19 हजार 600 रुपए के वेतन पर काम कर रहा है।
उसके घर परिवार में खुशियां लौट आई हैं। पहले जहां शैतान सिंह बेरोजगारी से परेशान थाए वहीं तकनीकी शिक्षा की बारीकियां सीखकर वह गांव के लोगों के लिए मिसाल बन चुका है। यह कमाल है राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम का।

मेरा मन पसंद कंपनी मारूती सुजूकी में हुआ चयन
बूंदी के केशोरायपाटन का रवि महावर 12वीं के बाद आईटीआई कर चुका था। पिताजी की कम आय के कारण परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ रवि के कंधों पर आ गया था। हर तरह मुसीबतें थींए कुछ सूझ नहीं रहा था। ऐसे में राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम उम्मीद की एक किरण बनकर आया। रवि ने निगम के अकाउंटिंग के कोर्स में प्रवेश लिया।
अकाउंटिंग के साथ टेली और कम्प्यूटर व अंग्रेजी का ज्ञान भी प्राप्त किया। इससे उसके व्यक्तित्व का विकास हुआ। रवि कहते हैं कि इन सबका फायदा मुझे ये हुआ कि मेरी मनपसंद कंपनी मारुति सुजूकी में चयन हो गया । मुझे कम्पनी में 16 हजार 800 रुपए वेतन की जॉब मिल गई। अब रवि पर पूरा परिवार फख्र करता है और कहता है थैंक्स राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम।