कौशल प्रशिक्षण ने श्याम सुंदर को प्रदान किया आर्थिक सबंल
22 वर्षीय श्याम सुन्दर कौशल प्रशिक्षण सीखकर आज अपने पैरों पर खड़ा हो गया है। आत्मनिर्भर बनकर आज वह गांव के अन्य युवाओं को अपना हुनर विकसित करने के लिए राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम में प्रशिक्षण सीखने के लिए प्रेरित करता है और यहीं कारण है आज उसकी सफलता उसके गांव के लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है।
पाली जिले के जैतारण कस्बे का श्याम सुन्दर गुर्जर 12 वीं पास है। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उसे कहीं भी नौकरी नहीं मिल पा रही थी। उसके माता पिता ने उसे नौकरी करने के लिए कहा जिससे वो घर की आर्थिक तंगी दूर करने में उनकी मदद कर सकें। लेकिन वो असहाय था क्योंकि उसके पास कोई तकनीकी शिक्षा भी नहीं थी जिससे वो रोजगार प्राप्त कर सकें।
इसी दरमिंयान वह अपने गांव के कुछ युवाओं के संपर्क में आया जिन्होंने राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आएसएलडीसी) में कौशल प्रशिक्षण का कोर्स किया हुआ था। उन्होंने उसे बताया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित ये सभी कोर्स निशुल्क है तथा युवाओं में हुनर विकसित करते है जिससे वो रोजगार प्राप्त कर सकें। यह सुनकर उसने तुरन्त ही आएसएलडीसी के कार्यालय में संपर्क किया। उसने वहां पर आॅफिस असिस्टेंट के कोर्स में अपना पंजीकरण करवाया। वहां उसने प्रशिक्षण में अत्यधिक रुचि ली तथा कड़ी मेहनत से अपना प्रशिक्षण कोर्स सफलता पूर्वक पूरा किया।
आत्मविश्वास से लबरेज वह कहता है कि प्रशिक्षण के तुरन्त बाद ही उसने लाइट माइक्रो फाइनेन्स कंपनी में इंटरव्यू के लिए गया तथा उसका वहां फील्ड आॅफिसर के पद पर चयन हो गया। उसका वेतनमान 9 हजार 200 रुपये तय किया गया। उसे विश्वास ही नहीं हो पा रहा था कि उसे भी इतना वेतन मिल सकता है। आज वह अपने घर का अच्छे से ख्याल रख पा रहा है। उसके परिवार के सभी लोग खुश है तथा उसकी सफलता का श्रेय राज्य सरकार तथा राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम को देते है जिन्होंने उन लोगों की जिन्दगी में खुशियों की बौछारें ला दी तथा उन्हें अपने पैरों पर खड़े रहने के लिए आर्थिक सम्बल प्रदान किया।
जयपुर, 28 सितंबर 2016
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