निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के सहयोग से मिलेंगी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं

महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसिज एण्ड टेक्नोलोजी का दीक्षांत समारोह

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि प्रदेश को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र को साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने उद्योगपतियों के साथ-साथ डॉक्टरों को भी समूह बनाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, ट्रोमा सेंटर आदि का पीपीपी मोड पर संचालन करने का सुझाव दिया। उन्होंने निजी क्षेत्र से कुपोषण उपचार केन्द्रों तथा किशोर बालिकाओं के स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य सरकार से सहयोग की अपील की।

श्रीमती राजे शनिवार को सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसिज एण्ड टेक्नोलोजी के पहले दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि निजी एवं सरकारी क्षेत्र के साथ आने से राज्य के सुदूर क्षेत्रों में भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित हो सकता है। इसके लिए टेली मेडिसिन जैसे नवाचार अपनाने के साथ-साथ विदेशी अस्पतालों के साथ एमओयू और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों आदि को पीपीपी मोड पर संचालित किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना देश की सबसे अच्छी योजना है, जिसमें करीब एक करोड़ बीपीएल और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी परिवारों को कवर किया गया है। इसकी सफलता के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के डॉक्टर तथा अस्पताल का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आरोग्य राजस्थान अभियान के तहत 19 लाख लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर 1.25 लाख गंभीर बीमारियों के रोगियों की पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य राजस्थान के प्रत्येक नागरिक का हैल्थ प्रोफाइल तैयार कर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है।

श्रीमती राजे ने डॉक्टरों सहित समाज के सक्षम लोगों का आह्वान किया कि वे आने वाले नवरात्र के अवसर पर एक-एक बच्ची की पढ़ाई-लिखाई और परवरिश की जिम्मेदारी लें। उन्होंने स्वयं अपना उदाहरण देते हुए कहा कि वे बीते एक वर्ष में प्रदेश की 99 बेटियों को गोद लेकर उनकी पढ़ाई-लिखाई जारी रखने में मदद कर रही हैं। अगले एक वर्ष में वे अन्य 99 बच्चियों की मदद करेंगी।

मुख्यमंत्री ने किशोरी बालिकाओं के स्कूल छोड़ने की घटनाओं में कमी लाने के लिए स्कूलों में स्वास्थ्य सेवाओं और स्वच्छता को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेजों में सेनेटरी नेपकिन वेंडिंग मशीनें लगाने में समाज की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने राजस्थान को कुपोषण से मुक्त प्रदेश बनाने के लिए निजी अस्पतालों से कहा कि ऐसे मामले सामने आने पर कुपोषित बच्चों का समुचित इलाज सुनिश्चित करवाने में सहयोग करें।

श्रीमती राजे ने महात्मा गांधी विश्व विद्यालय के दीक्षान्त समारोह में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सकों को उपाधि, गोल्ड मेडल और श्रेष्ठता प्रमाण पत्र प्रदान किए। उन्होंने महात्मा गांधी अस्पताल के वरिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सकों को उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए पुरस्कृत भी किया। उन्होंने चिकित्सक समुदाय से इस व्यवसाय की श्रेष्ठता को बनाए रखने के लिए सेवाभाव से मरीजों का इलाज करने का आग्रह किया।

दीक्षान्त समारोह को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री कालीचरण सराफ और महात्मा गांधी विश्व विद्यालय के अध्यक्ष डॉ. एमएल स्वर्णकार ने भी सम्बोधित किया। इस दौरान जयपुर सांसद श्री रामचरण बोहरा, विधायक डॉ. कैलाश वर्मा, विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. हरि गौतम, विश्व विद्यालय के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. आरपी सूनावाला, कुलपति डॉ. डीपी पूनिया, उप कुलपति डॉ. सुधीर सचदेव सहित विश्व विद्यालय तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी सहित विश्व विद्यालय के चिकित्सक, अभिभावक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

जयपुर, 17 सितम्बर 2016