पुलिस थानों में भयमुक्त वातावरण और आमजन का सम्मान हो, सरकार के फैसलों में अल्पसंख्यक और कमजोर वर्गों की भावना दिखाई दे
जयपुर, 9 जनवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिये बेहतर कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण किया जाये। उन्होंने अनुसूचित जाति, जनजाति, महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार के मामलों को गम्भीरता से लिया और कहा कि इस दिशा में आत्मचिन्तन के साथ सुधार के उपाय अमल में लाये जायें। साथ ही ऐसे प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने पुलिस और जनता के बीच बेहतर तालमेल के लिये कम्युनिटी पुलिसिंग पर भी जोर दिया और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार में कमी लाने के साथ ही राज्य सरकार के फैसलों में अल्पसंख्यकों एवं कमजोर वर्गों की भावना को शामिल करने के निर्देश दिये।
श्रीमती राजे गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक सम्मेलन के दूसरे दिन उद्घाटन सत्र में विचार प्रकट कर रही थी। इस सत्र में पुलिस एवं प्रशासन के उच्चाधिकारियों के साथ जिला पुलिस अधीक्षक भी शामिल हुए। उन्होंने सुशासन देने के संकल्प की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी सरकार सहभागिता, आम सहमति, जवाबदेही, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, प्रभावी दक्षता और न्यायसंगत प्रशासन के आधार पर काम करेगी।
उन्होंने कहा कि सुराज संकल्प यात्रा के दौरान यह देखने में आया कि आमजन में पुलिस की कार्य प्रणाली को लेकर असंतोष है। ऐसे में पुलिस महकमे को पूर्ण प्रतिबद्धता, संवेदनशीलता के साथ कार्य करते हुए आमजन में विश्वास जगाने के साथ ही पुलिस का गौरव कायम रखना होगा। पुलिस थानों में ऐसा माहौल बनाना होगा जिससे कि आमजन, खासकर महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज कराने में किसी तरह की हिचकिचाहट महसूस नहीं करे। उन्होंने विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिये विशाखा गाइड लाईन को प्रभावी रूप से लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया। जिस मुस्तैदी से पुलिस अधिकारियों ने निष्पक्ष चुनाव कराये, वैसी ही मुस्तैदी रोजमर्रा के काम में, विशेषतयाः आमजन से जुड़ी हुई समस्याओं के मामलों में थाना स्तर से पुलिस मुख्यालय स्तर पर दिखाने की अत्यंत आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने जनअभाव अभियोगों के त्वरित निस्तारण पर जोर देते हुए कहा कि जन समस्याओं का निराकरण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस को इस तरह से काम करने की जरूरत है जिससे कि कम से कम शिकायतें दर्ज हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिटफण्ड कम्पनियों के माध्यम से गरीबों और अन्य लोगों के साथ हो रही धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने इस संदर्भ में धौलपुर विधायक का नाम आने की चर्चा करते हुए ऐसे लोगों के विरूद्ध अविलम्ब कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
श्रीमती राजे ने बढ़ते अपराधों पर चिन्ता व्यक्त की और कहा कि इन पर प्रभावी नियंत्रण किया जाये। उन्होंने पुलिस इन्टेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत बनाने पर जोर दिया ताकि समय पर सही सूचना मिले और कानून-व्यवस्था बिगड़ने से पहले ही प्रभावी कार्यवाही की जा सके। उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों की किसी भी सम्भावना को रोकने के लिये पुलिस को हर समय तैयारी के साथ चाक-चैबन्द रहने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि आर्थिक अपराधों, साइबर क्राइम, तस्करी, नकली मुद्रा के चलन के मामलों पर तुरंत कार्यवाही के लिए पुलिस को तकनीकी रूप से भी सक्षम बनाया जाये।
उन्होंने कहा कि पुलिस थानों में आमजन का सम्मान हो तथा जांच कार्यों में मुस्तैदी से कार्यवाही की जाये ताकि प्रदेश में एक ऐसा वातावरण बने, जहां आमजन में पुलिस महकमे के प्रति विश्वास दिखाई दे।
बैठक में राज्य मंत्रिमण्डल के सभी सदस्य, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस तथा प्रशासन से संबंधित उच्चाधिकारी मौजूद थे।
