मुख्यमंत्री की केन्द्रीय मंत्रियों से हुई भेंट में उठाये गए राज्यहित के मुद्दे

जयपुर, 3 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री, केंद्रीय जल संसाधन मंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री से मुलाकात कर केंद्र सरकार के स्तर पर लम्बित राज्यहित के मामलों को प्राथमिकता से हल करवाने का आग्रह किया है। केन्द्रीय मंत्रियों के साथ हुई बैठकों में श्रीमती राजे ने राजस्थान हित के मामलों को पुरजोर ढंग से उठाया।

सड़क सम्बंधी मुद्दे
मुख्यमंत्री ने केद्रीय सड़क परिवहन मंत्री के समक्ष मांग की है कि राज्य में स्थित राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत के लिए केंद्र सरकार तुरंत आर्थिक सहायता मुहैया करवाए और इसके बजट को वर्तमान 14 करोड़ 87 लाख से बढ़ाकर 75 करोड़ किया जाए, ताकि बकाया भुगतान किये जा सकें और राज्य में सड़कों की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण के कार्यो की गति बढ़ाई जा सके।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश प्रदान करे कि वे गजट नाॅटिफिकेशन की पालना करते हुए राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव की जिम्मेदारी पूर्ण करे तथा राज्य सरकार द्वारा राजमार्गों के रखरखाव पर खर्च की गई धनराशि का भुगतान प्राधिकरण द्वारा किया जाए। साथ ही प्राधिकरण से राजस्थान में संचालित दस लंबित हाईवे परियोजनाओं को तुरंत पूर्ण करवाने के निर्देश जारी करवाए जाएं। इसी प्रकार विभिन्न परियोजनाओं के अन्तर्गत निर्माण किये जाने वाले प्रस्तावित सड़क मार्गांे के लिए धनराशि उपलब्ध करवायी जाए।

2. जल संसाधन सम्बंधी मुद्दे
श्रीमती राजे ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री के समक्ष रावी-व्यास नदी जल बंटवारे की समस्या के निदान के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया कि पंजाब सरकार के साथ बातचीत का रास्ता साफ करने के साथ ही इस मामले से जुड़े ‘प्रेसीडेंशियल रेफरेन्स’ के तुरंत निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट से ‘‘एक विशेष बैंच’’ बनाने का अनुरोध कर इस मामले की जल्दी सुनवाई करवाई जाए।

उन्होंने बताया कि ‘हरिके बांध’ पर ‘इंदिरा गांधी फीडर’ के ‘हैड रैगुलेटर’ की क्षमता बढ़ाई जाने का प्रस्ताव पंजाब सरकार के पास लंबित है। भारत सरकार द्वारा उन्हें निर्देशित किया जाए और हैड रेगुलेटर की वर्तमान में क्षमता को 15 हजार क्यूसेक से बढ़ाकर 18 हजार 500 क्यूसेक की जाए, ताकि बाढ़ के दौरान पानी की बर्बादी को रोका जा सके।

श्रीमती राजे ने आग्रह किया कि यमुना नदी (ओखला एवं ताजेवाला) में राजस्थान के जल का हिस्सा हरियाणा से दिलवाने में भारत सरकार हस्तक्षेप करे तथा हरियाणा सरकार और राजस्थान सरकार के मध्य हुए समझौते पर सहमति बनाने के प्रयासों को तेज किया जाए। उन्होंने गुड़गांव नहर के माध्यम से राजस्थान के भरतपुर जिले में पहुंचने वाले यमुना के पानी का पूरा हिस्सा दिलवाने के लिए भी आग्रह किया।

श्रीमती राजे ने पंजाब के हिस्से वाले इंदिरा गांधी फीडर एवं सरहिंद फीडर में हो रहे जलभराव एवं जल संरक्षण की समस्या को रोकने के साथ पंजाब सरकार से सहयोग दिलवाने का आग्रह किया, ताकि नहर के रखरखाव को गति दी जा सके। उन्होंने “मरू क्षेत्रा विकास कार्यक्रम” के तहत आने वाले राजस्थान के 85 ब्लाॅकों एवं 16 जिलों को विशेष राज्यों की श्रेणी की तरह 90 प्रतिशत केंद्रीय सहायता प्रदान करने की मांग भी रखी। साथ ही ‘वाटर-बाॅडीज’ के पुनरुद्धार के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित “रिपेयर, रिनोवेशन, रिस्टोरेशन” स्कीम के अन्तर्गत राजस्थान की शेष 36 स्कीमों को भी शामिल करने और केंद्रीय सहायता दिलवाने का आग्रह भी किया।

3. चिकित्सा संबंधी मुद्दे
केन्द्रीय चिकित्सा मंत्री के साथ हुई मुलाकात में श्रीमती राजे ने राज्य में एक ‘राज्य कैंसर संस्थान’ स्थापित करने के लिए 120 करोड़ रुपये और दो अन्य क्षेत्राीय कैंसर केयर सेंटर्स (बीकानेर और झालवाड़) के लिए 45-45 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता उपलब्ध करवाने का आग्रह किया।

उल्लेखनीय है कि इन संस्थानों के लिए भारत सरकार, राजस्थान सरकार और एक अन्य संस्थान के मध्य एम.ओ.यू. होना है जिसके तहत इन संस्थानों की स्थापना की लागत का 75 प्रतिशत हिस्सा केन्द्र सरकार देगी।

भेंट के दौरान श्रीमती राजे ने भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही “प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना” के तहत् राज्य के तीन मेडिकल काॅलेजों बीकानेर, उदयपुर एवं कोटा में “सुपर स्पेशियलिटी विंग” स्थापित करने और इन मेडिकल काॅलेजों के उन्नयन के लिए बनाई जाने वाली कार्य-योजना को मूर्त रूप प्रदान के लिए भी केन्द्रीय मदद उपलब्ध करवाने का आग्रह किया।