विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य को मिले विशेष दर्जा

जयपुर, 17 जून। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राज्य में उपभोक्ताओं को 24 घण्टे बिजली उपलब्ध कराने के लिए समयबद्ध कार्य योजना तैयार की जाएगी। इस कार्य योजना के निर्माण में केन्द्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय से जुड़े विभिन्न विभागों का भी सहयोग लिया जायेगा जिससे योजना का बेहतर प्रबन्धन व माॅनिटरिंग हो सके।

श्रीमती राजे केन्द्रीय ऊर्जा एवं कोयला राज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल के साथ मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में राज्य की ऊर्जा जरूरतों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में पर्याप्त बिजली उत्पादन हो रहा है, लेकिन प्रसारण और वितरण की स्थिति चिंताजनक है इसके लिए राज्य सरकार फीडर सुधार लागू करने तथा ऊर्जा तंत्र को सूचना तकनीक से लैस करने के लिए एक विस्तृत योजना पर काम कर रही है। उन्होंने इस योजना के लिए केन्द्र सरकार से सहयोग की आवश्यकता जताई।

श्रीमती राजे ने राज्य की भौगोलिक परिस्थतियों के मद्देनजर बिजली उत्पादन व वितरण व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए राजस्थान को केन्द्र सरकार की ओर से विशेष दर्जा देने पर जोर दिया। उन्होंने राज्य की विद्युत वितरण कम्पनियों के घाटे को समाप्त करने के लिए केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय से विभिन्न मदों में सहयोग करने का अनुरोध किया।

बैठक में केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री गोयल ने कहा कि राजस्थान में संचालित कोयला आधारित विद्युत उत्पादन संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में कमी नहीं आने दी जाएगी। साथ ही राज्य सरकार को अपने संयंत्रों के लिए कोयले के खनन व आयात की सीमा में भी उचित छूट दी जाएगी ताकि बिजली का निर्बाध उत्पादन सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने बिजली वितरण व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए राज्य सरकार को केन्द्र से हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिलाया। विद्युत तंत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए उन्होंने इलेक्ट्रोनिक मीटर से शत प्रतिशत मीटरिंग, सख्ती से विद्युत चोरी रोकने, छीजत घटाने, उद्योगोें को रात में विद्युत उपयोग के लिए प्रोत्साहन देने एवं विद्युत टैरिफ को न्यायोचित रखने के प्रयासों में नवाचार के साथ कार्य करने पर बल दिया।

श्री गोयल ने कहा की सभी को जरूरत के अनुसार ऊर्जा उपलब्ध करवाने के लिए यह आवश्यक है कि ‘‘ग्रीन पावर’’ अर्थात ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों जैसे रूफ टाॅप सोलर यूनिट, सोलर वाटर पम्प आदि का उपयोग बढ़े।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (इन्फ्रा) श्री सी.एस. राजन ने राज्य की विद्युत तंत्र की स्थिति पर प्रस्तुतीकरण में नियमित एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति के लिए अपेक्षित सुधार एवं राज्य में वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों पर जानकारी दी। उन्होंने कालीसिंध और बांसवाड़ा में विद्युत उत्पादन सयंत्रों के लिए कोयले की नियमित आपूर्ति की आवश्यकता बताई।

बैठक में ऊर्जा मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, मुख्य सचिव श्री राजीव महर्षि, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री सुभाष गर्ग, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री देवेन्द्र चैधरी, राज्य के ऊर्जा सचिव श्री आलोक, कोयला विभाग के संयुक्त सचिव श्री एस.के. सिंह तथा ऊर्जा विभाग के संयुक्त सचिव श्री तरूण कपूर, विद्युत वितरण कम्पनियों के अध्यक्ष श्री आर.जी. गुप्ता सहित केन्द्र व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।