मुख्यमंत्री ने किया 1 लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ने के आजीविका स्किल्स प्रोजेक्ट’ का शुभारम्भ

जयपुर, 17 जुलाई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रदेश के युवाओं के लिये रोजगार के अवसर सृजित करने के लिये देश के पहले और सबसे बड़े महत्त्वाकांक्षी ’’आजीविका स्किल्स प्रोजेक्ट’’ का शुभारम्भ किया। प्रदेश में इस प्रोजेक्ट के लिए 398 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वावधान में इस प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के एक लाख ग्रामीण युवाओं को रोजगार के लिये आधुनिक कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री श्रीमती राजे की मौजूदगी में मुख्यमंत्री कार्यालय के कांफ्रेन्स हाॅल में राजस्थान कौशल एवं आजिविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) के प्रबन्ध निदेशक श्री गौरव गोयल एवं परियोजनान्तर्गत चयनित देश की 22 प्रतिष्ठित एवं अनुभवी एजेन्सियों के प्रतिनिधियों के बीच प्रशिक्षण कार्यक्रम के एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। यहां उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने इसके लिए राजस्थान को प्रथम राज्य के रूप में चुना है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में इसे राजस्थान के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट प्रदेश के लाखों युवाओं की जिन्दगी में बदलाव लाकर उनके सपनों को साकार करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं में कौशल विकास कर उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है।
श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य सरकार आगामी पांच सालों में 15 लाख युवाओं को रोजगार से जोडे़गी, इस दिशा में यह पहला ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 इस लिहाज से राजस्थान के युवाओं के भविष्य के लिए ‘टर्निंग प्वाॅइन्ट’ साबित होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने इस वर्ष के बजट में बेसिक रोडमैप दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने लेबर एक्ट व फैक्ट्रीज एक्ट आदि में संशोधन भी प्रस्तावित किए हैं जिनका उद्देश्य रोजगार के अवसरों के लिए बेहतर माहौल बनाना है। उन्होंने कहा कि हम राज्य में पीपीपी मोड पर स्किल यूनिवर्सिटी स्थापित करने जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से आये एजेन्सियों के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि वे युवाओं की आशा व आंकाक्षाओं पर खरा उतर कर उन्हें देश और दुनिया के स्तर पर रोजगार प्राप्त करने में सक्षम बनायेगी।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि कौशल विकास को रोजगार से जोड़ना आज एक बड़ी चुनौती है। इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए केन्द्र सरकार ने देश का यह अनूठा प्रोजेक्ट राजस्थान के लिए स्वीकृत किया है, जो प्रदेश के नौजवानों के सपनों को नई दिशा देगा। आरएसएलडीसी के अध्यक्ष श्री एम.एल. मेहता ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रशिक्षित होने वाले युवाओं में से 75 प्रतिशत लोगों को संबंधित एजेन्सियों द्वारा रोजगार भी उपलब्ध करवाया जाएगा।

राजस्थान कौशल आजीविका विकास निगम के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करने वाली एजेन्सियों में महाराणा प्रताप एज्यूकेशनल सेंटर, मानव विकास एवं सेवा संस्थान, ए फाॅर ई, इण्डिया, नाइस कम्प्यूटर, केयर एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी, आरवीएस एज्यूकेशनल ट्रस्ट, ओमनी साॅफ्ट टेक्नालाॅजी प्रा.लि., एएसटीएम, ईएसडीएल, नीफा इन्फोकाॅम प्रा.लि., सीपीआईटी एज्यूकेट, लोक भारती, फोकस एज्यूकेयर, प्रयास जूवेनाइल एड सेन्टर सोसायटी, इण्डियन इन्स्टीट्यूट आॅफ नेच्यूरल रिसोर्सेज मैनेजमेंट, स्काइलार्क इन्फोवेव्ज प्रा.लि., सिक्यूरिटी स्किल्स काउसिंल इण्डिया लि., लाॅरस एज्यूटेक प्रा.लि., आइडल एज्यूकेशन प्रा.लि., ओरियन एज्यूकेट प्रा.लि. एवं एसएलवी सिक्यूरिटी सर्विसेज प्रा.लि. शामिल हैं।

ये एजेन्सियां प्रदेश के सभी 33 जिलों में एक लाख ग्रामीण युवाओं को गाॅरमेन्ट माॅकेर्टिंग, हाॅस्पिटेलिटी, आईसीटी, फूड प्रोसेसिंग, बैकिंग एण्ड अकाउंटिंग, कूरियर एण्ड लाॅजिस्टिक्स, ब्यूटी कल्चर एण्ड हेयर ड्रेसिंग, ट्रैवल एण्ड टूरिज्म, मेटेरियल मैनेजमेंट, सिक्यूरिटी, हैल्थ केयर, मेडिकल एण्ड नर्सिंग, आॅटोमोटिव रिपेयर, कंस्ट्रक्शन, रिटेल, फेब्रिकेशन, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्राॅनिक्स एवं कृषि आदि क्षेत्रों में निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण देगी। इनमें 34 हजार महिलाएं होंगी। प्रथम चरण में आरएसएलडीसी द्वारा चयनित एजेन्सियों द्वारा सभी जिलों में कौशल विकास केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘आजिविका स्किल्स राजस्थान’ केे ब्रोशर का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, श्रम एवं रोजगार विभाग सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।