डांग में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और बिजली के क्षेत्र में होगा सुधार

जयपुर, 14 फरवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे शुक्रवार को अचानक डांग क्षेत्र में पहुंची। पूर्व निर्धारित मार्ग से नहीं जाकर राजे ने ऊबड़-खाबड़ रास्तों से अपना सफर तय किया। धौलपुर के आठ मील चैराहे से मुख्यमंत्री का सीधे बाड़ी जाने का कार्यक्रम था। चिकित्सा विभाग की एम्बुलेंस और पुलिस अधिकारियों की कई गाडि़यां तो तय कार्यक्रम के मुताबिक सीधे बाड़ी निकल गई, लेकिन मुख्यमंत्री श्रीमती राजे एकाएक आठ मील से अपना रास्ता बदल कर डांग क्षेत्र में पहुंच गई। वे जहां भी गई बाड़ी तहसील के गढ़ी गांव की श्रीमती लीलावती गुर्जर सहित ज्यादातर गांवों के लोगों ने अपनी पीड़ा बया करते हुए एक ही बात कही कि न इन गांवों में कभी कोई बड़ा नेता आया और न ही कभी कोई मंत्री। मुख्यमंत्री की तो हम कल्पना भी नहीं कर सकते। आप पहली मुख्यमंत्री हो, जो कम से कम हमारे हाल जानने हमारे बीच आई हो। कई स्थानों पर तो अपनी आप बीती सुनाते हुए लोगों की आंखों से आंसू तक झलक पडे़।

मुख्यमंत्री डांग क्षेत्र में लोगों के ये हाल देखकर भावुक हो गई। उन्होंने कहा कि देश को आजाद हुए 66 साल बीत गये, इसके बावजूद विकास का उजियारा यहां तक नहीं पहुंचा। मुख्यमंत्री श्रीमती राजे का बाड़ी से करौली के बीच आंगई, बड़ा गांव, चांदपुरा, करौली जिले की सीमा, खेड़ागांव, भहुवापुरा, कोटा छावर, बिनेगा ठाकुर बाबा का मंदिर तथा दीपपुरा तथा करौली शहर पहुंचने पर लोगों ने फूल माला के साथ भावभीना स्वागत किया। लोगों ने अपने गांव की समस्याओं के बारे में भी बताया।

डांग क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और बिजली का हाल देख मुख्यमंत्री ने अपनी नाराजगी प्रकट की और कहा कि इन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने डांग विकास और देवनारायण योजना का लाभ इस क्षेत्र के लोगों को ज्यादा से ज्यादा मिले इसकी आवश्यकता पर भी जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 66 साल का पिछड़ापन दूर करना आसान नहीं हैै, लेकिन उनकी सरकार इसे चुनौती मानकर इन क्षेत्रों में सुधार करने का पूरा प्रयास करेगी।

मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ खाया मिड-डे मील
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे डांग क्षेत्र में बाड़ी तहसील के मुगलपुरा गांव अचानक पहुंची। जहां उन्होंने उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को मिल रहे मिड-डे मील का निरीक्षण किया और आठवीं कक्षा तक के बच्चों के साथ पंगत (पंक्ति) में बैठकर मिड-डे मील में शुक्रवार को परोसे जाने वाली पूड़ी और आलू-मटर-गाजर की सब्जी खाई। उन्होंने भोजन करते समय बच्चों से प्रतिदिन बनने वाले मिड-डे मील की गुणवत्ता एवं स्वाद के बारे में भी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने यहां मिड-डे मील रसोई घर में भी पूड़ी एवं सब्जी खाई। उन्होंने रसोई घर का अवलोकन किया तथा यहां साफ सफाई के बारे में खाना बनाने वाली महिलाओं से बातचीत की तथा उनसे सप्ताह के 6 दिन अलग-अलग बनने वाले मिड-डे मील के बारे में पूछा।

मुख्यमंत्री ने अध्यापक के रूप में ली बच्चों की क्लास
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने मुगलपुरा गांव के इसी विद्यालय में एक अध्यापक के रूप में बच्चों की क्लास ली। उन्होंने बच्चों से हिन्दी व अंग्रेजी की काॅपी एवं किताब पढ़वाई तथा गणित के पहाडे़ सुने। श्रीमती राजे ने अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर लिखकर बच्चों से पूछा तथा बच्चों से अध्यापकांे के व्यवहार के बारे में भी बातचीत की। प्रधानाध्यापक श्री रामवीर सिंह ने बताया कि विद्यालय में 129 बच्चे हैं। श्रीमती राजे ने इस विद्यालय में तकनीकी रूप से गलत बनाई गई फिसल पट्टी को तुरंत दुरूस्त कराने के निर्देश दिए, ताकि बच्चों को कोई चोट नहीं लगे। श्रीमती राजे ने अध्यापकों की उपस्थिति पंजिका का भी निरीक्षण किया।

बिना बिजली कम्प्यूटर देख चैंकी मुख्यमंत्री
मुगलपुरा के इस स्कूल मंे तीन कम्प्यूटर रखे थे, लेकिन वहां बिजली का कनेक्शन नहीं था। मुख्यमंत्री ये सब देख चैंकी। उन्होंने कहा जब बिजली ही नहीं है तो बच्चों को इन कम्प्यूटर्स का कैसे लाभ मिलता होगा? उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यहां बिजली की आपूर्ति शीघ्र की जाये।

मुख्यमंत्री अचानक पहुंची वन विहार
कहा – चिंकारा, भालू, गीदड़, जरख का हो संरक्षण
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे शुक्रवार को धौलपुर से बाड़ी जाते समय आठ मील से अचानक रास्ता बदलकर वन विहार अभयारण्य पहुंच गई। वन विहार क्षेत्र में श्रीमती राजे ने वन विहार कोठी से अभयारण्य क्षेत्र के विहंगम दृष्य तथा ताल तबली (तालाब) के मनोरम नजारे को निहारा तथा इस अभयारण्य क्षेत्र में वन्य जीवों की स्थिति एवं उनके संरक्षण के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अभयारण्य क्षेत्र के विकास एवं चिंकारा, भालू, जरख, गीदड़ जैसे वन्यजीवों के संरक्षण के निर्देष दिए।

मुख्यमंत्री ने मंगलपुरा गांव में लगाई चैपाल
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को डांग क्षेत्र के छोटे से मंगलपुरा गांव में चैपाल लगाया और वहां के बाषिंदों के दुख दर्द सुने। श्रीमती राजे ग्रामीणों के बीच प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठ गईं। चारों ओर पूरा गांव जुट गया। महिलाओं एवं बच्चों से मुख्यमंत्री जिस आत्मीयता से मिलीं उससे वे अभिभूत हो उठे। श्रीमती राजे ने गांव में बच्चियों की पढाई के बारे में पूछा। उन्होंने पूछा कि इस गांव से हायर सैकंडरी स्कूल कितना दूर है।

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने शुक्रवार को बाड़ी के आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में ब्लाॅक स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं सुनी। श्रीमती राजे ने लोगों से उनके दुख-दर्द के संबंध में आवेदन लिये तथा उनकी तकलीफों के निराकरण का भरोसा दिलाया। वे एक-एक कर सभी विभागीय काउंटरों तक पहुंची तथा जनसमस्या के निराकरण के बारे में जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित दो परिवारों को सहायता राशि के चैक भी प्रदान किये।

मुख्यमंत्री ने दिए पार्वती बांध एवं नहरों की मरम्मत के निर्देश
मुख्यमंत्री ने पार्वती बांध एवं इसकी नहरों की मरम्मत का एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। श्रीमती राजे ने शुक्रवार को पार्वती बांध का अवलोकन किया। उन्होंने बांध तथा इसकी नहरों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता श्री पीएल सोलंकी को निर्देश दिए कि वे बांध तथा इसकी नहरों की मरम्मत का एस्टीमेट तैयार करें।

मुख्यमंत्री ने दिए महिला शिक्षक नियुक्त करने के निर्देश
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने जिला कलेक्टर श्री कुमार पाल गौतम को ग्रामीणों की मांग पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आंगई में महिला शिक्षक नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं।