बदले की नहीं, प्रदेश को बदलने की राजनीति में हमारा विश्वास

जयपुर, 29 जनवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि हम प्रदेश में बदले की राजनीति नहीं बल्कि प्रदेश को बदलने की राजनीति में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि हमने कभी विकास में राजनीति नहीं की बल्कि सदैव राजनीति में विकास को अपना लक्ष्य मान कर जनता की सेवा की है। श्रीमती राजे बुधवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई बहस का जवाब दे रही थी। मुख्यमंत्री के भाषण के बाद सदन ने अभिभाषण को ध्वनि मत से पारित कर दिया।

सियासत की नहीं, सिद्धान्तों की सरकार
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सियासत की नहीं अपितु सिद्धान्तों की सरकार है। हम सादगी से काम करेंगे जिसकी सीख हमने किसी और से नहीं बल्कि जनता से ही ली है।

मिला जनता का विश्वास
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने हम पर विश्वास करते हुए सत्ता सौंपी है। करोड़ों लोग आशा भरी निगाह से सरकार की ओर देख रहे हैं, इस उम्मीद पर खरा उतरने के लिए हमें जमीन पर पांव रखते हुए कार्य करना पड़ेगा। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जैसे ही पांव जमीन से ऊपर उठते हैं जनता साथ छोड़ देती है।

जितना अधिक कीचड़ उछाला, उतने अधिक खिले कमल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में प्रतिशोध तथा आरोप-प्रत्योराप अच्छी बात नहीं है लेकिन सत्ता पक्ष ने पिछले पांच सालों में प्रतिपक्ष को नीचा दिखाने के लिए सदैव कीचड़ उछाला, लेकिन जितना कीचड़ उछाला गया उतने ही अधिक कमल खिले। उन्होंने कहा कि इस सदन में स्वस्थ एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण की परम्परा रही है किन्तु पिछली सरकार के समय सदन के बाहर और भीतर इस गरिमा को गहरा आघात पहुंचाया गया। हम सदन की मर्यादा को बनाये रखने में कोई कोताही नहीं बरतेंगे।

जवाब देना सबको आता है
मुख्यमंत्री ने 13वीं विधानसभा में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा सदैव कीचड़ उछालने के जवाब में कहा कि ईश्वर ने जुबान सबको दी है, बोलना सभी जानते है, जवाब सबके पास है लेकिन इंसान के लिए मर्यादा और शालीनता ही सबसे बड़ा आभूषण होता है इसलिए मैं उसे निरन्तर धारण किए रहूंगी।

जनता का फैसला
श्रीमती राजे ने कहा कि पिछली सरकार ने कैसा काम किया उसका फैसला जनता ने कर दिया है। प्रदेश में पहली बार किसी पार्टी को इतना प्रचण्ड बहुमत मिला। अल्पसंख्यक समुदाय से केवल सत्ता पक्ष के विधायक ही जीत कर आये, साथ ही अनुसूचित जाति के 34 विधायकों में से 32 सत्तापक्ष में हैं।

सुराज का संकल्प
मुख्यमंत्री कहा कि सुराज संकल्प यात्रा के दौरान हमने गांव-गांव जाकर मायूस चेहरों की बैचेनी व परेशानी को देखा व समझा। इसी आधार पर हमने सुराज संकल्प पत्र तैयार किया और सरकार में आते ही इसे नीति पत्र का रूप दिया। उन्होंने कहा कि सुराज के बिना प्रदेश खुशहाल नहीं हो सकता, हमने मंत्रीमण्डल के सदस्यों एवं अधिकारियों के साथ बैठक कर 60 दिवसीय योजना एवं विजन-2020 का चरणबद्ध कार्यक्रम बनाया है।

गत सरकार ने घटाई विकास दर
श्रीमती राजे ने मुख्यमंत्री के रूप में उनके पिछले कार्यकाल में राजस्थान देश के 10 अग्रणी राज्यों में शामिल था लेकिन भारत सरकार के आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार दिसम्बर, 2013 में प्रदेश की विकास दर मात्र पांच प्रतिशत ही रह गई। नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार गत सरकार के समय राजस्थान देश में भ्रष्टाचार के प्रकरणों व दलित अत्याचार में नम्बर वन, महिला उत्पीड़न व आदिवासी उत्पीड़न में नम्बर दो पर पहुंच गया। इसी प्रकार महिला साक्षरता में राजस्थान देश में सबसे निचली पायदान पर आ गया।

वित्तीय कुप्रबन्धन की मिसाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने जिस गैरजिम्मेदारी के साथ वित्तीय संसाधनों का दुरूपयोग किया, उसका खामियाजा सालो-साल प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा। गत पांच सालों के शासन को इतिहास वित्तीय कुप्रबन्धन की मिसाल के रूप में देखेगा। उन्होंने कहा कि 2008 की तुलना में वर्ष 2013 में कर्ज भार दुगुने से भी अधिक हो गया आखिर कर्ज का इतना पैसा गया कहां?

जयपुर मेट्रो प्रोजेक्ट
श्रीमती राजे ने जयपुर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए कहा कि 11 किलोमीटर के प्रथम चरण पर 3400 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, इतनी राशि से पूरे राज्य में 100 फ्लाई आॅवर, 5000 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो सकता था। उन्होंने कहा कि मेट्रो का काम को पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप (पीपीपी मोड़) के आधार पर कराने के बजाय सरकार ने अपने ही सारे संसाधन झोक दिए। इस दोषपूर्ण नीति का ही नतीजा है कि आज जयपुर विकास प्राधिकरण के पास वेतन देने के पैसे नहीं है।

बाड़मेर रिफाइनरी
मुख्यमंत्री ने बाड़मेर रिफाइनरी का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में सम्भवतः यह पहली रिफाइनरी है जिसमें किसी राज्य सरकार द्वारा इतनी भारी राशि देने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि 37 हजार करोड़ रुपये लागत की इस परियोजना पर 56 हजार करोड रुपये से अधिक का ब्याज मुक्त ऋण देने का वादा कर लिया। जमीन हमारी, तेल हमारा और पैसा भी हमारा बावजूद इसके मात्र 26 प्रतिशत ही भागीदारी है राजस्थान की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में बिजली तंत्र पूर्णतः नाकाम रहा है। हमने पिछली बार 1556 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता सृजन किया। गत सरकार ने एक भी नई परियोजना शुरू नहीं की।

ग्रामीण गौरव पथ योजना
श्रीमती राजे ने कहा कि ‘ग्रामीण गौरव पथ योजना’ के अन्तर्गत प्रत्येक पंचायत समिति की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत में मेगा हाइवे स्तर की सड़क का विकास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पिछली बार हमने 1500 करोड़ रुपये की लागत से नाॅर्थ-साउथ स्टेट मेगा हाइवे का निर्माण किया। अब प्रदेश में ईस्ट-वेस्ट स्टेट मेगा हाइवे विकसित किया जायेगा। राज्य की एक लेन की मुख्य जिला सड़कों को क्रमोन्नत कर राज्य राजमार्ग घोषित करते हुए उनके सुदृढ़ीकरण एवं चैड़ाईकरण के कार्य करवाये जायेंगे।

वाटर ग्रिड पायलट परियोजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने एक अभिनव प्रयास करते हुए नदी-नालों को पुनर्जीवित करने एवं भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए माही व चम्बल रिवर बेसिन में वाॅटर ग्रिड निर्माण का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की राय के अनुरूप विलुप्त हो चुकी सरस्वती नदी पर भी उनकी सरकार ने काम शुरू कर दिया है।

श्रीमती राजे ने कहा कि सरकार आरमोल का पुनर्गठन कर दिया है इससे 15 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम को आनन-फानन में लागू करते हुए त्रुटिपूर्ण एवं दोहरा चयन किया गया है इसे ठीक किया जायेगा। प्रदेश में 108 एम्बूलेंस व्यवस्था को पुनः चुस्त-दुरूस्त किया जायेगा।