पंकूदेवी के जीवन में नई किरण लाई भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना

सिरोही के नांदिया गाँव की रहने वाली पंकू देवी के लिए भामाशाह स्वास्थ्य बीमा जैसे जीवन की नई किरण बनकर उतरी और कैंसर के क्रूर पंजों से खींचकर ले आई। 55 वर्षीया पंकू देवी को विगत तीन वर्षों से ब्रेस्ट कैंसर की शिकायत थी। पंकू देवी के परिवार में उनके पति बाबूजी को छोड़कर कोई नहीं है और पति भी कई वर्षों से किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं। उनकी दोनों किडनी खराब है और ईलाज में लगभग दस हजार महीने का खर्च आता है। एक छोटी सी चाय की दूकान के सहारे जैसे तैसे अपनी जिन्दगी निर्वहन करने वाले बाबूजी के लिए ये खर्चा पहाड़ सरीखा था , ऐसे में पत्नी पंकू देवी के कैंसर का पता चलने पर तो जैसे उनके होश ही फाख्ता हो गए। उन पर गरीबी में आटा गीला होने की कहावत चरितार्थ हो रही थी।

कुछ वर्षों पहले जब पंकू देवी के सीने के दाहिनी ओर एक गाँठ उभरी तो उन्होंने उसे साधारण गाँठ समझकर ध्यान नहीं दिया। किन्तु वक्त गुजरने के साथ गाँठ जब बड़ी और सख्त होती गई तो पंकू देवी को चिंता हुई। उन्होंने कई चिकित्सकों को दिखाया और प्रारंभिक जांच में उन्हें कैंसर जैसी भयावह बिमारी का पता चला। जब उनके पति बाबूजी को अपनी पत्नी की बीमारी के बारे में पता लगा तो उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई। उनके आर्थिक हालात किसी से छिपे नहीं थे , ऐसे में उनकी स्वयं की किडनी की बीमारी के बाद अब पत्नी के इस रोग ने तो जैसे उन्हें तोड़ कर रख दिया। कई अस्पतालों के चक्कर काटे , चिकित्सकों से मिले लेकिन इलाज में भारी खर्च की बात सुनकर जैसे उनके पैरों ने दौडभाग की शक्ति भी गवां दी।

bsby-success-story-pankudeviइसी गहन निराशा भरे समय में उन्हें भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना और सिरोही स्थित संजीवनी अस्पताल के विषय में पता लगा। उनके नैराश्य से भरे जीवन में जैसे उम्मीद की नई किरण उतरी। वे बिना एक पल गँवाए पत्नी पंकू देवी को लेकर संजीवनी अस्पताल पहुंचे। अस्पताल ने चिकित्सकों ने पंकू देवी की जांच की और पाया कि उनका ब्रेस्ट कैंसर आखिरी अवस्था में है और तुरंत सर्जरी की आवश्यकता है। उन्होंने बिना समय गँवाए ऑपरेशन की तैयारियां प्रारंभ कर दीं। डॉक्टर संजीव जैन , डॉक्टर हेमंत जैन और डॉक्टर अर्चना जैन की टीम ने पंकू देवी के कैंसर की सर्जरी प्रारंभ कर दी। दो घंटे चला यह ऑपरेशन सफल रहा और पंकू देवी का कैंसर से क्षतिग्रस्त दांया ब्रेस्ट निकाल दिया गया. भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में अस्पताल की नोडल अधिकारी डॉक्टर अर्चना जैन ने बताया कि पंकू देवी सही समय पर इलाज के लिए अपताल आ गईं। कैंसर की गाँठ छाती पर फैलती जा रही थी और ओपरेट करके उसे निकाला नहीं जाता तो कुछ समय बाद मरीज की जान भी जा सकती थी। कैंसर के भयावह जबड़ों से बाहर आने के बाद पंकू देवी की निस्तेज आँखे फिर से चमकने लगी हैं। वे भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की तारीफ करते नहीं थक रहीं। उनके पति बाबूजी जी भी बिना किसी खर्चे के हुए इस ऑपरेशन के बाद राज्य सरकार , स्वास्थ्य विभाग और भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहते हैं की इस योजना की बदौलत ही उनकी पत्नी को नया जीवन मिला है।

ऑपरेशन के बाद चिकित्सकों ने पंकू देवी को अस्पताल की ओर से निशुल्क दवाइयाँ उपलब्ध कराई गईं और समय समय पर जांच के लिए अस्पताल आने को कहा गया। डॉक्टर संजीव जैन ने बताया कि ऑपरेशन के बाद पंकू देवी खतरे से पूरी तरह बाहर हैं लेकिन कैंसर के ऑपरेशन के बाद आवश्यक कीमो थैरेपी के लिए उन्हें समय समय पर बुलाया जाता है। कैंसर जैसे रूह कंपा देने वाली बीमारी से मुकाबला कर उसे चारों खाने चित कर देने वाली पंकू देवी आज स्वस्थ जीवन जी रहीं हैं और ये सब भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के पुनीत प्रयासों से ही संभव हो सका है

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