हर जिले में आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र विकसित करें

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने प्रदेश के प्रत्येक जिले में कार्यकुशलता के आधार पर श्रेष्ठ आंगनबाड़ी केन्द्र चिन्हित करने तथा उन्हें आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्रों के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन आंगनबाड़ी केन्द्रों की रैंकिंग तय कर अच्छा काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित किया जाए।

श्रीमती राजे सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जो आंगनबाड़ी केन्द्र भवन बन रहे हैं, उनके निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर पूरी निगाह रखी जाए। नियमित रूप से इनकी उच्च स्तर से मॉनीटरिंग हो तथा निर्धारित समयावधि में सभी निर्माण कार्य पूरे किए जायें।

श्रीमती राजे ने कहा कि जिस प्रकार विद्यालयों की गतिविधियों से अभिभावकों को जोड़ा गया है, उसी तरह आंगनबाड़ी केन्द्रों की गतिविधियों में भी जनभागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए। इससे इन केन्द्रों के प्रति एक ओर जहां जनजुड़ाव बढ़ेगा वहीं कार्यप्रणाली में भी सुधार आएगा।

मुख्यमंत्री ने मातृ एवं शिशु कल्याण के लिए बारां एवं झालावाड़ जिलों में सफलतापूर्वक चलाए जा रहे ‘ट्रिपल-ए‘ कार्यक्रम की तर्ज पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनियों और एएनएम की गतिविधियों में आपसी समन्वय पर बल दिया। श्रीमती राजे ने विभाग से संबंधित बजट एवं अन्य घोषणाओं की भी समीक्षा की।

व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं की हो गहन मॉनिटरिंग

श्रीमती राजे ने ग्रामीण विकास, पंचायती राज विभाग एवं महात्मा गांधी नरेगा से संबंधित बजट एवं अन्य घोषणाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग करें क्योंकि इनका सीधा फायदा आमजन को मिलता है। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में इन योजनाओं की प्रगति अपेक्षा अनुरूप नहीं है, वहां फोकस किया जाये और अधिकारियों को बेहतर परिणाम देने के लिए प्रेरित किया जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें और अधिक समन्वित प्रयास कर प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) बनाना है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अब तक 4973 ग्राम पंचायतें ओडीएफ हो चुकी हैं। पिछले साढे तीन वर्षों में 58 लाख 26 हजार शौचालयों का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत हुआ है।

श्रीमती राजे ने ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे दीनदयाल उपाध्याय पट्टा वितरण अभियान की अब तक की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अभियान में गति को बरकरार रखते हुए अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जाये। उल्लेखनीय है कि अभियान के तहत अब तक 2 लाख 21 हजार से अधिक पट्टे वितरित किये जा चुके हैं।

श्रीमती राजे ने निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (द्वितीय) के सभी 1 लाख 33 हजार से अधिक कार्यो को 30 जून तक पूरा कर लिया जाये। इस अभियान में 42 प्रतिशत कार्य अब तक पूरे कर लिये गये हैं।

बैठक में बताया गया कि नवगठित ग्रामपंचायतों में से 575 में पंचायत भवन निर्माण के लिये भूमि आवंटित की जा चुकी है और 438 ग्राम पंचायतों में भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। शेष में शीघ्र ही जमीन आवंटित कर निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा। समीक्षा के दौरान बताया गया कि स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट में 3169 गांव चयनित किये गये हैं।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने मनरेगा, जनता जल योजना, मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना, राजीविका, महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना, मुख्यमंत्री खेल मैदान विकास योजना, मुक्तिधाम विकास योजना सहित अन्य विभागीय योजनाओं की भी समीक्षा की।

इन बैठकों में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज राज्य मंत्री श्री धनसिंह रावत, मुख्य सचिव श्री ओ.पी. मीना, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज श्री सुदर्शन सेठी, महिला एवं बाल विकास सचिव श्रीमती रोली सिंह, शासन सचिव पंचायतीराज श्री नवीन महाजन, शासन सचिव ग्रामीण विकास श्री रोहित कुमार, आयुक्त महात्मा गांधी नरेगा श्री मनीष चौहान, आयुक्त जलग्रहण क्षेत्र विकास श्री अनुराग भारद्वाज, निदेशक (स्वच्छता) श्रीमती आरूषि अजेय मलिक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 29 मई 2017