बांस के परिवहन के लिए अब अनिवार्य नहीं होगा ट्रांजिट पास

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के प्रयासों से प्रदेश के सभी जिलों में बांस के परिवहन के लिए ट्रांजिट पास (पारपत्र) की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। केवल प्रदेश के छह जिलों में जंगल में पाए जाने वाले डेन्ड्रोकेलेमस स्ट्रीक्टस प्रजाति के बांस (लाठी बांस) के लिए ट्रांजिट पास जारी किए जाएंगे। इस संबंध में राज्य के वन विभाग ने बुधवार को एक अधिसूचना जारी कर दी है।

राज्य सरकार के इस फैसले का लाभ किसानों एवं हैण्डीक्राफ्ट कारीगरों को मिलेगा। ट्रांजिट पास की अनिवार्यता समाप्त होने से किसानों को खेतों में तैयार बांस को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में आसानी होगी। इसके अलावा हैण्डीक्राफ्ट कारीगरों को भी हस्तशिल्प उत्पाद तैयार करने के लिए आसानी से बांस उपलब्ध हो सकेगा।

वन विभाग की अधिसूचना में बताया गया है कि छह जिलों उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ एवं सिरोही में डेन्ड्रोकेलेमस स्ट्रीक्टस प्रजाति के बांस (लाठी बांस) के परिवहन के लिए किसानों को ट्रांजिट पास जारी किए जाएंगे। इन जिलों में डेन्ड्रोकेलेमस स्ट्रीक्टस प्रजाति का बांस जंगलों में पाया जाता है। दूसरी प्रजातियों के बांस के परिवहन के लिए पारपत्र की जरूरत नहीं होगी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने किसानों द्वारा अपने खेतों में तैयार किए जा रहे बांस के परिवहन में ट्रांजिट पास की अनिवार्यता के कारण उन्हें आ रही समस्याओं को देखते हुए इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये थे।

जयपुर, 25 अक्टूबर 2017