पैतृक सम्पत्ति में 36 साल बाद हक मिला तो छलक उठे खुशी के आंसू
राजस्व लोक अदालत-न्याय आपके द्वार अभियान के तहत करौली जिले की महोली ग्राम पंचायत में आयोजित शिविर रामधन की सारी निराशा दूर कर खुशियों की सौगात दे गया। रामधन के पिता की मृत्यु 36 वर्ष पहले हो गई थी, लेकिन नामान्तरकरण में नाम नहीं जुड़ने के कारण रामधन को विरासत में मिली सम्पत्ति पर कोई अधिकार नहीं मिला।
रामधन गुर्जर को जब राजस्व लोक अदालत-न्याय आपके द्वार अभियान के तहत ग्राम पंचायत महोली में शिविर आयोजित किए जाने की जानकारी मिली तो उसने राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 88 के तहत खातेदारी घोषणा का प्रार्थना-पत्र पेश किया। शिविर प्रभारी श्री राजेन्द्र गोयल ने तहसीलदार से प्रकरण की जांच कराई। जांच में पाया गया कि रामधन गुर्जर के 4 सगे भाई एवं एक बहिन है। पिता की 36 वर्ष पहले मृत्यु हो गई थी। पिता की सम्पत्ति में नामान्तरण खुलने के दौरान रामधन का नाम इन्द्राज होने से रह गया था। जमाबन्दी में केवल 4 भाइयों राधे, सुरज्या, रमेश एवं छोटे का नाम ही दर्ज किया गया था।
राजस्व लोक अदालत शिविर में 36 साल पुराने इस प्रकरण का निस्तारण करते हुए रामधन का नाम रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए आदेश जारी किए गए। शिविर के दौरान ही समस्त रिकॉर्ड में रामधन गुर्जर का नाम दर्ज किया गया। सहायक कलक्टर श्री राजवीर सिहं यादव ने जब रामधन को राजस्व जमाबन्दी में नाम दर्ज की हुई कॉपी सौंपी तो रामधन की आखों में खुशी के आंसू छलक उठे।
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