बागवानी के राजकुमार

बारां जैसे क्षेत्र में जहां अधिकतर किसान केवल खाद्यान्न, तिलहन और मसाला खेती करते हैं, वहां राजकुमार जैन आंवला, अमरूद, नींबू और चीकू करके बागवानी के राजकुमार बन गए हैं।

राजकुमार बताते हैं कि उन्होंने वर्ष 1977 में राजस्थान विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर किया। उस जमाने में सरकारी नौकरी को छोड़कर खेती को अपनाना कम विस्मय का विषय नहीं था। राजकुमार जैन ने अपने भाईयों की तरह नौकरी या व्यवसाय न करके खेती को अपना पेशा बनाया। उन्होंने परम्परागत खेती के साथ कुछ नया करने का संकल्प लिया। इसी मकसद से उन्होंने 125 बीघा में फैले अपने फार्म को आधुनिक तकनीक से आज बारां जिले का आदर्ष कृषि फार्म बना दिया है।

राजकुमार के फार्म पर आंवला, अमरूद, नींबू, चीकू के पौधे उनके जीजीविषा का जीता जागता उदाहरण हैं। वे इस फार्म से लगभग 15 से 20 लाख रूपये सालाना कमाते हैं। कम पानी अधिक उत्पादन के सिद्धांत को आत्मसात करते हुए राजकुमार ने अपने समूचे फार्म को ड्रिप एरिगेशन से जोड़ रखा है, जिसकी वजह से वे कम पानी में अधिक उत्पादन ले रहे हैं।

बारां, 25 अप्रेल 2017

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