आदर्श भारत के स्वप्न दृष्टा थे स्वामी विवेकानन्द
जयपुर, 11 जनवरी। युवाओं के आदर्श और विश्व में भारतीय अस्मिता के उद्घोषक स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती को आज सम्पूर्ण भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने विश्व में भारतीय सभ्यता, संस्कृति, दर्शन और अध्यात्म को सम्मान दिलाया।
उन्होंने वर्ष 1893 में शिकागो में “विश्व धर्म महासभा” में सनातन धर्म पर दिए अपने ओजस्वी भाषण से यूरोप के लगभग 7 हजार धार्मिक प्रतिनिधियों को चमत्कृत कर दिया था।
वे महान देश भक्त, विचारक और मानवतावादी थे। उनका यह मूलमंत्र आज भी स्मरण करने योग्य है – “उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक मंजिल प्राप्त नहीं हो जाए।” आइए! हम भी इसी संकल्प को दोहरा कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करें।