अशिक्षित वंचितों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना भी हमारी जिम्मेदारी

विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सरकारी घोषणा या योजना के लाभ का पात्र है और वह अशिक्षित है तो यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उस वंचित व्यक्ति को ऐसी योजना की जानकारी दें। उन्होंने कहा कि कई अशिक्षित श्रमिक जानकारी के अभाव में पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं करा पाते और उस लाभ से वंचित रह जाते हैं, जो उन्हें मिलना चाहिए। ऐसे में विभागीय अधिकारियों को ऐसी व्यवस्था लागू करनी चाहिए, जिससे श्रमिक आसानी से नवीनीकरण करा सकें।

श्रीमती राजे शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में श्रम, रोजगार एवं कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा जनजाति क्षेत्र विकास तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभागों से सम्बंधित बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि लम्बित पड़े श्रमिक पंजीकरण आवेदनों का निस्तारण शीघ्र किया जाए। उन्होंने पेंशनरों का प्रतिवर्ष नियमित सत्यापन कराने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विख्यात फड़ कला को संरक्षित रखने के लिए इसे आने वाली पीढ़ी को सिखाना जरूरी है। उन्होंने इसके लिए कौशल विकास विभाग द्वारा भीलवाड़ा जिले के फड़ कलाकारों के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कृषि सम्बंधित कौशल प्रशिक्षण की सम्भावनाओं पर काम किया जाए।

श्रीमती राजे ने तकनीकी शिक्षा विभाग को शिक्षण-प्रशिक्षण के नए केन्द्र खोलने के लिए खाली पड़े पुराने भवनों का उपयोग करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि उपयोग में नहीं आ रहे ऐसे भवनों में थ्री-डी प्रिंटिंग तथा रोबोटिक सेंटर आदि शीघ्र ही स्थापित किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में आधारभूत ढ़ांचे में कमियों को भी जल्दी पूरा कर छात्र-छात्राओं को सुविधाएं उपलब्ध कराएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उदयपुर में प्रदेश के पहले मदर मिल्क बैंक की तरह ही सात अन्य स्थानों पर मिल्क बैंक शुरू करने, जनजाति क्षेत्रों में कुपोषण की समस्या को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रयास करने तथा जिलों में खुल रहे डायलिसिस केन्द्रों में कौशल प्रशिक्षण की सुविधा अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्हांने नए मेडिकल कॉलेजों के लिए भवन निर्माण कार्य को तय समय से पहले ही पूरा करने के लिए कहा ताकि निर्धारित समय पर मेडिकल कोर्स शुरू किए जा सकें।

श्रीमती राजे ने ओल्ड-एज होम्स की स्थिति बेहतर करने, हेयर ड्रेसर को ऋण देने सम्बंधी दिशा निर्देश तैयार करने तथा जनजाति क्षेत्र में सभी घोषित स्थानों पर बालिका आश्रम छात्रावास शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आरएसएलडीसी की ओर से प्रकाशित पुस्तिका ब्रांडिंग एवं कम्युनिकेशन गाइडलाइंस का विमोचन भी किया।

इन बैठकों में तकनीकी एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी, श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री जसवंत सिंह यादव, जनजाति क्षेत्र विकास मंत्री श्री नन्दलाल मीणा, चिकित्सा मंत्री श्री कालीचरण सराफ, मुख्य सचिव श्री ओपी मीना, अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता श्री अशोक जैन, प्रमुख शासन सचिव श्रम एवं रोजगार श्री रजत मिश्रा, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री पीएस मेहरा, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती वीनू गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव आयोजना एवं आईटी श्री अखिल अरोरा, निदेशक सामाजिक न्याय श्री समित शर्मा, आयुक्त आरएसएलडीसी श्री कृष्ण कुणाल, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री आनन्द कुमार सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 27 मई 2017