शिविर में गिले-शिकवे हुए दूर, रिश्ते को मिला नवजीवन
राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार अभियान केवल राजस्व प्रकरणों का त्वरित निस्तारण कर आमजन को राहत प्रदान ही नहीं कर रहा है वरन इन शिविरों में आ रहे कई प्रकरणों के दौरान संवेदनाएं, सामाजिक मूल्य और मृत प्रायः हो चुके रिश्ते भी फिर से जीवंत हो गए हैं। ये शिविर बरसों पुराने गिले-शिकवे दूर करने और रिश्तों को नवजीवन व दिशा प्रदान करने की भी धूरी बन रहे हैं।
ऐसा ही एक वाकया चुण्डावाडा में आयोजित राजस्व शिविर के दौरान देखने को मिला जब 14/2014 में दर्ज वाद के तहत दौलतसिंह एवं छत्तरसिंह पिता पर्बतसिंह राजपूत के मध्य जमीन को लेकर विवाद का प्रकरण आया। इस विवाद के तहत लाम्बा भाटडा में पांच बीघा नौ बिस्वा तथा चुण्डावाडा में आठ बीधा जमीन में भाई दौलतसिंह का नाम दर्ज नही था जिसके लिए बंटवारे को लेकर कई वर्षों से मनमुटाव ने रिश्तों में दूरियां पैदा कर दी थीं।
चुण्डावाडा में आयोजित शिविर के दौरान वादी दौलतसिंह ने वाद प्रकरण प्रस्तुत किया जिस पर शिविर प्रभारी एवं उपखण्ड अधिकारी रामकिशन मीणा ने प्रतिवादी छत्तरसिंह को समझाईश कर मौके पर बुलाया। शिविर अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा संवेदनाओं और संस्कारों को जीवंत रखने की परम्पराओं के प्रेरणात्मक उदाहरणों द्वारा समझाईश की गई। इस मौके पर प्रधान राधा देवी घाटिया, सरपंच धनपाल, जिला परिषद सदस्य रूपलाल आदि गणमान्य ग्रामवासी भी उपस्थित थे।
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के द्वारा किए गए ये प्रयास रंग लाए और गिले-शिकवों को दूर कर बरसों से मन पर जमे कोहरे के धुंधलके में गुम से हो गए रिश्तों में प्राण फूंक गए। शिविर में हुई आपसी समझाईश के बाद दोनों भाई दौलतसिंह तथा छत्तरसिंह की आपसी रजामंदी से बंटवारे के आदेश जारी किए गए।
शिविर में हुए दो भाईयों के इस मिलन पर अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामवासियों के साथ ही परिवार के सदस्यों की आंखों में स्नेहमिलन के आंसू छलक गए।
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