80 पार श्रृंगारी बाई के लिए वरदान साबित हुआ न्याय आपके द्वार शिविर निकले दिली उद्गार – सरकार ही म्हारी माई-बाप है, हाऊ काम वेग्यो, म्हें घणी-घणी राजी वई
80 पार श्रृंगारी बाई के लिए वरदान साबित हुआ न्याय आपके द्वार शिविर निकले दिली उद्गार – सरकार ही म्हारी माई-बाप है, हाऊ काम वेग्यो, म्हें घणी-घणी राजी वई
न्याय आपके द्वार शिविर में अस्सी वर्षीय श्रृंगारी बाई बेहद भावुक हो उठी। तीन महीने का इकट्ठा गेहूँ और चीनी मिलने और साथ ही साथ पेंशन में बढ़ोतरी की बात सुनकर बूढ़ी अम्मा की आँखों में खुशी के आँसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा जो काफी देर तक थम ही नहीं पाया। उसने दिल से सरकार का आभार जताते हुए कहा – सरकार ही म्हारी माई-बाप है। हाऊ काम वेग्यो। म्हें घणी-घणी राजी वई।
राजस्व लोक अदालत अभियान – न्याय आपके द्वार के अन्तर्गत राजसमन्द पंचायत समिति अन्तर्गत पीपरड़ा में हाल ही हुए शिविर में हाथों हाथ अपने काम हो जाने के कारण एक साथ कई सारे सुकून मिल जाने की खुशी में अस्सी बसन्त देख चुकी, परिवार के नाम पर अकेली बुजुर्ग विधवा श्रीमती श्रृंगारी बाई सालवी खुशी में अत्यन्त भावुक हो उठी।
श्रीमती श्रृंगारी बाई सालवी ने शिविर में आकर शिविर प्रभारी, उपखण्ड अधिकारी श्री राजेन्द्रप्रसाद अग्रवाल को बताया कि वह अन्त्योदय श्रेणी में शामिल है तथा 2 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से उसे अभी तक 35 किलोग्राम गेहूँ मिल रहा था किन्तु पिछले 3-4 महीने से उसे राशन का गेहूँ एवं शक्कर नहीं मिल रही है। इस पर राशन डीलर को तलब कर पोस मशीन पर श्रृंगारी बाई की दसों उंगलियों को लगा कर देखा गया तो पाया कि उसका बायोमैट्रिक मिलान नहीं हो पा रहा है। कम्प्यूटर से उसका अकाउंट देखने पर उसे अंतिम बार 24 मार्च को गेहूं मिलने की पुष्टि हुई।
इस समस्या को देखते हुए उपखण्ड अधिकारी श्री राजेन्द्रप्रसाद अग्रवाल ने लाभार्थी की पहचान कर एसएसओआईडी के माध्यम से ई-पीडीएस पोर्टर पर जाकर अपने पासवर्ड से बाय पास के ऑप्शन का उपयोग करते हुए समस्या का समाधान कर भविष्य में स्थायी रूप से राशन प्राप्ति का मार्ग खोल दिया। अब उसे राशन पाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
श्रृंगारी को मौके पर ही प्रवर्तन निरीक्षक निशा मूंदड़ा की मौजूदगी में पीओएस मशीन से उसका बकाया 3 महीने का गेहूँ 105 किलो एवं 1.5 किलो चीनी उपलब्ध कराई गई। इसके साथ ही श्रृंगारी बाई की एक और समस्या का समाधान कर उसके लाभ में बढ़ोतरी की गई। उसे मिल रही पेंशन के बारे में शिविर प्रभारी द्वारा जानकारी करने पर सामने आया कि उसे वृद्धावस्था योजना के तहत 750 रुपए पेंशन मिल रही है। श्रृंगारी वृद्ध होने के साथ-साथ एकल महिला विधवा है। राज्य सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 से 75 साल से अधिक उम्र की विधवा को 1500 रुपए पेंशन देने के आदेश के अनुसार श्रृंगारी की पेंशन भी दूगुनी होनी है। इस प्रावधान को देखते हुए शिविर में श्रृंगारी बाई से विधवा पेंशन का नया फार्म भरवाया गया। अब सरकार की नई योजना में उसे 1 जुलाई से प्रतिमाह 750 की बजाय 1500 रुपए पेंशन मिलने लग जाएगी।